एमिटी विश्वविद्यालय में आयोजित, सात दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन।






हिन्दुस्तान वार्ता।

नोयडा : एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेसिक सांइसेस द्वारा दिल्ली सरकार के फॉरेसिक सांइस लैबोरेटरी के सहयोग से ‘‘फॉरेसिंक विज्ञान, शोध और शिक्षण में वर्तमान प्रवृत्ति’’ विषय पर आयोजित सात दिवसीय शिक्षक विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हो गया। इस समापन समारोह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के डायरेक्टोरेट ऑफ फॉरेसिक सांइसेस सर्विस के निदेशक और चीफ फॉरेसिक वैज्ञानिक डा एस के जैन, गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर डा आनंद कुमार त्रिपाठी, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, दिल्ली की फॉरेसिक संाइस लैबोरेटरी की निदेशक डा दीपा वर्मा, एमिटी विश्वविद्यालय की फैकल्टी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की डीन डा सुनिता रतन और शिक्षक विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रोग्राम निदेशक और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेसिक सांइसेस के एस्सीटेंट प्रोफेसर डा अमरनाथ मिश्रा ने प्रतिभागीयों को संबोधित किया।

भारत सरकार के गृह मंत्रालय के डायरेक्टोरेट ऑफ फॉरेसिक सांइसेस सर्विस के निदेशक और चीफ फॉरेसिक वैज्ञानिक डा एस के जैन ने कहा कि बदलते परिदृश्य में आजकल सामने आने वाले मामलें नई चुनौतीयां उत्पन्न कर रहे है और नवीनतम जानकारीयों और प्रगति को जान कर ही हम उन चुनौतीयों से निपट सकते है। डा जैन ने कहा हमे न केवल ज्ञान के साथ बल्कि व्यावहारिक प्रशिक्षण और व्यवाहारिक जानकारीयों से स्वंय को उन्नत करके अपराधिक मामलों से निपटने के लिए अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाना होगा। प्रोएक्टीव फॉरेसिक और अपराध की रोकथाम भी हमारे ध्यान में होना चाहिए जिसका कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है।

गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर डा आनंद कुमार त्रिपाठी ने फॉरेसिक साक्ष्यों की जांच के लिए नई तकनीके और कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्वंय को नवीनतम तकनीकी से अपडेट रखीये और व्यापक अंर्तदृष्टि को अपनाये। वर्तमान समय में डिजिटल फॉरेसिक, फॉरेसिक एकाउटिंग, प्रोएक्टिव फॉरेसिक और साइबर अपराध जांच आदि फॉरेसिक के नवीनतम क्षेत्र और सुरक्षा समय में इनकी मांग है। डा त्रिपाठी ने हमें उलझे हुए मामलों के बदलते परिदृश्य को समझने की कोशीश करनी चाहिए। 

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि बदलते वर्तमान परिदृश्य में अपराध के तरीको और जांच में बदलाव आया है और अपराधों को रोकने या अपराधियो को पकड़ने के लिए नवीनतम जानकारीयों युक्त कुशल मानव संसाधन के निर्माण की जिम्मेदारी हम सभी की है। प्रतिभागीयों को फॉरेसिक विज्ञान, शिक्षण और शोध की नवीनतम जानकारी प्राप्त हो और इस क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिए इस सात दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

दिल्ली की फॉरेसिक साइंस लैबोरेटरी की निदेशक डा दीपा वर्मा ने फॉरेसिंक विज्ञान में हो रहे शोध व नवाचार के महत्व को बताया।

शिक्षक विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रोग्राम निदेशक और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेसिक सांइसेस के एस्सीटेंट प्रोफेसर डा अमरनाथ मिश्रा ने अतिथियों और प्रतिभागीयों का स्वागत करते हुए कहा कि छात्रों के संपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध एमिटी द्वारा शिक्षको और प्रतिभागीयों को अपडेट रखने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों को आयोजन किया गया जिसमें कार्यक्रम में देश विदेश से विशेषज्ञों ने प्रतिभागीयों को जानकारी प्रदान की।