एमिटी विश्वविद्यालय मे ‘‘भारत के एकीकृत थिएटर कमांडस-संभावनाऐं और चुनौतियां” पर सम्मेलन का आयोजन।





हिन्दुस्तान वार्ता।नोयडा

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज द्वारा सेंटर फॉर ज्वांइट वार फेयर स्टडीज के सहयोग से ‘‘ भारत के एकीकृत थिएटर कमांडस - संभावनाएं और चुनौतियां’’ पर एक दिवसीय ऑनलाइन सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में दक्षिण नेवल कमांड के पूर्व फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, वाइस एडमिरल अनिल कुमार चावला, 21 कॉर्प्स के पूर्व जनरल ऑफिसर कमांडिग लेफ्ट जनरल पी एस मेहता, पूर्व एडिशनल डायरेक्टर जनरल मिलिट्री आपरेशन मेजर जनरल राजीव नारायण, पूर्व डिप्टी चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ एयर मार्शल राजीव सचदेवा, पूर्व एमजी एओसी सेंट्रल कमांड मेजर जनरल राजन कोच्चर, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान और छत्तीसगढ़, त्रिपुरा और एमपी के पूर्व राज्यपाल लेफ्ट जनरल के एम सेठ ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के महानिदेशक लेफ्ट जनरल एक के गिडिऑक ने अतिथियों का स्वागत किया। 

  दक्षिण नेवल कमांड के पूर्व फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, वाइस एडमिरल अनिल कुमार चावला ने संबोधित करते हुए कहा कि एकीकृत थिएटर कमांडस वर्तमान समय की मांग है और थियेटर, युद्ध से जुड़ा हुआ है। इतिहास ने सदैव इंगित किया है कि युद्ध की सफलता, थियेटर रणनीती पर आधारित होती है। 

   21 कॉर्प्स के पूर्व जनरल ऑफिसर कमांडिग लेफ्ट जनरल पी एस मेहता ने जानकारी देते हुए कहा कि अधिकतर थियेटर वैश्विक दृष्टिकोण पर आधारित होते है। हम अपने युद्ध की कार्यप्रणाली का निर्माण बिना मिशन के करते है और थियेटर कमांडस से मिशन की जानकारी होगी। उन्होनें थियेटर कमांडस की चुनौतियों को बताते हुए कहा कि संयुक्त सेनाओं में कौन किसे रिर्पोटिंग करेगा, नई तकनीकी का विकास करना, भारतीय तकनीकी को अपनाना आदि प्रमुख चुनौतियां है। थियेटर कमांडस में हमें पहले आने वाली चुनौतियों का निरकारण ढूूंढना होगा।

  पूर्व एडिशनल डायरेक्टर जनरल मिलिट्री आपरेशन मेजर जनरल राजीव नारायण ने कहा कि थियेटर कमांडस के ध्येय को स्पष्ट करने साथ, हमारा सामना किस प्रकार के दुश्मनो से है और हमें किस प्रकार की क्षमता विकसित करनी होगी आदि पर विचार करने के साथ एकीकृत सब अभियान को बनाना होगा। 

  पूर्व डिप्टी चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ एयर मार्शल राजीव सचदेवा ने संबोधित करते हुए कहा कि थियेटर कमांड बिना साफ्ट थियेटर के निर्माण के बिना सफल नही हो सकता। साफ्ट थियेटर कमांड के अंर्तगत संयुक्त संचार नेटर्वक, सीडीएस स्तर पर क्षमता निर्माण, संयुक्त सि़द्धांत और कानून, स्पेस साइबर और सर्विलांस एसेट, प्रशिक्षण और रखरखाव, लॉजिस्टक, जमीन का साझा, संयुक्त आधुनिकरण पर तीनों सेनाओं को संयुक्त कार्य करना होगा। आगे बढ़ते हुए एकीकृत थियेटर कमांडस के लिए सभी को जोडना, संयुक्त खतरे का आंकलन, राष्ट्रीय क्षमता का निर्माण और संयुक्त रूप से यु़द्व का प्रशिक्षण आवश्यक है। 

  पूर्व एमजी एओसी सेंट्रल कमांड मेजर जनरल राजन कोच्चर ने कहा कि चीन में ज्वांइट लॉजिस्टक सपोर्ट फोर्स है जिसका मुख्य रोल सटिक रसद या सामग्री को पहुँचाना है। 

किसी भी युद्व में लॉजिस्टिक सेवा अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उन्होनें लॉजिस्टिक सहयोग में आ रही चुनौतियों को बताते हुए कहा कि अभी हमारे यहां कॉमन लॉजिस्टिक सहयोग नीति अस्तित्व में नही है। प्रणालीयों को एकीकृत करना होगा, इसके अतिरिक्त उन्होनें इसके दायरे ऑर ढांचे के बारे में जानकारी प्रदान की।

  एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में व्यवहारिक ज्ञान अत्यधिक महत्वपूर्ण है इसलिए हम छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान की शिक्षा प्रदान करते है। डा चौहान ने कहा कि हमने सैन्य सेवाओं में कार्य करने वाले व्यक्तियों से काफी कुछ सीख कर अपने व्यवसायिक जीवन में उसका उपयोग किया है। इस प्रकार के सम्मेलनो में आये विशेषज्ञों छात्रों सहित हम सभी को बेहतरीन जानकारी प्रदान करते है।

  छत्तीसगढ़, त्रिपुरा और एमपी के पूर्व राज्यपाल लेफ्ट जनरल के एम सेठ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि थियेटर कमांडस समय की मांग है। यह सेनाओं को मिलकर कार्य करने और अपनी क्षमता का पूर्णत उपयोग कर संयुक्त योजना और संयुक्त कार्यप्रणाली में सहायक होगा।

एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के महानिदेशक लेफ्ट जनरल एक के गिडिऑक ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस सम्मेलन का उददेश्य छात्रों को भारत के एकीकृत थिएटर कमांडस के संर्दभ में जानकारी प्रदान करना है। इस क्षेत्र में आज हम कहां है और क्षेत्र की चुनौतियों और उसके निवारण में युवाओं की भूमिका की जानकारी प्रदान की जायेगी।

इस अवसर पर सेंटर फॉर ज्वांइट वारफेयर स्टडीज के निदेशक लेफ्ट जनरल सुनिल श्रीवास्तव, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, पूर्व डायरेक्टर जनरल मिलिट्री आपरेशन लेफ्ट जनरल पी आर कुमार, सहित एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के रिसर्च स्कॉलर कमांडर दीपक वाजपेयी, एयर कमांडर अमन नौटियाल ने अपने विचार व्यक्त किये। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के निदेशक बिग्रेडिय आनंद कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।