एमिटी विश्वविद्यालय में ‘युवाओं के पुनरूस्थान हेतु गांधीवादी विचार’ विषय पर व्याख्यान सत्र का आयोजन







हिन्दुस्तान वार्ता, नोएडा।

छात्रों को गांधीजी विचारों की महत्वतता और प्रांसगिकता से अवगत कराने के लिए एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ बिहेवियरल एंड एलाइड सांइसेस द्वारा ‘‘युवाओ के पुनरूस्थान हेतु गांधीवादी विचार’’ विषय पर व्याख्यान सत्र का आयोजन एल ब्लाक सभागार, एमिटी विश्वविद्यालय में किया गया। इस कार्यक्रम में इंडोनेशिया के बाली स्थित आश्रम गांधी पुरी के संस्थापक चेयरमैन, पद्मश्री श्री अगुस इंदरा उदायना ने छात्रों को जानकारी प्रदान की और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ बिहेवियरल एंड एलाइड सांइसेस के प्रमुख डा हरीश कुमार ने उनका स्वागत किया।


इंडोनेशिया के बाली स्थित आश्रम गांधी पुरी के संस्थापक चेयरमैन, पद्मश्री श्री अगुस इंदरा उदायना ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि गांधीजी के विचार कल भी प्रासंगिक थे, आज भी है और कल भी रहेगें। जीवन में दो प्रकार के व्यक्ती होते एक किताबो से सीखते है और दूसरे अपने अनुभवों से सीखते है। उन्होनें सभी छात्राओं को शक्ति का स्वरूप बताते हुए कहा कि गांधीजी ने कहा था कि देश की आजादी के लिए सर्वप्रथम स्वंय को आजाद समझना होगा और महिलाओं को कुरितियों से मुक्त करना होगा। श्री उदायना ने कहा कि कोरोना के समय ने आपको अपने परिवार के निकट जाने का मौका प्रदान किया इसके साथ जीवन और प्रेम के महत्व को भी बताया। उन्होनें यह भी कहा कि जीवन में किसी की नकल करने की बजाय स्वंय के पथ प्रदर्शक बनें और अपनी राह का निमार्ण करें। उन्होेनें गांधीजी के उद्गारों से छात्रों को अपनी परंपरा, शाकाहारी बनने, दूसरों की सहायता करने की प्रेरणा दी। छात्रों के प्रश्नो के उत्तर देते हुए उन्होनें कहा कि स्वंय के स्वकर्म और स्वधर्म को समझे। महात्मा गांधी की आत्मकथा को पढ़े और दूसरों को पढ़ने के लिए प्रेरित करें। इस दौरान उन्होनें ‘‘वैष्णव जन तो’’ और ‘‘ बिन हरि भजन सुख शांती नाही’’ का गायन किया।


एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ बिहेवियरल एंड एलाइड सांइसेस के प्रमुख डा हरीश कुमार ने अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि एमिटी मे ंहम छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के साथ महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित करते है। इस व्याख्यान सत्र से छात्रों को गांधीजी के जीवन से सत्य, अहिंसा, सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलेगी। डा कुमार ने कहा कि छात्रों को श्री अगुस इंदरा उदायना से मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए।


इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ बिहेवियरल एंड एलाइड सांइसेस की डा टी बीना भी उपस्थित थी।


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