सिविल सोसाइटी आगरा द्वारा आयोजित,तीन स्कूल के छात्रों ने किया एडीजी आगरा ज़ोन से संवाद।

 


- अगर अच्छा कैरियर बनाना है तो बारबीं (12) तक मोबाइल और इंटरनेट का त्याग करना होगा। इन सालों में मेहनत करें। और अपनी विश पूरी करें या मोबाइल और इंटरनेट करें और रोएँ। 

-इंटरनेट का उपयोग सिर्फ पढ़ाई के लिए करें।

हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा

पुलिस पब्लिक सहयोग (Public Police partnership )जरूरत को दृष्टिगत  सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने सैंट विंसेंट गर्ल्स हाई स्‍कूल (  St. Vincent Girls High School   ),सेंट पॉल्स इंटरमीडिएट कॉलेज (St. Paul's Intermediate College  ) और सेंट मार्क्स पब्लिक स्कूल (St. Mark's Public School ) स्कूलों के सहयोग से स्‍टूडैंटों की टीम ने एडीजी पुलिस ,आगरा जोन के कार्यालय के ' अध्ययन भ्रमण ' का आयोजन 20 अक्टूबर 2022 को किया गया। 

अनिल शर्मा सेक्रेटरी सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने राजीव कृष्ण का परिचय दिया और उन्होंने, आए हुए छात्रों ,टीचरों और सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के सदस्यों से एडीजी का परिचय करवाया,साथ ही उपस्थित लोगो का भी परिचय कराया।एडीजी आगरा ज़ोन के साथ इस तरह का संवाद पहली बार हुआ।

बड़ों से कुछ न छुपायें:

राजीव कृष्‍ण आई पी एस,ए डी जी पुलिस आगरा जोन ने छात्रों, टीचरों और सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने ज्ञानवर्धक संवाद कर स्टूडेंटों को सामाजिक व्यवस्था के परिपेक्ष्‍य में पुलिस की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। छात्रों से कहा कि वे रोज अपने माता पिता से 15 मिनट स्कूल मे हर दिन बिताए समय की चर्चा करें और बताएं स्कूल में क्या क्या हुआ। रोज की चर्चा से परिवार मे आने वाली परिस्थितियों को मिलजुल कर सुलझा लिया जा सकता है।  किशोर वय की अपर पक्व मनोस्‍थितियों को दुरुपयोग कर सोशल मीडिया पर शोषण और दुर्भावना से उनके साथ किये जाने जा सकने वाले अपराधों के प्रति सचेत किया। उन्होंने कहा कि किशोरों को अपराध की ओर प्रवृत्त करने की घटनाएं केवल भारत में ही नहीं दुनिया के दूसरे देशों में भी बढी हैं। इस प्रकार के कृत्‍यों को बच्‍चो के माता पिता या संरक्षक सहजता के साथ उन्हें सचेत कर सुरक्षित कर सकते हैं। 

-दोस्ताना माहौल जरूरी:

इसमें सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण एक ऐसा वातावरण तैयार करने का हरसंभव प्रयास जरूरी है,जिसमें बिना झिझक व डर के अपनी परेशानी बताने की हिम्मत जुटा सकें। और यह केवल आत्मीयता पूर्ण दोस्ताना माहौल से ही संभव है। राजीव कृष्ण ने अपने पुत्रों का दृष्टांत देते हुए बताया के उन्होंने दोस्तना माहोल में अपने पुत्रों को 12th में और उसके  बाद अपने पसंद के विषय चुनने के लिए प्रेरित किया। उनका बड़ा पुत्र तीरंदाज़ी मे राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी है, और अभी नेशनल लॉं कॉलेज मे है। उन्होने एक पिता होने के नाते से कहा कि डांट और रोज टोकने से काम नहीं चलेगा। बच्चों को नियमित रूप से समझाना होगा। पेरेंटल गाइडेंस बहुत जरूरी है।  

