रूफटॉप सोलर पीवी ग्रिड इंटरएक्टिव सिस्टम ग्रॉस / नेट मीटरिंग रेगुलेशंस (ड्राफ्ट) पर चेंबर ने भेजे सुझाव।

 



- यूपी विद्युत नियामक आयोग द्वारा आयोजित वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग में आज पब्लिक हियरिंग में चेंबर ने किया प्रतिभाग। 

- विद्युत् कैंप का भी  किया गया आयोजन। 

- सभी समस्यायों का नियमानुकूल किया गया निस्तारण।

हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा

पब्लिक हियरिंग - वीडियो कॉन्फ्रेंस

चेंबर अध्यक्ष शलभ शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग लखनऊ द्वारा रूफटॉप सोलर पीवी ग्रिड इंटरएक्टिव सिस्टम ग्रॉस/ नेट मीटरिंग रेगुलेशंस 2019 ड्राफ्ट फ्रेम किया गया है। दिनांक 12- 4- 2022 को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के सचिव द्वारा एक पब्लिक नोटिस जारी किया गया था,जिसमें ड्राफ्ट रेगुलेशंस के सम्बन्ध में आपत्तियां, सुझाव एवं टिप्पणी दिनांक 12-5-2022 तक आमंत्रित की गई थी और दिनांक 13-5-2022 को आपत्तियों, सुझावों एवं टिप्पणी के संबंध में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पब्लिक हियरिंग निर्धारित की गई थी।  

  चेंबर अध्यक्ष शलभ शर्मा ने आगे बताया कि इस पब्लिक नोटिस के आधार पर चेंबर द्वारा उत्तर प्रदेश में औद्योगिक एवं व्यवसाय के संयोजन हो पर नेट मीटरिंग लागू करने के संबंध में विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन को सुझाव प्रेषित किए गए थे ।

 दिनांक 13- 5 -2022 को पब्लिक हियरिंग में नेशनल चेंबर की ओर से अध्यक्ष शलभ शर्मा, पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, उपाध्यक्ष मयंक मित्तल एवं रोमसंस जूनियर से किशोर खन्ना द्वारा प्रतिभाग किया गया।

 चेंबर अध्यक्ष शलभ शर्मा ने कहा कि नेट मीटरिंग से अक्षय ऊर्जा को उचित दर पर ख़रीदा जाए ताकि प्रदेश में उद्यमी व व्यसायी सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित हों। इससे राज्य में रूफटॉप सोलर पीवी ग्रिड इंटरएक्टिव सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा। यूपीईआरसी  के चेयरमैन ने बताया कि सोलर एनर्जी को विद्युत ऊर्जा में कन्वर्ट  करने में लागत व्यय होता है।  

 चेंबर अध्यक्ष द्वारा पुनः जोर दिया गया कि सोलर ऊर्जा क्रय में उद्योगों के हित को ध्यान में रखा जाये।   

पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने कहा कि निकट भविष्य में बढ़ती हुई विद्युत खपत के कारण विद्युत आपूर्ति में कमी को रोकने के लिए  आवश्यक है कि पूरे प्रदेश में औद्योगिक एवं व्यावसायिक संयोजन पर नेट मीटरिंग सिस्टम लागू किया जाए।

 केंद्र सरकार द्वारा अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सोलर उपकरणों पर छूटें प्रदान की जा रही है जिससे उद्योगों को हानि से बचाया जा सके,किंतु उत्तर प्रदेश में नेट मीटरिंग सिस्टम न होने से केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। चेंम्बर द्वारा प्रदेश में 3-4 वर्ष से नेट मीटरिंग लागू करने के लिए लिखा जा रहा है ताकि प्रदेश में निजी कंपनियां सोलर प्लांट लगवाने के लिए प्रोत्साहित हों, और विद्युत् ऊर्जा उत्पादन में अपना योगदान कर सकें।  उत्तर प्रदेश इस क्षेत्र में काफी पिछड़ गया है।   

चैम्बर के उपाध्यक्ष मयंक मित्तल ने जोर दिया कि अन्य राज्यों में औद्योगिक एवं व्यावसायिक संयोजनों पर नेट मीटरिंग सिस्टम लागू है। विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन ने बताया कि अक्षय ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में कन्वर्ट करने के लिए होने वाली लागत मूल्य को ध्यान में रखते हुए विचार किया जा रहा है।  हालांकि, उत्तर प्रदेश की तुलना अन्य राज्यों से नहीं की जा सकती क्योंकि अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश की अपेक्षा पर कैपिटल इनकम अधिक है जिससे उन राज्यों में राजस्व संग्रह उत्तर प्रदेश से अधिक है। 

विद्युत् कैंप मीटिंग:-

 दिनांक 13 मई 2022 को विद्युत शिविर का अयोजन जीवनी मंडी स्थित टोरन्ट पॉवर लि0 के कार्यालय में किया गया। जिसमें नेशनल चैम्बर ऑफ इण्डस्ट्रीज एण्ड कॉमर्स, यू.पी., आगरा के अध्यक्ष के नेतृत्व में विद्युत उपभोक्ताओं की विभिन्न समस्याओं को नियमानुकूल प्रेषित कर समस्याओं का समाधान किया गया। इस कैम्प में विद्युत उपभोक्ताओं की सभी समस्याओं का समाधान कर संतुष्टि प्रदान की गई। बैठक बड़े ही सौहार्द्धपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई। 

टोरन्ट की ओर से उपाध्यक्ष शैलेश देसाई , महाप्रबन्धक विमर्श पंडित, महा प्रबधक संजय कुमार, भूपिंदर सिंह पीआरओ, दक्षिणांचल से अधिक्षण अभियन्ता आर के रावत  तथा  चैम्बर की ओर से अध्यक्ष शलभ शर्मा, उपाध्यक्ष मयंक मित्तल, पूर्व अध्यक्ष सीता राम अग्रवाल, श्रीकिशन गोयल, विष्णु भगवान अग्रवाल, सचिन सारस्वत, तुषार बंसल, जितेन्द्र गर्ग आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।