गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की अवधि बढ़ाए एवं चालानो की राशि घटाए सरकार: आगरा मंडल व्यापार संगठन।






 

आगरा। आगरा मंडल व्यापार संगठन ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी  एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की अवधि को बढाने मांग की है।

पत्र में संगठन ने कहा है कि सरकार द्वारा वाहनों पर लगाई गई 15 साल की पाबंदी व्यवसायिक वाहनों पर लगाना तो उचित है लेकिन निजी वाहनों को इस पाबंदी से बाहर रखा जाए। क्योंकि निजी वाहन बहुत कम चलते हैं, उनके अंदर ऐसी कोई विशेष खराबी नहीं आती है कि उसको चलाना बंद कर दे। दुपहिया वाहन तो विशेषकर देश की 80% मध्यमवर्गीय एवं गरीब जनता उपयोग करती है। एक गरीब आदमी अपनी रोजी-रोटी चलाने की खातिर एवं अपने व्यापार की बढ़ोतरी के लिए दुपहिया व चार पहिया वाहन खरीदता है और अपनी जिंदगी में दूसरा वाहन खरीदने की हिम्मत भी नहीं करता है। एक परिवार द्वारा 1 वर्ष में लगभग 4-5 हज़ार किलोमीटर गाड़ी चलती है और बहुत से लोग तो पेट्रोल मूल्य में वृद्धि होने के कारण भी गाड़ी कम चलाते हैं ,जबकि गाड़ी कंपनियों के निर्माता द्वारा यह स्पष्ट कहा जाता है कि एक गाड़ी को एक लाख से डेढ़ लाख किलोमीटर तक चलाने में गाड़ियों का कुछ नहीं बिगड़ता है ,लेकिन सरकार की 15 साल की नीति की वजह से उस मध्यम वर्गीय परिवार को अपने द्वारा खरीदी गई महंगी गाड़ियों को स्क्रैप के रेट में बेचना पड़ता है ,नहीं तो चालान की मोटी रकम चुकानी पड़ती है।

संगठन के व्यापारी नेताओं ने कहा है कि 80% गरीब जनता के ऊपर जबरदस्ती नया वाहन खरीदने का दबाव डालने का सरकार का निर्णय सरासर गलत है।

 सरकार का यह निर्णय, जनता के ऊपर किया गया अप्रत्यक्ष अत्याचार है ,और आम जनता अपने आपको असहाय महसूस कर रही है।ऐसा  प्रतीत हो रहा है कि सरकार पूंजीपतियों एवं महान बनाने वालों को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन कर रही है।और देश की गरीब जनता का उत्पीड़न हो रहा है।

 संगठन ने सरकार से मांग की है कि प्राइवेट वाहनों से प्रतिबंध हटाकर पुनः निरीक्षण कर उनके पुनः रजिस्ट्रेशन का उसी शहर में चलने की अवधि अग्रिम 15 वर्षों तक के लिए और बढ़ाई जाए।

संगठन ने यह भी मांग की है कि चालानों की राशि इतनी अधिक कर दी गई है कि वे गाड़ियों की कीमत से भी अधिक है। चालान की राशि गाड़ी के मूल्य का आकलन करके बीमा की राशि  तय की जाए। 

 संगठन के व्यापारी नेताओं ने कहा कि एक ही गाड़ी के एक ही तारीख में तकनीक के अभाव में कैमरा के द्वारा कई कई चालन हो जाते हैं जिससे आम जनता का मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न होता है ,अतः जब तक सभी कैमरो का फिल्टर सुचारू रूप से कार्य नहीं कर रहा है तब तक उस शहर में e- चालानों पर प्रतिबंध  लगाना चाहिए तथा गलत चालानों को निरस्त किया जाना चाहिए। जिन वाहनों को सीज किया जा रहा है उनका चालान भी नहीं किया जाना चाहिए।उन गाड़ियों को या तो सीज करें या चालान करें।

 सुझाव देने वालों में संगठन के सर्व श्री गोविंद अग्रवाल ,पवन बंसल ,तिलोक चंद शर्मा, इंजीनियर महेंद्र सिंह वर्मा, चरणजीत सिंह ,अशोक गोयल गुरुदयाल सिंह बेदी ,चरणजीत सिंह टिम्मा ,चंद्र मोहन खंडेलवाल, शरद अग्रवाल, सौरभ जसोरिया ,कृष्ण कुमार गोयल , अरविंद बंसल ,संजय गोयल आदि प्रमुख हैं।