कनाडा:सतीश महाना ने कहा..राष्ट्रमंडल केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक लक्ष्य।

 




हिन्दुस्तान वार्ता।

भारत अपने लक्ष्यों को 2030 तक पूरा करने को लेकर कार्य कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पंचामृत के सिद्धान्तों के साथ देश को विकास के रास्ते पर ले जाने का हम सब भारतीयों का लक्ष्य है। हम सब उनके इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं। ये कहना है कनाडा का दौरे कर रहे यूपी विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना का वो यहां कनाडा के हैलीफैक्स में 65वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में उपस्थित विभिन्न देशों से आये प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे, उन्होंने इस मौके पर सतत् विकास के लक्ष्यों के विषय पर भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करते हुए कहा कि इसे हासिल करने में भारत की परफारमेंस रेटिंग 66 तक पहुँची है।

उन्होंने उत्तर प्रदेश एवं देश के अन्य राज्यों की जनसंख्या उनके आकार और जलवायु आदि पर चर्चा की और कार्बन बजटिंग के पालन करने पर जोर दिया।श्री महाना ने संसदीय सम्मेलन में सतत् विकास के लक्ष्यों के बारे में विस्तार से बताया।

संसदीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र पर कनाडा की गवर्नर- जनरल मैरी साइमन ने राष्ट्रमंडल सांसदों से लोकतांत्रिक 

सिद्धांतों और राष्ट्रमंडल के मूल्यों को बनाए रखने के लिए 

मिलकर काम करने का आग्रह किया।उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल केवल एक नाम नहीं है, बल्कि एक लक्ष्य है।दुनिया के सभी राष्ट्र एक समाज है, जो समान उद्देश्यों के लिएमिलकर काम करतें है।गवर्नर जनरल मेरी साइमन ने सम्मेलन के उद्देश्यों और इसकीआवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सम्मेलन संसदीय व्यवस्था के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।सम्मेलन में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के अध्यक्ष एंथोनी रोटा, संघ के महासचिव स्टीफन ट्विग, चीफ ऑफ प्रोटोकाल ऑफ द पार्लियामेंट आफ कनाडा नैंसी एंकतील व कैथ बैन ने भी अपने विचार रखे।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन का थीम 

इंक्लूसिव, एक्सेसिबल अकाउंटेबल एंड स्ट्रांग पार्लियामेंट, 

द कार्नर स्टोन आफ डेमोक्रेसी एंड एसेंशियल फार डेवल्पमेन्टहै।सम्मेलन के दौरान विभिन्न विषयों पर आठ कार्यशालाएं आयोजित होनी हैं। इस संसदीय सम्मेलन में भारत ‘‘कार्यशाला जन संसद व नवाचार के माध्यम से सुगम्यता’’ में पैनलिस्ट के रूप में भाग 

ले रहा हैं।

यह सम्मेलन संसदीय प्रणाली में सुधार, अंतरराष्ट्रीय 

राजनीतिक मुद्दों व इसकी प्रगति और वैश्विक राजनीतिक 

चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रमंडल संसदों और 

विधायिकाओं के प्रतिनिधियों को एक वार्षिक मंच प्रदान 

करता है। 

(लखनऊ ब्यूरो)