एमिटी विश्वविद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी पर आयोजित,द्वितीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन ‘आईएनसीआईटीई 2022’ का समापन।



हिन्दुस्तान वार्ता।

नोयडा: एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का आज समापन हो गया। कंप्यूटेशनल इंटेलिजेंट और ऑटोमेट यूअर वर्ल्ड के थीम पर आयोजित इस सम्मेलन के समापन समारोह में यूएसए के लॉरेंस टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डा टारेके सोभ, यूएसए के पेन स्टेटस सेंटर फॉर हयुमन कंप्यूटर इंटरेक्शन के निदेशक डा जॉन ए कौरोल, मलेशिया के सारावाक स्टेट गर्वरमेंट के डिजिटल इकोनॉमी के मुख्य सलाहकार और मुख्य वैज्ञानिक डा जगदत्त सिंह, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, यूके के डी मांटफोर्ट विश्वविद्यालय के इंस्टीटयूट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपनिदेशक प्रो शेंगजिनाय यांग, क्वीन यूनिवर्सीटी बेलफास्ट के सेंटर फॉर इंटेलिजेंट ऑटोमॉनस मैनुफक्चुरिंग सिंस्टम के निदेशक डा सीन मैकलून, और एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के संयुक्त प्रमुख डा अभय बंसल द्वारा अपने विचार रखे गये।

इस अवसर पर मलेशिया के सारावाक स्टेट गर्वरमेंट के डिजिटल इकोनॉमी के मुख्य सलाहकार और मुख्य वैज्ञानिक डा जगदत्त सिंह, यूएसए के पेन स्टेटस सेंटर फॉर हयुमन कंप्यूटर इंटरेक्शन के निदेशक डा जॉन ए कौरोल और लॉरेंस टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डा टारेके सोभ को एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनयिरिंग एंड टेक्नोलॉजी में प्रोफेसरशिप की मानद उपाधि प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त एमिटी के पूर्व छात्र और मित्सिुबिशी हैवी इंडस्ट्री जापान में इंजिनियिर श्री यश आनंद और एमिटी की पूर्व छात्रा और आयरलैंड के एरिक्सन में सिनियर क्लाउड इंटीग्रेशन इंजिनियरिंग सुश्री तन्वी खुराना को एमिटी अल्युमनी यंग आईटी एचिवर अवार्ड से सम्मानित भी किया गया।

लॉरेंस टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डा टारेके सोभ ने कहा कि छात्रों में रचनात्मकता और नवाचार की संस्कृती को विकसित करना होगा। 21वी सदी की समस्याओं के निवारण के लिए बहुविषयक शिक्षण और शोध को बढ़ावा देना होगा। हमें सुनिश्चित करना होगा कि छात्र अपने कंर्फट जोन से बाहर निकल कर उद्योगों और समाज की समस्याओ ंके निराकरण के लिए कार्य करें।

यूएसए के पेन स्टेटस सेंटर फॉर हयुमन कंप्यूटर इंटरेक्शन के निदेशक डा जॉन ए कौरोल ने कहा कि तकनीकी हस्तातंरण और विकास वर्तमान में बृहद गती से हो रहा है जबकी पहले इसकी गती कम थी। हार्डवेयर, साफ्टवेयर, एप्लीकेशन और सेवाओ सभी में बदलाव आ रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर सांइस में कार्य कर रहे युवाओं से अपेक्षा है कि वे बदलाव लायेगें। आज हम जिन चुनौतीयों और अवसरों की बात करते है युवा छात्रों के व्यवसायिक जीवन में शायद नई चुनौतियां और अवसर आ जाये इसलिए हमें उन्हे भविष्य की समस्या के निवारण के लिए तैयार करना होगा।

मलेशिया के सारावाक स्टेट गर्वरमेंट के डिजिटल इकोनॉमी के मुख्य सलाहकार और मुख्य वैज्ञानिक डा जगदत्त सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारा उददेश्य अर्थव्यवस्था में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देना है। किसी भी औद्योगिकण में तकनीकी की विशेष भूमिका रहती है। अग्रणी तकनीकी जैसे एआई, 5जी, मशीन लर्निंग को आत्मसात करने के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना आवश्यक है जिससे कंपनी और शोधार्थी इनका उपयोग कर सकें। तकनीकी तेजी से बदल रही है इसलिए कौशल को विकसित करना और अपडेट करना आवश्यक है। उन्होनें साइबर सुरक्षा क ेमहत्व को भी बताया।

एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि विश्व में बदलते भू राजनीतिक परिदृश्य में सूचना प्रौद्यागिकी का महत्व बढ़ गया और हमें विभिन्न क्षेत्रो में और भी आधुनिक उपकरणों, मशीनों की आवश्यकता होगी। ऐसे समय में यह अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन भारत का सुपर पावर बनाने की दिशा में एक और कदम है। हम विश्व को दिखा देगें की हमारे पास सबसे कुशल प्रतिभावान मानव संसाधन है। यह सम्मेलन शोधार्थियों, उद्यमियों और अकादमिको का मार्गदर्शन करेगा।

यूके के डी मांटफोर्ट विश्वविद्यालय के इंस्टीटयूट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपनिदेशक प्रो शेंगजिनाय यांग ने संबोधित करते हुए इंस्टीटयूट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उददेश्य, शोध कार्यो, शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम के संर्दभ में विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस सम्मेलन में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों पर की गई चर्चा युवा शोधार्थियों के लिए अत्यंत सहायक होगी और आपसी सहभागीता को विकसित करेगी।

क्वीन यूनिवर्सीटी बेलफास्ट के सेंटर फॉर इंटेलिजेंट ऑटोमॉनस मैनुफक्चुरिंग सिंस्टम के निदेशक डा सीन मैकलून ने इंटेलिजेस ऑटोनॉमस मैनीफैक्चुरिंग सिंस्टम के मुख्य क्षेत्र जैसे कोआपरेटिव मल्टी रोबोट एंड ऑटोनॉमस सिस्टम, पैरेलेल रोबोट, एडवांस मशीनिंग, मैट्रोलॉजी एनेबल्ड मैनुफैक्चुरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डाटा विश्लेषण के बारे में बताया। सूचना प्रौद्योगिकी, सतत विकास लक्ष्यो ंको पूर्ण करने का माध्यम है। आज आईटी क्षेत्र का समाज पर प्रभाव है जिसमें हम ई कार्मस उद्योग, सोशियल मीडिया आदि को देख रहे है।

एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के संयुक्त प्रमुख डा अभय बंसल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न 18 देशों से 60 से अधिक विशेषज्ञों और विद्वानों ने अपने विचार रखे। इसके अतिरिक्त विभिन्न अकादमिकों, शोधार्थियों, छात्रों आदि द्वारा 400 शोध पत्र प्रस्तुत किये गये। यह सम्मेलन हमारे आपसी सहयोग का प्रारंभ है जो आने वाले समय में और भी प्रगाढ़ होगा।

स्पिंगर नेचर गु्रप की एप्लाइड सांइस और इंजिनियरिंग की संपादक सुश्री कामिया खट्टर ने स्पिंगर नेचर के कार्यो और पब्लिकेशन एथिक्स के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के संयुक्त प्रमुख डा मनोज पांडेय, डीन डा के एम सोनी भी मौजूद थे।