हमारी पहचान सिर्फ़ औरत नही : प्रतिभा जिन्दल।


 

हिन्दुस्तान वार्ता।

 मेरा काम किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है और शायद इसीलिए मेरी कोई सटीक पहचान नहीं है। मेरी पहचान सिर्फ एक औरत की नहीं है।

 मैं एक शिक्षिका हूं, एक ड्राइवर हूं ,कभी एक लेखक हूं।

कभी मै बेटी हूं, कभी बहु हूं ,और कभी अर्धांगनी।

मै कपड़े भी साफ करती हूं ,रसोई में खपकर भोजन भी  तैयार करती हूं, और सभी के विकास की जिम्मेदारी भी मेरे ही कधों पर है।

 क्योंकि मै एक औरत हूं।

हां मैं औरत हूं,एक मां हूं, एक ग्रहणी हूं, और दुनिया भर में घूमती हूं।

क्योंकि मेरा काम किसी एक  क्षेत्र तक सीमित नहीं है, एक क्षेत्र से जुड़े काम या पेशे को गंभीरता से लिया जाता है। जिस काम का कोई अर्थ न हो उसे तो व्यर्थ ही तो कहा जाएगा न, चाहे वह किसी मानव या समाज की ही सेवा क्यों न हो।या फिर समूचे राष्ट्र के उत्थान की ही बात क्यों न हो।

जय हिन्द ..जय हो नारी- नारायणी 🚩

संस्थापक अध्यक्ष

वैचारिक जागरण मिशन ट्रस्ट(रजि.)

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महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।🌹💐💅🏻