समाचारों की विश्वसनीयता के लिए,महत्वपूर्ण होते हैं,आँकड़े और ग्राफिक्स,:हुआ मीडिया वर्कशॉप का भव्य आयोजन।






-डाटा व ग्राफिक्स के प्रभावी इस्तेमाल से मजबूत बढ़ेगी समाचारों में विश्वसनीयता ।

-ताज प्रेस क्लब ने बीआईपीपी व आईएसबी के साथ आयोजित की एक दिवसीय कार्यशाला।

-गलत सूचना व फर्जी खबरों की संभावना को काफी कम करने में मिलती मदद।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के प्रतिष्ठित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी), भारती इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी (बीआईपीपी) के इंडिया डाटा पोर्टल (आईडीपी) ने शनिवार को   ताज प्रेस क्लब के सहयोग से होटल भावना क्लार्क्स इन में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसका विषय था “समाचारों में विश्वसनीयता और मजबूती के लिए डाटा (आंकड़े) एवं ग्राफिक्स का प्रभावी इस्तेमाल"।  कार्यशाला में शहर  समाचार पत्रों, न्यूज पोर्टल्स और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े  पत्रकारों ने भाग लिया। 

कार्यशाला में पत्रकारिता में डाटा का उपयोग करने और www.indiadataportal.com का प्रयोग करते हुए आकर्षक विज़ुअलाइज़ेशन के माध्यम से आंकड़ों का इस्तेमाल किए जाने पर प्रकाश डाला गया। सत्र में पत्रकारों को आईडीपी के बारे में जानकारी दी गई। वस्तु्तः इस पोर्टल में केंद्रीय एवं राज्य की सार्वजनिक एजेंसियों और सरकारी विभागों से संसाधित और प्रलेखित डाटासेटों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध हैं। पोर्टल में IndiaPulse@ISB पहल के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को समझने के लिए कोविड19 के दौरान शुरू किए गए उच्च आवृत्ति संकेतकों को भी कवर किया गया है। आईडीपी शासकीय व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाने और नीति निर्माण के महत्वपूर्ण पहलुओं से संबंधित सार्वजनिक डाटा तक पहुंचने और उनका उपयोग करने के नागरिकों के अधिकार से जुड़ी यह एक बड़ी पहल है।

ताज प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कार्यशाला में मौजूद प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि समाचारों में आज डाटा का प्रयोग महत्वपूर्ण हो गया है। इंडिया डाटा पोर्टल बहुआयामी डाटा उपलब्ध कराता है। साथ ही उनका आसानी से चित्रण करना भी बताता है। ऐसी ही कई कार्यशालाओं का आगे भी आयोजन किया जाएगा। 

आईएसबी में इंडिया डाटा पोर्टल की सीनियर कंसल्टेंट दीप्ति सोनी ने कहा: "डाटा-आधारित समाचार, कहानी की प्रस्तुतिकरण को एक अलग कोण प्रदान कर पत्रकारिता में नए आयाम जोड़ सकते हैं और समाचार की विश्वसनीयता को बढ़ा सकते हैं – इस दिशा में इंडिया डाटा पोर्टल न केवल डाटा प्रदान करता है बल्कि स्टोरी में उपयुक्त विज़ुअलाइज़ेशन देकर इसे पाठकों के लिए और अधिक उपयोगी बना सकता है। इसके साथ ही यह गलत सूचना और फर्जी खबरों की संभावना को काफी कम करने में मददगार हो सकता है। उन्होंने बताया कि हिंदी, बंगाली, अंग्रेजी, मराठी,उड़िया और तेलुगु जैसी छह भारतीय भाषाओं में उपलब्ध आईडीपी के उपयोग से पत्रकारों, शोधकर्ताओं, सार्वजनिक नीति निर्माताओं और शिक्षाविदों को केंद्रीय बजट, चुनाव, कृषि, वित्तीय समावेशन और ग्रामीण विकास से संबंधित डाटा तक पहुंचने, चर्चा करने और आंकड़ों को विजुअलाइज करने में मदद मिलती है। 

आईएसबी के कंसल्टेंट, वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र सिंह ने बताया कि इंडिया डाटा पोर्टल की देश भर में ऐसी लगभग 125 कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं, जिनके माध्यम से हजारों मीडिया कर्मी और पत्रकारिता के छात्र डाटा के महत्व को समझ रहे हैं। समाचारों में आंकड़ों का उपयोग समाज में रचनात्मक पत्रकारिता के प्रति लाभ अंततः पाठकों को मिलना तय है।

 समारोह में डॉ.बचन सिंह सिकरवार, मधुमोद रायजादा,शिवकुमार भार्गव सुमन, सुनयन शर्मा, देवेंद्र पालीवाल आदि का सम्मान किया गया।

 वर्कशाप समन्वयक आदर्श नन्दन गुप्ता ने उपेंद्र सिंह व दीप्ती सोनी का सम्मान किया। 

  प्रारंभ में ताज प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल शर्मा, संस्थापक अध्यक्ष राजीव सक्सैना, केएम इंस्टीट्यूट में पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा.गिरजाशंकर शर्मा, अजय शर्मा, ब्रजेश शर्मा  ने संयुक्त रूप से दीप जला कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता अमीर अहमद ने किया। 

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इंस्टीट्यूट का एक परिचय।

भारती इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी का उद्देश्य सार्वजनिक नीति के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान का नेतृत्व करना है। इसे भारत के प्रख्यात सार्वजनिक-नीति थिंक टैंकों में से एक प्रतिष्ठित संस्थान मना जाता है, जो जाने माने नीति निर्माताओं के साथ जुड़ा हुआ है और उन्हें महत्वपूर्ण, डाटा संचालित साक्ष्य, अनुसंधान और प्रासंगिक एवं महत्वपूर्ण पहलुओं पर विश्लेषण प्रदान करता है। संस्थान विभिन्न क्षेत्रों में नीतिगत चुनौतियों पर भी काम करता है, जिनमे मुख्य रूप से कृषि और खाद्य, पर्यावरण, शिक्षा, वित्त, शासन और डिजिटल पहचान जैसे विषय शामिल हैं।

अतिथियों का स्वागत संजय तिवारी, हेमेंद्र चतुर्वेदी,केपी सिंह आदि ने किया।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।