जननायक ,पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जी की जयन्ती समारोह सम्पन्न।




हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा

दलित- शोषित व गरीबों के मसीहा पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की 98 वी जयंती के शुभ अवसर पर उनकी प्रतिमा , शहीद नगर राजपुर शमशाबाद रोड आगरा क्षेत्र पुलिस चौकी के पीछे पार्क में जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया।

माल्यार्पण में केंद्रीय मंत्री आगरा सांसद मा. एस. पी. सिंह बघेल जी राज्यसभा मंत्री और छावनी विधायक मा. डॉक्टर जी. एस. धर्मेश जी ,भाजपा उत्तर प्रदेश ओ.बी.सी. मोर्चा के महामंत्री श्री राम चंद प्रधान जी ,ब्रजक्षेत्र संयोजक जितेंद्र कुमार सविता ,डिप्टी मेयर/ पार्षद जगदीश पचौरी ,युवा व्यवसाई पीयूष वर्मा आदि प्रमुख थे।

केंद्रीय मंत्री आगरा सांसद मा. एस. पी. सिंह बघेल ने बताया कि कर्पूरी जी की 17 फरवरी 1988 को अगर उनकी मृत्यु नही होती तो 1989 वह प्रधानमंत्री होते।

कर्पूरी ठाकुर बिहार में एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे। 1952 की पहली विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद वे बिहार विधानसभा का चुनाव कभी नहीं हारे। राजनीति में इतना लंबा सफ़र बिताने के बाद जब वे दिवंगत हुए तो अपने परिवार को विरासत में देने के लिए एक मकान तक उनके नाम नहीं था, ना तो पटना में, ना ही अपने पैतृक घर में वो एक इंच जमीन जोड़ पाए।

जब करोड़ो रुपयों के घोटाले में आए दिन नेताओं के नाम उछल रहे हों, कर्पूरी जी जैसे नेता भी हुए, विश्वास ही नहीं होता। उनकी ईमानदारी के कई किस्से आज भी बिहार में आपको सुनने को मिलते हैं। उनसे जुड़े कुछ लोग बताते हैं कि कर्पूरी ठाकुर जब राज्य के मुख्यमंत्री थे तो उनके रिश्ते में उनके बहनोई उनके पास नौकरी के लिए गए और कहीं सिफारिश से नौकरी लगवाने के लिए कहा। उनकी बात सुनकर कर्पूरी ठाकुर गंभीर हो गए। उसके बाद अपनी जेब से पचास रुपये निकालकर उन्हें दिए और कहा, “जाइए, उस्तरा आदि ख़रीद लीजिए और अपना पुश्तैनी धंधा आरंभ कीजिए।”

कर्पूरी ठाकुर जब पहली बार उपमुख्यमंत्री बने या फिर मुख्यमंत्री बने तो अपने बेटे रामनाथ को पत्र लिखना नहीं भूले। इस पत्र में क्या था, इसके बारे में रामनाथ कहते हैं, “पत्र में तीन ही बातें लिखी होती थीं- तुम इससे प्रभावित नहीं होना। कोई लोभ लालच देगा, तो उस लोभ में मत आना। मेरी बदनामी होगी।” रामनाथ ठाकुर इन दिनों भले राजनीति में हों और पिता के नाम का लाभ भी उन्हें मिला हो, लेकिन कर्पूरी ठाकुर ने अपने जीवन में उन्हें राजनीतिक तौर पर आगे बढ़ाने का काम नहीं किया।

तत्पश्चात राम सिंह फार्म हाउस में कर्पूरी जी को श्रद्धांजलि एवं जयंती मनाने हेतु एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया

जिसमें बैठक की अध्यक्षता रामबाबू जी ने की  , विशिष्ठ अतिथि जिला पंचायत सदस्य हरीकृपाल सविता जी संचालन चंद्रभान शमादिया जी ने किया,भगवान स्वरूप विनय वर्मा,पीयूष वर्मा, बनवारी सिंह ,ललित कुमार, जयप्रकाश नारायण आदि उपस्थित रहे।