सरकारी गेंहू खरीद केन्द्रो पर पसरा सन्नाटा।



हिन्दुस्तान वार्ता।आर.के.लवानिया

अछनेरा । आजकल ब्लॉक के किसान अपनी गेंहू की फसल को बेचने के लिए सरकारी गेंहू खरीद पर नहीं पहुच पा रहे हैं । किसानों का कहना है कि इस बार सरकार द्वारा निर्धारित गेंहू की कीमत सिर्फ 2015 रुपये तय की गई है । लेकिन प्राइवेट अनाज मंडी में गेहूं 2300 रुपये प्रति कुण्टल से अधिक कीमत में बिक रहा है।

आपको बता दें कि शासन के निर्देशानुसार, वर्ष 2022 की गेहूं खरीद 1 अप्रैल 2022 से शुरू की गई हैं सभी गेहूं खरीद केंद्रों पर गेहूं का समर्थन मूल्य 2015  प्रति कुंटल निर्धारित किया गया है।

इसी कड़ी मे अछनेरा अनाज मंडी में सरकारी गेहूं क्रय केंद्र खोला गया है। लेकिन सरकारी गेहूं खरीद केंद्र पर किसानों के ना आने से खरीद केंद्र आजकल सूना पड़ा है। 

मंडी सचिव अछनेरा संजय पचेरा का कहना है कि, इस बार गेहूं की सरकारी रेट की अपेक्षा प्राइवेट मंडियों की रेट अधिक है।

जिस वजह से ज्यादातर किसान प्राइवेट मंडियों का रुख कर रहा है। मंडी सचिव ने बताया कि सरकारी खरीद केन्द्रो पर गेहूं बेचने पर किसानों के बैंक खातों में फसल का पैसा उसी दिन आ जाता है जिस दिन किसान के गेहूं की खरीद की जाती है। लेकिन प्राइवेट मंडियों और सरकारी समर्थन मूल्य की रेटों में काफी अंतर आने के कारण ज्यादातर किसान नगद भुगतान के एवज में गेहूं को प्राइवेट मंडियों में भेज रहे हैं। 

गेहूं क्रय केंद्र पर किसानों के लिए सभी सुविधाएं दी जा रही है, जैसे इलेक्ट्रॉनिक कांटे से तोल होना, नियमानुसार खरीद करना, गेहूं की धनराशि सीधे किसान के खाते में ट्रांसफर करना और बिना किसी सुविधा शुल्क लिए किसानों के गेहूं को खरीदना लेकिन इन सब सुविधाओं के बावजूद भी किसान अपनी फसल को सरकारी गेहूं क्रय केंद्र पर ना बेचने का फैसला कर चुके हैं

यही कारण है कि सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है वहीं किसानों का कहना है कि, सरकारी खरीद रेट मैं बहुत बड़ा अंतर है किसानों का कहना है, सरकार गेंहू का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2500 रुपए तक करे, तब जाकर सरकारी खरीद केंद्र पर किसानों द्वारा गेहूं लाया जाएगा।