एमिटी विश्वविद्यालय में ‘‘ महिलाएं-भारत की ध्वजवाहक ’’ विषय पर व्याख्यान सत्र का आयोजन।

हिन्दुस्तान वार्ता।

अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन द्वारा ‘‘ महिलांए - भारत की ध्वजवाहक’’ विषय पर प्रोत्साहन व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। एमिटी विश्वविद्यालय के एल वन सभागार में आयोजित इस व्याख्यान सत्र में ब्रहमा कुमारीज़ मंथन के वैज्ञानिक और इंजिनियरिंग विंग के जोनल कोआर्डीनेंटर ब्रहमा कुमार पियूष और ब्रहमा कुमारीज मंथन की इंचार्ज ब्रहम कुमारी गिरिजा ने छात्रों को व्याख्यान दिया। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन की सहायक निदेशक डा स्वाती मदान ने अतिथियों का स्वागत किया।

इस व्याख्यान सत्र में ब्रहमा कुमारीज़ मंथन के वैज्ञानिक और इंजिनियरिंग विंग के जोनल कोआर्डीनेंटर ब्रहमा कुमार पियूष ने कहा कि एक छोटा बच्चा दिन में चार सौ बार मुस्कुराता है किंतु बड़े होने के बाद हम मुस्कुराना कम कर देते है या बिलकूल बंद कर देते है क्योकी बच्चा वर्तमान में जीता है और बड़े होने पर या तो हम भूतकाल में जीते है या भविष्य काल में। जीवन में नेतृत्व करने के लिए और ध्वजवाहक बनने के लिए मुस्कुराते हुए वर्तमान में जीना जरूरी है। उन्होने कहा कि जीवन में सुबह जल्दी उठ कर ध्यान करना चाहिए इससे एकाग्रता और क्षमता का विकास होता है। विज्ञान ने प्रमाणित किया है हम सर्वाधिक उर्जा बोलने में व्यय करते है इसलिए आत्म संवाद आवश्यक है। संपूर्ण जीवन उर्जा का खेल है जिसमें कम उर्जावान महसूस करने पर आप सफल नही हो पाते जबकी अधिक उर्जावान होने पर आपकी केन्दीकरण, स्मरण शक्ति तीव्र होती है और जीवन में सफलता की उंचाईयों का छूते है। स्वंय को अनूठा और महत्वपूर्ण समझें, क्योकी नकल करने वाले प्रबंधक बनते है और अनूठे व्यक्ति नेतृत्व करते है। दिन को ध्यान के साथ प्रारंभ करें और ध्यान के साथ ही समाप्त करें। स्वंय को तनाव मुक्त, क्रोध मुक्त रखें क्योेंकि क्रोध का प्रारंभ मूर्खता से होता है और समाप्ती प्रश्चाताप से।

ब्रहमा कुमारीज मंथन की इंचार्ज ब्रहम कुमारी गिरिजा ने छात्रों को  सबोधित करते हुए कहा कि आत्म अवलोकन से आप महसूस करेगें कि आपमें प्रतिभा की कोई कमी नही है। आप क्षमतावान है इसलिए जीवन में मेहनत करके आप सभी कुछ पा सकते है। हमारा व्यक्तित्व हमारे विचारों से बनाता है। हम जैसा सोचते है वैसा देखते है और बोलते है और वैसे ही कर्म करते है और कर्म से स्वाभाव और संस्कार बनते है फिर वही हमारे व्यक्तित्व में दिखाई देता है। उन्होनें छात्रों और शिक्षकों को ध्यान लगवाया।

एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन की सहायक निदेशक डा स्वाती मदान ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर छात्रों को जीवन में सफल बनाने के लिए प्रोत्साहपूर्ण व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। हम एमिटी में छात्रों के सर्वागीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है और जीवन में सफल बनने के लिए ध्यान के महत्व को समझना आवश्यक है।

इस अवसर पर ब्रहमा कुमारीज मंथन से बहन दीपिका, बहन बिंदु शर्मा, एमिटी स्कूल ऑफ फार्मेसी के संयुक्त प्रमुख डा तनवीर नावेद भी उपस्थित थे।