मन, वाणी, कर्म के कष्ट देना भी पापः नीरज नयन जी।





महाराजा अग्रसेन भवन में बह रही भक्ति की धारा।

राधे-राधे की गूंज के साथ श्रद्धालु श्रवण कर रहे कथा।

हि. वार्ता।आदर्श नंदन गुप्त

आगराः भागवताचार्य नीरज नयन ने कहा है कि व्यक्ति को संयम रखना चाहिए। मन, वचन और कर्म से भी यदि हमने किसी को कष्ट दिया तो वह भी पाप है और उसका फल हमें भोगना ही पड़ेगा।

स्वामी जी यहां महाराजा अग्रसेन भवन में माधवी अग्र महिला मंडल द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह के दूसरे दिन गुरुवार को प्रवचन दे रहे थे। महाराज जी श्री नीरज नयन ने शुकदेव मुनि के जन्म, राजा परीक्षित के जन्म, ऋषि श्राप की कथा श्रवण कराई। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने जीवन में मन, वाणी, कर्म से किसी को भी कष्ट नहीं देना चाहिए। जो व्यक्ति किसी को भी कष्ट नहीं देता वह बैकुंठ में जाता है। भगवान के नाम के सुमिरन से विश्व का कल्याण संभव है। उन्होंने कहा की मानव जीवन में भक्ति और सत्संग आवश्यक है। दुनिया भर में आज अराजकता का माहौल बन रहा है। हर ओर संकट है, लेकिन सत्संग के कारण ही प्रलय से लोग बचे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कथा का श्रवण तभी सार्थक है, जब कथा के शब्द -शब्द के साथ हमारी यात्रा हो और हमारा मन श्याम की पावन कीर्ति को सुनकर मयूर बनकर नृत्य करने लगे। 

कथा में गुरुवार की अतिथि राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती निर्मला दीक्षित थीं। उन्होंने श्रीमद् भागवत पुराण की आरती उतारी और कहा कि निर्मल भाव से ही भगवान का नाम लेने से जीवन का उद्धार होता है। इस प्रकार की कथा के आयोजन समय-समय पर किए जाने चाहिए, जिससे समाज में समरसता और भक्ति का भाव बना रहेगा। मुख्य यजमान  सुरेश अग्रवाल, शशि अग्रवाल ने पूजन किया। आरती उतारने वालों में बीडी अग्रवाल (पुष्पांजलि), कन्हैया लाल अग्रवाल, ओम प्रकाश गोयल, पुष्पा अग्रवाल, मनोज पोली, ब्रजेश अग्रवाल, महेशचंद, संजू अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, उषा बंसल, राजकुमारी, प्रीति, बबीता,आभा जैन, वंदना,शशि अग्रवाल, रजनी अग्रवाल रेनू,  पदमा, बबिता आदि थे। उषा बंसल के अनुसार शुक्रवार को प्रहलाद भक्ति आदि की कथा दोपहर एक बजे से होगी।