भाजपा कार्यालय पर आयोजित "संविधान दिवस" कार्यक्रम !

 


हि. वार्ता। राजेश प्रजापति

इटावा। 26 नवंबर ,संविधान दिवस । भारत का संविधान अपनाने के उपलक्ष्य में हमारे देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है । 

इसी क्रम में आज भाजपा कार्यालय पर जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत की अध्यक्षता में संविधान दिवस कार्यक्रम मनाया गया।

जिमसें मुख्य अतिथि में रूप के औद्योगिक विकास राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति उपस्थित रहें ।

मुख्य अतिथि धर्मवीर प्रजापति, इटावा सांसद डॉ रामशंकर कठेरिया एवं जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत द्वारा संविधान दिवस पर सर्वप्रथम संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के चित्र  पर पुष्पांजलि कर एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा इटावा सांसद डॉ रामशंकर कठेरिया ने कहा कि भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया था, जो 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ । नागरिकों के बीच संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के भारत सरकार के निर्णय को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को अधिसूचित किया ।

मूल रूप से भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद (22 भागों में विभाजित) और 8 अनुसूचियाँ थी, किंतु विभिन्न संशोधनों के परिणामस्वरूप वर्तमान में इसमें कुल 470 अनुच्छेद (25 भागों में विभाजित) और 12 अनुसूचियां हैं। संविधान के तीसरे भाग में मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एवं औधोगिक विकास राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा हर भारतीय नागरिक के लिए हर साल 26 नवंबर का दिन बेहद खास होता है। दरअसल यही वह दिन है जब देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था। 

यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य में हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं। हर वर्ष 26 नवंबर का दिन देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। अपने समापन उद्बोधन में जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत ने कहा पूरा संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ था। 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ था

संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी। ये बेहतरीन कैलीग्राफी के जरिए इटैलिक अक्षरों में लिखी गई है। इसके हर पन्ने को शांतिनिकेतन के कलाकारों ने सजाया था। 

संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखी गई थीं। इन्हें आज भी भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित रखा गया है।

हाथ से लिखे हुए संविधान पर 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे जिसमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं। दो दिन बाद 26 जनवरी से यह संविधान देश में लागू हो गया था। 

संविधान 25 भागों, 470 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बंटा भारतीय संविधान किसी दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। कार्यक्रम का कुशल संचालन जिला महामंत्री शिवाकांत चौधरी ने किया ।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला महामंत्री अन्नू गुप्ता, प्रशांत राव चौबे, उपाध्यक्ष देवप्रताप सिंह भदौरिया, जिला मंत्री डॉ ज्योति वर्मा, राहुल राजपूत, जिला मीडिया प्रभारी रोहित शाक्य, सीपू चौधरी, विनीता गुप्ता, विकास भदौरिया, विरला शाक्य, उदयवीर दोहरे, अवधेश चतुर्वेदी, रईसुद्दीन राइन, संजू चौधरी, सागर दुबे, बासु चौधरी, प्रभात दीक्षित, दीपक शाक्य, मंडल अध्यक्ष सुशान्त दीक्षित, कार्यालय प्रभारी रवि पाल, सत्यम राजपूत सहित पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहें ।

नोट - चित्र में मध्य में मुख्य अतिथि धर्मवीर प्रजापति उनके दाएं सांसद डॉ रमाशंकर कठेरिया एवं उनके बाए जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत।