एमिटी विश्वविद्यालय में एमिटी इंटरेनशनल लिटरेचर फेस्टीवल 2022 का आगाज़।

 


हिन्दुस्तान वार्ता।नोयडा

एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा वार्षिक कार्यक्रम के अंर्तगत चार दिवसीय एमिटी इंटरनेशनल लिटरेचर फेस्टीवल 2022 का ऑनलाइन आयोजन किया गया है। इस फेस्टीवल के अंर्तगत छात्र अंतर विश्वविद्यालय साहित्य, संगीत, नृत्य, कला, वाद विवाद एंव प्रश्नोत्तरी सहित विभिन्न प्रतियोगिता में हिस्सा लेगें। इस अवसर पर विश्व विख्यात विशेषज्ञों द्वारा 6 परिचर्चा सत्रों एंव 7 कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा।

वॉयस ऑफ स्पेशली एबल्ड के संस्थापक श्री प्रणव देसाई ने एमिटी इंटरनेशनल लिटरेचर फेस्टीवल को बहुत ही ज्ञानवर्धक कार्यक्रम बताया है, क्योकि पहली बार किसी विश्वविद्यालय ने विकलांग लोगों को साहित्य महोत्सव में शामिल करने के बारे में सोचा है। विकलांगता की कथा को बदलने के लिए साहित्य और कला की आवश्यकता है। हमारे समाज में विकलांगता पर भारी अज्ञानता है और इसलिए इस अंतर को खत्म करने में साहित्य की बड़ी भूमिका है। हर स्तर पर समावेश संभव है और सहायक प्रौद्योगिकी में विकलांगता को शामिल किया जा सकता है। साहित्य के हिस्से के रूप में विकलांग व्यक्तियों द्वारा कला सभी को संवेदनशील बनती है और विकलांग कलाकारों तक वैश्विक पहंुच के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना चाहिए।

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने कहा कि पिछले 2 वर्षों में जीवन पूरी तरह से महामारी से बदल गया है, लेकिन आज प्रौद्योगिकी ने भौगोलिक अंतर को कम कर दिया और दुनिया भर के लोग तेजी और आसानी से एक दुसरे से जुड़े है । साहित्य विभिन्न संस्कृतियों, अर्थव्यवस्था, इतिहास, लोगों आदी की समझ देता है, इस लिटरेचर फेस्टीवल  में भारी भागीदारी का मतलब है कि लोग साहित्य को महत्व देते है और साझा करना और सीखना चाहते है। लिटरेचर फेस्टीवल साहित्य के प्रति जुनून को बढ़ावा देगा और प्रतिभागियों को समग्र जानकारी प्रदान करेगा जिससे सीखने का आनंद मिलेगा।

महिला सशक्तिकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र में वक्ता डा सुबरीना जेस्मिन ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान जिसे साहित्य उत्सवों के माध्सय से बढ़ावा दिया जा सकता है। लिटेचर फेस्टीवल सभी पहलुओं में देशों को एक साथ जोड़ता है और छात्रों के लिए लेखकों, गीतकार, कहानीकारों और कई अन्य दिग्गजों से मिलने का अवसर है। उन्होने छात्रों को इस त्योहार का पूरा उपयोग करने और अपने क्षितिज को व्यापक बनने की सलाह दी।

आयरलैंड के मैरी इमैक्युलेट कॉलेज के अंग्रजी भाषा और साहित्य विभाग के प्रमुख डा इयूजीन ओब्रायन ने कहा कि साहित्व उत्सव उन देशों का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है जहां लोग कहानियों के माध्यम से व्यक्त करना पसंद करते है, ऐसे समय में जब धर्म, जातीयता आदी के आधार पर कई संघर्ष हो रहे है। साहित्य हमें पुस्तक को पढ़ने और मन, चेतना, अनुभव और परिप्रेक्ष्य में रहने की अनुमति देता है। लेखक पूरी तरह से अलग संस्कृति से कोई व्यक्ति, और इस प्रकार मानव अनुभव स्तर के अनुभवों को समझता है।

एमिटी विश्वविद्यालय की डीन (स्टूडेंट वेलफेयर) डा अल्पना कक्कड़ ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा है कि इस साल के कार्यक्रम में बुक कवर डिजाइन, पिक्चर परफेक्ट, वेबस्प्री आदी जैसी गतिविधियों की मेजबानी करेगा। कविता, कहानी, लेखन, सार्वजनिक बोलने की कला और साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर पैपन चर्चाओं पर कई कार्यशालाएं भी होगी। जिनका नेतृत्व 6 महाद्वीपों, 62 देशों के प्रख्यात पैनलिस्ट, कार्यशाला विशेषज्ञ और इवेंट जूरी करेेंगे।

मकाओं के सेंट जोसेफ विश्वद्यिालय के शिक्षा के सहायक प्रोफेसर डा लॉरी बेकर ने कहा कि साहित्य हमें वास्तविकता का पर्यवेक्षक बनने के लिए प्रशिक्षित करता है और प्रत्येक क्षण लेखक के विहंगम दृश्य को देखने का नया अवसर प्रदान करता है। साहित्य मानव परिस्थितियों के सभी पहलुओं और विभिन्न विचारधाराओं, संस्कृतियों आदी के लिए अनुभव प्रदान करता है जो न केवल पाठक को प्रबु़़द्ध करता है बल्कि एक विशाल प्रदर्शन भी देता है।

कार्यक्रम के दौरान पैनल चर्चा का आयोजन किया जाऐगा जिसमें साहित्य के माध्यम में एक साथ, मनमोहक खिड़की के माध्यम से आदि विषयों पर चर्चा होगी।