एमिटी में अनुसंधान और विकास संगठन के 35 प्रतिभागी ले रहे प्रशिक्षण

एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेनिंग एंड डेवलपमेंट एंव एमिटी फाउंडेशन फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन अलायंस ने मिलकर 10 दिवसीय ’ऑनलाइन क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज से शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से हो रहा है जिसमें सरकारी अनुसंधान और विकास संगठन के मध्यम एंव जूनियर स्तर के पदों के 35 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को बधाई देने एंव उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए एफएनएई, एफआईएमएस के वरिष्ठ सलाहकार एंव नीति समन्वय और कार्यक्रम प्रबंधन(पीसीपीएम), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक एच एंव प्रमुख डा अखिलेश गुप्ता ने अपना संबोधन दिया। सभी अतिथियों का स्वागत एमिटी शिक्षक समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक चौहान एंव एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेªनिंग एंड डेवलपमेंट के सीईओ डा नितिन बत्रा ने किया। एफएनएई, एफआईएमएस के वरिष्ठ सलाहकार एंव नीति समन्वय और कार्यक्रम प्रबंधन(पीसीपीएम), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक एच एंव प्रमुख डा अखिलेश गुप्ता ने कहा कि भारत में लभगभ 1000 अनुसंधान एंव विकास संस्थान है जिसमें विज्ञान की विशाल प्रणाली है। आज भारत में 59,000 से अधिक स्टार्ट अप है और भारत में जिस तरह की नवाचार प्रणाली है, वह वास्तव में सराहनीय है। पेटेंट अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इसमें निजी विश्वविद्यालंय काफी योगदान दे रहे है। प्रत्येक संस्थान को पेटेंट फाइलिंग को प्रोत्साहित करना चाहिए और इसके बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए। भारत के तकनीकी परिस्थितिकी तंत्र और विज्ञान प्रबंधन में एक बड़ा बदलाव हो रहा है। यह देखकर खुशी होती है कि भारत मितव्ययी नवाचार मे नंबर एक देश के रूप में उभर रहा है।एक लीडर को अपनी संस्था के प्रति वफादार होना चाहिए और उसकी दृष्टि को उसकी संस्था के दृष्टिकोण के साथ संरेखित करना चाहिए। एमिटी शिक्षक समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक चौहान ने कहा कि हमें इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन से बहुत खुशी हो रही है जिसमें हमारे शिक्षकों और वैज्ञानिकों को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुशल नेता बनने में मदद मिलेगी। एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेªनिंग एंड डेवलपमेंट के सीईओ डा नितिन बत्रा ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन इसलिए किया गया है वैज्ञाानिकों को अनेक अवसर प्राप्त हो सके। इस कार्यक्रम के माध्यम से तकनीकी कौशल के साथ साथ सॉफ्ट स्किल्स को भी सीखने का मौका मिल रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी अपना संचार बेहत करेगे और नेटवर्किंग भी कर सकेगे। इस दस दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम में शिक्षक, वैज्ञनिक और विद्वान भी भाग ले रहे है। इस कार्यक्रम में एमिटी फाउंडेशन फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन अलायंस के डीजी डा राजीव शर्मा, एमिटी यूनिवर्सिटी छत्तीसगढ़ के चांसलर डा डब्ल्यू सेल्वामूर्ति ने भी हिस्सा लिया।