चौकीदार बन गए थे हनुमान जी, जन-जन की आस्थाओं का केंद्र लंगड़े की चौकी मंदिर।

 

-सबके दुख दूर करते हैं बजरंगवली।

हिन्दुस्तान वार्ता।आदर्श नंदन गुप्ता

आगरा :लँगड़े की चौकी के प्राचीन मंदिर में विराजमान हनुमान जी महाराज। जो दुखियों को बांटते हैं खुशियों के मोती, आते है लोग खाली हाथ, ले जाते हैं भर कर झोली। सभी को देते हैं असीमित सुख, शांति और वैभव। 

 500 साल पुराना है मंदिर :

यह मंदिर मुग़ल कालीन है, जो कभी शहर से दूर था। अब यह घनी बस्ती और व्यस्ततम क्षेत्र में शामिल हो गया है। यहां हनुमान जी का दिव्य विग्रह संगमरमर के सिंहासन पर विराजमान हैं, जिनके दर्शन मात्र से असीमित श्रद्धा भाव पैदा होते हैं। मन्दिर में सभी देवताओं के मूर्तियां है। मध्य में प्राचीन शिवलिंग है, उनके साथ शिव दरबार है।इसके अलावा राम दरबार, दुर्गा देवी, गणपति, हनुमान जी के भी मन्दिर है।

 हनुमान बाबा के चरणों मे विनती लगाने या अपने मनोरथ पूरे होने पर कृतज्ञता अर्पित करने के लिए फूल बंगला सजवाने वालों की लंबी फेहरिस्त है। दो साल तक के फूलबंगला मन्दिर में बुक रहते हैं। फूलबंगला सजवाने वाले ये श्रद्धालु आगरा शहर के अलावा मुम्बई, दिल्ली, अहमदाबाद आदि के हैं।

हनुमान जी बने गए थे लंगड़े चौकीदार :

 मंदिर महंत गोविंद उपाध्याय के अनुसार प्राचीन काल में जहां मंदिर है, यहां एक सरकारी चौकी हुआ करती थी। मालगोदाम और यमुना की ओर से जो बैलगाड़ी या अन्य वाहनों से सामान आता-जाता था, उन्हें रात में लालटेन जलाकर रास्ता दिखाने और कर वसूलने का काम होता था। जिसमें एक लंगड़ा चौकीदार तैनात था। वह भगवान श्रीराम का अनन्य भक्त था। वह श्रीराम की भक्ति में इतना लीन हो जाता था कि ड्यूटी करने की भी उसे याद नहीं रहती थी। एक दिन वह अपनी ड्यूटी पर नहीं था, किसी ने उसकी शिकायत कर दी। कोतवाल पता करने गया तो चौकीदार सिकंदरा के पास एक गांव में चल रही श्रीराम कथा में मौजूद था। वह वापस लंगड़े की चौकी वाले स्थान पर आया तो वहां भी वह चौकीदार मिल गया। एक समय में दो जगह चौकीदार के होने का चमत्कार देख कोतवाल चौंक गया। क्योंकि चौकीदार लंगड़ा था, इतनी जल्दी आना भी मुश्किल था। चौकीदार से पूछे जाने पर उसने बताया कि यहां हनुमान जी ड्यूटी कर रहे थे। इस चमत्कार के बाद यहां मंदिर का निर्माण कराया गया। जिसका नाम लंगड़े चौकीदार के नाम पर रखा गया। इस क्षेत्र का नाम भी लंगड़े की चौकी ही पड़ गया।

ये है विशेषता :

दक्षिणमुखी हनुमान जी है, जिनके दर्शन का लाभ अवश्य मिलता है।

सरकारी दस्तावेजों में आज भी यह लँगड़े की चौकी हनुमान जी के नाम से दर्ज है।

8, 16, 21, 40 मंगलवार को लगातार दर्शन करने से मनोकामना अवश्य पूरी होती है। 

संत, महंतों की आस्था :

इस देवालय के प्रति कई सन्तों ओर महंतों के प्रति आस्था है। उमा भारती सहित कई शंकराचार्य, भागवताचार्य यहां आ चुके हैं।

ये हैं महंत...

 मंदिर की पूजा सेवा में महंत श्री डोरी दास उपाध्याय तथा उनके तीनों पुत्र गोविंद गुरु ,गोपाल गुरु, गोपी गुरु हमेशा तत्पर रहते हैं।

जय जय श्री हनुमान जी 🙏