बूंद बूंद से घडा भरता है, जन जन को गौ रक्षा करनी चाहिए।

 




हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा। हमारी ११७ वीं पितृ अमावस्या गौ रक्षा यात्रा सम्पन्न हुई।सर्वप्रथम त्रिलोकी नाथ, गुड्डू जी ने झाड़ू लगाकर पूरे प्रांगण को स्वच्छ करने की सेवा की।तत्पश्चात गोपालों द्वारा लाये गये सब्जी,केले, काशीफल,लौकी आदि गायों को खिलाकर सेवा की।अन्य गोपाल जी के सौजन्य से बनवाई गई ताजी, गर्म रोटी और पूड़ी खिलाकर गौ सेवा की।

वर्तमान में जोर से फैले हुए लम्पी रोग के कारण रोटी मे हल्दी और कालीमिर्च डलवाने की व्यवस्था की गई थी। गौ माताजी को साधुवाद ,जिन्होंने प्रातः काल उठकर गाय के लिए ताजी रोटी तैयार की। पैसा ही सब कुछ नहीं होता।तन की सेवा धन की सेवा से बड़ी होती है।

रोटी जिन गोपालों के सहयोग से प्राप्त हुई उनके नाम हैं बिट्टू पंडित, नन्द लाल मुल्तानी एवं रेनू आर्य।

और पूड़ी का सहयोग किया गोपाल नन्द लाल मुल्तानी, एवं बहिन कल्पना अग्रवाल।श्री गोपाल राकेश बंसल ने रोटी में सहयोग किया।तत्पश्चात गौशालाओं में भूसे का स्टाक करवाने की श्रंखला में छठवीं गाड़ी भूसे की ३२ मन उतरवाई।इसका सहयोग श्री विकास बंसल, श्री गोपाल जी गुप्त दान और जयपुर से गोपाल फूल चंद से प्राप्त हुआ।निम्न लिखित गोपाल यात्रा में शामिल रहे।सुनील गर्ग,मनमोहन, बिट्टू पंडित,त्रिलोकी नाथ बंसल,गुड्डू जी,दक्ष, ठाकुर साहब,बहिन लाजवंती,विपिन राठौर,कमल जैन,तत्पश्चात प्रार्थना के बाद प्रसाद वितरण किया गया।

हम इन सभी के आज की यात्रा में सहयोग करने वाले गोपाल जी के आभारी हैं।श्री गुप्त दान,श्री विकास बंसल,श्री शैलेन्द्र शर्मा,नन्द लाल मुल्तानी,रेनू आर्य,आदि उपस्थित रहे। गौ माताजी जिन्होंने प्रातः काल में ताजी रोटी बनाकर पहुंचाई।

-दिलीप 'दाल पकवान वाले'काला महल,आगरा

रिपोर्ट-: ठाकुर धर्म सिह ब्रजवासी