वृन्दावन के रुक्मिणी विहार में श्रीमद्भागवत सप्ताह के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण जन्म लीला का आयोजन।


हिन्दुस्तान वार्ता।

वृन्दावन। रुक्मिणी विहार स्थित श्रीकुञ्जबिहारी सेवा धाम में श्रीहितपरमानंद शोध संस्थान के द्वारा चल रहे सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण की जन्मलीला की कथा का व्यासपीठ से रसपान कराते हुए श्रीहित ललित वल्लभ नागार्च ने कहा जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है और दुष्प्रवृत्तियों के द्वारा अत्याचार बढ़ते हैं,तब-तब धर्म की रक्षा और अत्याचारियों का नाश करने के लिए भगवान विष्णु हर युग में पृथ्वी पर अवतरित होते हैं।उन्होंने कहा भगवान श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के पूर्णावतार हैं। भगवान श्रीकृष्ण पृथ्वी पर जन-जन के कल्याण के लिए ही इस धरा पर प्रगट हुए। उन्होंने विश्व में प्रेमा भक्ति का प्रचार-प्रसार किया। इससे पूर्व बारह अवतार, नृसिंहावतार, वामनावतार और श्री रामावतार की कथा का भी रसपान आचार्य ललित वल्लभ नागार्च के द्वारा कराया गया।

रसोत्सव में श्रीहितपरमानंद शोध संस्थान के समन्वयक डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, पार्षद रसिकवल्लभ नागार्च, युवा साहित्यकार राधाकांत शर्मा, श्रीमती वसुधा चतुर्वेदी, रासबिहारी मिश्रा, जुगलकिशोर शर्मा, तरुण मिश्रा, भरत शर्मा, रवि अग्निहोत्री, हितवल्लभ नागार्च,मुख्य यजमान लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, रामनारायण अग्रवाल, हनुमान प्रसाद अग्रवाल,नारायण अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, गोविंद अग्रवाल, संजय अग्रवाल, ललित अग्रवाल,अखिलेश अग्रवाल, प्रतीक अग्रवाल एवं अंश अग्रवाल आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

रिपोर्ट-डॉ. गोपाल चतुर्वेदी