एमिटी विश्वविद्यालय में संत गौर गोपाल दास ने छात्रों को बताया आत्मीयता और पारिवारिक संबंध का महत्व






हिन्दुस्तान वार्ता,नोएडा।

एमिटी विश्वविद्यालय में मनाये जा रहे आत्मीयता की अभिव्यक्ति के अंर्तगत आज संत श्री गौर गोपाल दास ने छात्रों को जीवन में आत्मीयता और पारिवारिक संबंधों के महत्व पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, एमिटी विद्यालय समूह की चेयरपरसन डा अमिता चौहान और एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डा अतुल चौहान ने संत श्री गौर गोपाल दास का स्वागत किया और अपने विचार व्यक्त किये। विदित हो कि इस आत्मीयता की अभिव्यक्ति दिवस को एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डा अतुल चौहान के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जा रहा है।.


संत श्री गौर गोपाल दास ने छात्रों को जीवन में अपनत्व और पारिवारिक संबंधों के महत्व पर व्याख्यान देते हुए कहा कि जीवन में यह महत्व नही रखता की आप किस वाहन में सफर कर रहे है बल्कि यह अधिक महत्व रखता है कि आप किसके साथ सफर कर रहे है और आपके सफर का उददेश्य क्या है। उन्होनें कहा कि जीवन में आत्मीयता और अपनत्व का बहुत अधिक महत्व है। उन्होनें कहानी के माध्यम से बताया कि किस प्रकार एक होटल में वो और उनके मित्र 20 वें फ्लोर पर ठहरे थे और लाइट ना होने के कारण सीढ़ीयो से कमरे में जा रहे थे और 18 वें तल पर उनके मित्र ने कहा कि वे कमरे की चाबी नीचे छोड़ आये है। संत श्री गौर गोपाल दास ने कहा कि जीवन में विकास की सीढ़ीया चढ़ना जरूरी है किंतु उसके साथ अपनत्व, संस्कारों, संतुष्टि की चाबी साथ लेकर जाना आवश्यक है। जिस प्रकार डोर से बंधी पतंग डोर के सहारे ही हवा में रहती है और डोर के काटने में कुछ देर बाद नीचे आ गिरती है इसलिए सफलता के लिए मूल्यों, संस्कारों, आत्मीयता के धागे से जुड़ा रहना आवश्यक है। उन्होने कहा कि डोर के तीन रूप है प्रथम अपने मित्रों, परिवार, समाज, देश के लोगों के साथ आत्मीयता, द्वितीय मानव मूल्य और आचरण और तृतीय संस्कृती से जुड़े रहना। जीवन में भावनात्मक स्वास्थय, व्यवसायिक स्वास्थय, अध्यात्मिक स्वास्थय और समाजिक स्वास्थय को बेहतर बनाये रखना आवश्यक है। छोटी और बड़ी बांतों की अनदेखी कर आप रिश्तों को मजबूत बना सकते है। 


एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए वहां के लोगों के अंदर अपनत्व सहित नैतिकता के गुणों का होना आवश्यक है इसी क्रम मे ंहम छा़त्रों के मध्य अपनत्व की भावना के विकास के लिए कार्य करते है जिससे वे एक सफल व्यक्ति बनने से पूर्व अन्य लोगों की देखभाल करने वाले अच्छे व्यक्ति बनें। डा चौहान ने कहा कि संत श्री गौर गोपाल दास जी द्वारा दिया गया व्याख्यान जीवन में सदैव अपनत्व और आत्मीयता के लिए प्रेरित करेगा।


एमिटी विद्यालय समूह की चेयरपरसन डा अमिता चौहान ने कहा कि हम सदैव छात्रों के अंदर विद्यालय स्तर से ही अपनत्व की भावना को विकसित करने के लिए प्रयासरत रहते है और छात्रों को एक दूसरे की सहायता करने के लिए प्रेरित करते रहते है।


एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डा अतुल चौहान ने कहा कि अपनत्व या आत्मीयता  हमारा बुनियादी मूल्य है जिसने समस्त एमिटी परिवार को जोड़ कर रखा है और हम सदैव यही प्रयास करते है कि अपनत्व के इस गुण को एमिटी शिक्षण समूह के हर विद्यालय और विश्वविद्यालय के हर छात्र में पोषित करें। 


इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा के चांसलर डा असीम चौहान, रितनंद बलवेद एजुकेशन फांउडेशन के ट्रस्टी श्री आनंद चौहान, श्री अजय चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती सहित देश के अन्य एमिटी विश्वविद्यालय के कुलपतियों, छात्रगण शिक्षकगण और अधिकारी ने अपने विचार रखे।

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