हिन्दुस्तान वार्ता।
आगरा: राज्य होम्योपैथी विभाग के निदेशक डॉ आनंद कुमार चतुर्वेदी का आगरा आगमन पर चिकित्सकों ने स्वागत किया । कोविड मरीजों के लिए होम्योपैथी भी कारगर है।कोविड काल में होम्योपैथिक इलाज का महत्व सामने आया है। जहां एलोपैथी में मरीज न्यूनतम 14 दिनों में नेगेटिव आए वही होम्योपैथी के इलाज से यह काम 5 दिनों में हो गया।
उक्त उद्गार राज्य होम्योपैथी विभाग के निदेशक डॉ आनंद कुमार चतुर्वेदी के हैं। वे एत्मादपुर डिस्पेंसरी का निरीक्षण करने आए थे।
डॉक्टर चतुर्वेदी ने बताया कि कोविड काल में आर्सेनिक एल्बम ने बेहतरीन काम किया है। एक अध्ययन के मुताबिक जहां भी होम्योपैथिक डिस्पेंसरी है उनके आसपास संक्रमितों की संख्या नगण्य रही है। आरोग्य सेतु ऐप से इसका पता चला है। जिन्हें संक्रमण हुआ वे 4 से 5 दिन में ठीक हो गए।
आयुष मंत्रालय प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर इसका डाटा तैयार कर रहा है। जल्द ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा ।
एत्मादपुर के गढी़ पच्ची केंद्र पर कुछ दिक्कतें थीं। डाॅ चतुर्वेदी ने बताया कि इन्हें दूर कर दिया गया है। संबंधितों को निर्देश दिए गए हैं। सभी केंद्र प्रभारियों से कहा गया है कि वे सरकारी योजनाओं की जानकारी देने वाले बोर्ड और फ्लेक्सी लगाए। करीब 3 केंद्रो की जानकारी दें। पीपल ,नीम ,तुलसी के पौधों को लगाएं।
डॉ. चतुर्वेदी का चिकित्सकों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
स्वागत प्रमुख वरिष्ठ होम्योपैथ डॉक्टर कैलाश सारस्वत ने कहा कि निदेशक जी का आगरा आना हर्ष की बात है।
हमें उनसे महत्वपूर्ण मार्गदर्शन मिला,जो सराहनीय है। स्वागत करने वालों में डॉ. कैलाश सारस्वत के साथ- साथ , डॉ. पंकज त्रिपाठी, डॉ अजीत शर्मा, डॉ ए के शर्मा, डॉ. विजय यादव , डॉ. सचिन गोयल आदि प्रमुख थे।
रिपोर्ट- असलम सलीमी।