नेशनल चेंबर ने की,मास्टर प्लान 2031 के संबंध में आपत्तियों एवं सुझावों के भेजने पर परिचर्चा।




-कागज पर सुनहरे सपने न देखकर धरातल पर कैसे उतरें उस पर किया जाए विचार।

मेट्रो को दिखाया ही नहीं है - हर कॉरिडोर पर पार्किंग फैसिलिटी होनी चाहिए।

यह केवल लैंड यूज़ प्लान (भू-उपयोग योजना) है - एक डेवलपमेंट प्लान होना चाहिए।

ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्ट प्लान नहीं है 

डेवलपिंग एरिया एवं डेवलप्ड एरिया को चिन्हित नहीं किया है।

कमर्शियल लैंड यूज़ को बढ़ाने की है जरुरत।

रिंग रोड का तीसरा चरण निर्माणाधीन है -एलाइनमेंट गलत दिखाया है और चौड़ाई भी गलत है।

मास्टर प्लान के प्राविधानों का बारीकी से अध्ययन है जरूरी।

आपत्तियां एवं सुझाव भेजने के लिए बढ़ाया जाये समय।

प्रयागराज, वाराणसी एवं अयोध्या महानगरों की महायोजना 2031 में समयावधि बढ़ाई गई है एक माह  - आगरा में क्यों नहीं?

चेंबर ने मंडलायुक्त को फिर भेजा पत्र।

प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन उत्तर प्रदेश शासन भी आपत्तियों एवं सुझावों के लिए समयावधि बढ़ाने पर सकारात्मक।

चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि दिनांक 17 फरवरी 2022 को आगरा मास्टर प्लान 2031 के संबंध में आपत्तियां एवं सुझाव भेजने पर चेंबर द्वारा विशेषज्ञों के साथ एक वेबीनार का आयोजन किया गया।  इससे पूर्व मास्टर प्लान 2031 पर पर चर्चा हेतु 4 फरवरी 2022 को भी एक वेबीनार का आयोजन किया गया था जिसमें सभी बुद्धिजीवियों ने माना था कि मास्टर प्लान 2031 अस्पष्ट है। इसकी बारीकियों को समझने में कठिनाई आ रही है।  यह विषय अत्यंत गंभीर एवं महत्वपूर्ण  है क्योंकि आगरा के विकास से जुड़ा हुआ है। इसके प्रावधानों का बारीकी से अध्ययन किया जाना आवश्यक है। आपत्तियां एवं सुझाव शीघ्रता में भेजना उपयुक्त नहीं है। अतः आपत्तियां एवं सुझाव भेजने के लिए 19 फरवरी से बढ़ाकर अंतिम तिथि 31 मार्च होनी चाहिए।   

आपत्तियां एवं सुझाव भेजने के लिए अंतिम तिथि को 31 मार्च तक बढ़ाने के लिए चेंबर द्वारा मंडलायुक्त महोदय आगरा एवं उपाध्यक्ष, आगरा विकास प्राधिकरण को पत्र भेजे गए थे।  मास्टर प्लान में ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्ट को नहीं दिखाया गया है। यह नहीं बताया है कि जो नियोजन किया गया है उसे धरातल पर कैसे उतारा जायेगा . उन्होंने आगे बताया कि ज्ञात हुआ है कि प्रयागराज, वाराणसी एवं अयोध्या महानगरों में महायोजना 2031 के अंतर्गत आपत्तियां वं सुझाव भेजने के लिए समय अवधि 1 माह बढ़ा दी गई है।  किंतु आगरा महा योजना के अंतर्गत अभी तक कोई समय सीमा नहीं बढ़ाई गई है।  जबकि प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन उत्तर प्रदेश शासन समय सीमा बढ़ाने के लिए सकारात्मक है। आज पुनः मंडलायुक्त महोदय  को समय सीमा बढ़ाने के लिए पत्र भेजकर अनुरोध किया गया है। 

आगरा महायोजना 2031 के अंतर्गत चेंबर के सदस्यों द्वारा जो आपत्तियां एवं सुझाव भेजे गए हैं उनपर आज की वेबीनार में अपरिचर्चा की गई। सभी आपत्तियों एवं सुझावों को वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन द्वारा वेबीनार में प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया।  प्रतिभागियों द्वारा सदस्यों द्वारा भेजी गई आपत्तियां एवं सुझावों को उपयुक्त पाया गया जिन्हें शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही के लिए आगरा विकास प्राधिकरण को अग्रेषित किया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि कंसलटेंट ने  मास्टर प्लान में इंफ्रास्ट्रक्चर एवं वित्तीय संसाधनों का उल्लेख नहीं किया है जो आवश्यक था ।  प्लान में मेट्रो रेल को कहीं नहीं दिखाया गया है।  रिंग रोड का तीसरा चरण बन रहा है किन्तु उसका अलाइनमेंट एवं उसकी चौड़ाई गलत दिखाई गयी हैं।    

प्रह्लाद अग्रवाल ने बताया कि मेट्रो रेल के प्रस्तावित कोर्रिडोरों पर कार पार्किंग नहीं दिखाई गयी है।  

वेबिनार का सञ्चालन प्रील्यूड स्कूल के स्वामी सुशील कुमार गुप्ता द्वारा किया गया। 

वेबीनार में चेंबर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष सुनील सिंघल, कोषाध्यक्ष गोपाल खंडेलवाल, अप्सा के अध्यक्ष डॉ सुशील कुमार गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन, चेंबर के पूर्व अध्यक्ष राजीव तिवारी, सदस्य प्रह्लाद कुमार अग्रवाल, रियल स्टेट उद्यमी  अरुण कुमार डंग, अनेक विकास प्राधिकरण में कार्यरत रहे मुख्य नगर नियोजक वेद मित्तल, युवा उद्यमी हेमंत जैन,  ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता, मुरारी लाल गोयल आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।