वृन्दावन में ठाकुर राधावल्लभ लाल जी का पाटोत्सव ,विभिन्न धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ।



वृन्दावन। छीपी गली स्थित श्री प्रियावल्लभ कुंज में श्रीहितपरमानंद शोध संस्थान के द्वारा ठाकुर राधावल्लभ लाल जी का त्रिदिवसीय पाटोत्सव विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आज से प्रारम्भ हो गया है। इस अवसर पर आयोजित सन्त-विद्वत संगोष्ठी में श्रीहितपरमानंद शोध संस्थान के अध्यक्ष आचार्य विष्णुमोहन नागार्च ने कहा कि राधावल्लभीय उपासना में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। क्योंकि श्रीहितहरिवंश महाप्रभु ने श्रीधाम वृन्दावन में ठाकुर राधावल्लभ लाल जी को लेकर इसी मास में प्रवेश किया था। अतः इस मास में ठाकुर राधावल्लभ लाल जी का पाटोत्सव,वृन्दावन पाटोत्सव,गोस्वामी सुन्दरवर जी महाराज का जन्मोत्सव एवं राधावल्लभीय आचार्यों का तिलकोत्सव आदि इसी मास में आयोजित किए जाते हैं। 

संस्थान के समन्वयक एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि कार्तिक मास अत्यंत महिमामयी मास है।इसी मास में समुद्र मंथन के दौरान माँ लक्ष्मी, गौमाता, अमृत कलश लेकर धन्वंतरि,कल्पवृक्ष आदि अवतरित हुए थे। अतः इस मास में की गई भगवत उपासना अक्षय फल प्रदान करने वाली है।

मथुरा-वृन्दावन नगर-निगम के पार्षद रसिक वल्लभ नागार्च ने कहा कि कार्तिक मास देव मास है। इसीलिए देव दीपावली का त्योहार इसी मास में मनाया जाता है। इस मास में दीप दान का भी विशेष महत्व है। अतः श्री यमुना किनारे एवं विभिन्न देवालयों में दीपदान करने के लिए सात समुंदर पर असँख्य भक्त-श्रद्धालु ब्रज में आते हैं। 

युवा-साहित्यकार राधाकांत शर्मा ने कहा कि कार्तिक मास में हिन्दू संस्कृति के प्रायः सभी महत्वपूर्ण पर्व-त्योहार आते हैं। इसीलिए इस मास का महत्व अन्य मास की तुलना में अत्यधिक है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में समस्त  देवी-देवता ब्रज ही निवास करते हैं। अतः इस मास में वृन्दावन,गोवर्धन एवं ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा करने वालों को पग-पग पर अश्वमेध यज्ञ करने जैसा फल प्राप्त होता है। 

इस अवसर पर दतिया (मध्यप्रदेश) के प्रमुख पुरातत्व संरक्षक संजय रावत, डॉ. चन्द्रप्रकाश शर्मा, श्रीमती कमला नागार्च, श्याम सुन्दर बाहेती, राधारमण पाठक, रवि अग्निहोत्री, भागवताचार्य करुणा शंकर त्रिवेदी, हितवल्लभ नागार्च, मनु शर्मा, प्रिया मिश्रा, जुगलकिशोर शर्मा, रासबिहारी मिश्रा, तरुण मिश्रा, भरत शर्मा, शारदा गोस्वामी, अनुराधा पाठक, डॉ. जयेश खण्डेलवाल, पंडित संजय द्विवेदी, दीनानाथ गोस्वामी, राजकुमार शर्मा, वसुधा चतुर्वेदी आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।गोष्ठी के अंतर्गत संस्थान की मासिक पत्रिका "हित उत्सव" का विमोचन भी किया गया। संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया। महोत्सव के अंतर्गत डॉ. श्याम बिहारी खण्डेलवाल की मुखियायी में मंगल बधाई-समाज गायन किया गया। साथ ही श्रीमद्भागवत का मूलपाठ, हितवाणी पाठ एवं विप्र-ब्रजवासी वैष्णव सेवा भी की गई। रात्रि को रासलीला का अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन किया गया। ठाकुर प्रियावल्लभ कुंज की भव्य सजावट की गई।आतिशबाजी चलायी गयी। पटाखे छोड़े गए। रुपये, कपड़े, मेवा-मिष्ठान लुटाये गए। 

रिपोर्ट-डॉ. गोपाल चतुर्वेदी