नाथद्वारा साहित्य मण्डल द्वारा संजय गुप्त को ‘हिंदी साहित्य मनीषी’ की मानद उपाधि।

 


- पाटोत्सव ब्रजभाषा समारोह में हुआ सम्मान।

आगरा । राजस्थान के श्रीनाथद्वारा की अखिल भारतीय साहित्य सेवी संस्था "साहित्य मंडल" द्वारा आयोजित ‘पाटोत्सव बृजभाषा समारोह’ के द्वितीय सत्र में कवि व साहित्य सेवी संजय गुप्त को "हिंदी साहित्य मनीषी" की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया । 

श्री भगवती प्रसाद देवपुरा प्रेक्षागार में संस्था के उपाध्यक्ष मानस मर्मज्ञ पंडित मदन मोहन शर्मा "अकिंचन" की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय हिंदी संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. नंदकिशोर पांडेय ने श्रीनाथ जी की छवि (चित्र) भेंट कर सम्मानित किया । संजय गुप्त को उनके हाल ही में प्रकाशित काव्य संग्रह "ईश वंदना @ कोविड 19" तथा "करुणा सिंधु की मुक्तामणि" और अनवरत साहित्य सेवा के लिए यह सम्मान दिया गया है । संस्था की ओर से सम्मान पत्र के साथ शाल, मेवाड़ी पगड़ी, कंठमाल, उत्तरीय , श्रीफल, श्रीनाथ जी का प्रसाद भेंट किया गया ।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पूर्व न्यायाधीश चंद्रभाल सुकुमार एवं साहित्यकार डॉ. संतोष यादव की उपस्थिति उल्लेखनीय थी । इस सत्र में आगरा के कवि शिवसागर शर्मा, साहित्यसेवी डॉ. प्रभा गुप्ता, तथा बाह के नवोदित कवि नारायण सिंह भदौरिया "नवल" को भी सम्मानित किया गया । इनके अतिरिक्त देशभर के लगभग दो दर्जन कवि,लेखक व रचनाकारों को विभिन्न सम्मान प्रदान किए गए ।  कार्यक्रम का संचालन "साहित्य मंडल" के प्रधानमंत्री श्याम प्रकाश देवपुरा ने किया तथा सम्मान पत्र का पाठन बिट्ठल पारिख व हरिओम हरि ने किया । 

आगरा के कवि डॉ. युवराज सिंह, डॉ. ज्योत्सना शर्मा, कुमार ललित, नूतन अग्रवाल ज्योति, आकाशवाणी मथुरा के पूर्व वरिष्ठ उद्घोषक डॉ. श्रीकृष्ण "शरद" के अतिरिक्त देश भर के साहित्यकार कार्यक्रम में उपस्थित थे ।