एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा 30 छात्रों और शिक्षकों के लिए डीएसटी - एसटीयूटीआई प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ।







हिन्दुस्तान वार्ता।नोयडा

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार (डीएसटी) के सहयोग से डीएसटी - एसटीयूटीआई के अंर्तगत 30  छात्रों, शिक्षकों और शोधार्थियों के लिए एक सप्ताह का सेल्युलर एंड मॉलेक्यूलर इंस्ट्रूमेंटेंशन पर प्रयोगिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। 24 से 30 मई तक चलने वाले इस कार्यक्रम का शुभारंभ भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के आर एंड डी इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रमुख श्री एस एस कोहली, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट के सीईओ डा नितिन बत्रा, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला और एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभिन्न संस्थानो और उद्योगों से 30 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लिया है। 

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के आर एंड डी इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रमुख श्री एस एस कोहली ने संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम अद्वितीय है क्योकि यह शोधकर्ताओं और छात्रों को विभिन्न अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों के बारे में ज्ञान प्राप्त करने और उनके उपयोग के बारे में जानने में स़क्षम बनाता है जो देश में अनुसंधान और नवाचार क्षेत्र में विकास का नेतृत्व करने में मदद करेगा। प्रतिभागियों को बेहतरीन वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों के साथ बातचीत करने और नई तकनीकों के बारे में ज्ञान हासिल करने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होनें कहा कि आज के डिजिटल युग में युवा वैज्ञानिकों के लिए अंसख्य अवसर उपलब्ध है। हम अनुसंधान एवं विकास सुविधाओ के लिए चार श्रेणियों जैसे विज्ञान और तकनीकी संरचना सुविधाओं में सुधार के लिए फंड, परिष्कृत विश्लेषणात्मक और तकनीकी सहायता संस्थान सुविधा आधार, शोध व विकास की सुविधायें और वैज्ञानिक समाजिक उत्तरदायित्व दिशानिर्देश के बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे है। विज्ञान और तकनीकी संरचना सुविधाओं में सुधार के लिए फंड, योजना का उददेश्य नए और उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए और नई प्रतिभाओ को प्रोत्साहित करने के लिए बुनियादी ढांचा और सक्षम सुविधांए प्रदान करना है।

  एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि आज संर्पूण विश्व भारतीयों की ओर आशा भरी नजरो ंसे देख रहा है क्योकि वर्तमान वैश्विक चुनौतियों का निवारण केवल भारतीय युवा शोधार्थी और वैज्ञानिक कर सकते है। आपको स्वंय की क्षमता, प्रतिभा और संकल्प शक्ति पर विश्वास रखना चाहिए। एमिटी देश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य करने के लिए एक मंच का निर्माण कर रहा है जिससे हर प्रतिभा को कौशल निखारने का मौका मिले।

  एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट के सीईओ डा नितिन बत्रा ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरीए हम उर्जावान, प्रोत्साहित युवा मस्तिष्क को ज्ञान और कौशल को बढ़ाने का मौका प्रदान कर रहे है।

 कार्यक्रम का उददेश्य अत्याधुनिक उपकरणों के उपयोग और अनुप्रयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाकर देश भर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढांचे तक पहंुच के माध्यम से मानव संसाधन और ज्ञान की क्षमता का निर्माण करना है।

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि एमिटी मे ंहम सदैव छात्रों को शोध नवाचार के लिए प्रोत्साहित करते है और उन्हे हर संभव सहायता प्रदान करते है। अपने कौशल और ज्ञान के विकास हेतु समय समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेना और नई तकनीकों को जानना जरूरी होता है। 

विदित हो कि एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा परियोजना प्रबंधन इकाई के रूप में ‘वैज्ञानिक और तकनीकी बुनियाद ढांचे का उपयोग करने वाले सिनर्जिस्टिक ट्रेनिंग प्रोग्राम कार्यक्रम से सम्मानित किया गया है।

इस डीएसटी - एसटीयूटीआई नामक साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उददेश्य देश भर  में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अवसंरचना का उपयोग करते हुए देश भर मेे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की पहुंच के माध्यम से मानव संसाधन और ज्ञान क्षमता का निर्माण करना है। शैक्षणिक संस्थानों में शोध एवं विकास संरचना के विस्तार के लिए डीएसटी प्रयोजित विभिन्न परियोजनाओं के पूरक के रूप में एसटीयूटीआई योजना एक व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम और अत्याधुनिक उपकरणों के संवेदीकरण के साथ साथ पारदर्शीता पंहुच सुनिश्चित करते हुए विज्ञान और तकनीकी सुविधाओ को साझा करने की कल्पना करती है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम हब एंड स्पोक मॉडल दृष्टिकोण पर आयोजित किया जायेगा।

इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय के हैल्थ एंड एलाइड सांइसेस के डीन डा बी सी दास, एमिटी फांउडेशन फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डा नीरज शर्मा, एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशक डा.नूतन कौशिक भी उपस्थित थी।