कैरियर चुनने पर चर्चा-

बच्चों ने एडीजी से अपने मन की बात करते हुए अपने अपने कैरियर जैसे सिविल सर्विसेस , सीए, डॉक्टर, प्रॉफेश्नल हैकर बनने के लिए क्या करना है, उस पर चर्चा की। राजीव कृष्ण ने कहा कि एसे सवाल उम्र के इस पड़ाव पर हर बच्चे के मन मे आते हैं। अभी हम को छोटे छोटे गोल पर सोचना और काम करना चाहिए, जैसे अगले इम्तिहान में कैसे 10% एक्स्ट्रा मार्क्स लाने है, दसवीं से बारहवीं मे कैसे 10% एक्स्ट्रा मार्क्स लाने हैं। आगे उन्होंने कहा कि युवा अपना कैरियर का चुनाव पूरे समर्पण भाव से करें।उन्‍होंने बताया कि 12वीं कक्षा का भारतीय शिक्षा पद्यति में खास महत्‍व है,। जिसे पास करने के उपरांत युवाओं को अपने कैरियर की मंजिल की ओर बढना होता है।

श्री कृष्‍ण ने कहा कि कैरियर के जितने भी रास्‍ते हैं, वे सभी कडी प्रतिस्‍पर्धा से भरपूर है। उन्‍होंने कहा कि क्‍लास पास करलेना अपेक्षाकृत आसान होता है,किसी प्रतिस्‍पर्धी स्‍थिति का सामना नहीं करना होता है, वहीं इसके ठीक विपरीत कंपटीशन सफलता के लिये सीमित अवसर ही प्रदान करता है। इसमें नम्‍बर पाने का महत्‍व नहीं होता ,प्रतिस्‍पर्घियों में श्रेष्ठ साबित होना मुख्य लक्ष्य होता है।

एडीजी ने कहा कि वे उस हकीकत को बयां कर रहे हैं,जिसका सामना उनकी पीढ़ी ने किया है। अगर कोई कंपटीशन दस वैकेंसियों को पूरा करने के लिये हरे हो रहा है तो सबसे ज्यादा दस अंक प्राप्त करने वालों का ही चयन होगा।

एडीजी ने छात्रों से इंजीनियरिंग,डाक्‍टर,एडवोकेट बनने के अवसर प्रदान करने वाले कंपटीशनों के साथ ही रोजगार पाने के अन्य अवसरों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्‍पोर्ट्स एक बढिया ऑप्‍शन है। किन्‍तु इसकी शुरुआत पूरी गंभीरता के साथ की जाय।उन्‍होंने कहा कि किसी भी खेल में नम्बर एक से लेकर तीसरे नंबर तक का ही महत्व होता है।

श्री कृष्ण ने मोबाइल फोन के बेजा इस्तेमाल को आत्म अनुशासन से ही रोकने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि डिजिटल सोशल मीडिया और स्मार्टफोन इस्तेमाल करने से नहीं बच सकते,बस इनके इस्तेमाल को खुद ही सीमित करना होगा।उन्‍होंने ओ टी पी,यूजर आई डी तथा कोड आदि शेयर न करने को कहा।

श्री कृष्‍ण ने कहा कि देश,दुनियां के चल रहे घटना क्रमों की जानकारी रखना अब निहायत जरूरी है, इसके लिये अच्‍छे अखबार पढने की सलहा दी। 

 सिविल सर्विसेस के लिए अभी 5/6 साल का समय है, पर अभी से रोज एक हिन्दी और इंग्लिश का अखबार पढ़ना चाहिए। उन्होने अपना अनुभव साजा करते हुए कहा के पहले उन्होने बीटक किया और फिर सिविल सर्विसेस कि तैयारी की,मज़ाकिया  अंदाज मे उन्होने कहा के उन्होने सिविल सर्विसेस के लिए सब से छोटा स्यलेबस देख कर फिलोस्फी को चुना था।

 खेल में कैरियर बनाना:

खेल भी एक अच्छा विकल्प है । खेल चुनने के बाद प्रोफेशनल और कॉम्पिटिटिव खेलने का धेय रखना चाहिए। खेल में दक्षता पाने के लिए बचपन से तैयारी करनी पड़ती है। मुश्किलें यह भी हैं,पर सब से बड़ा फाइदा है के मोबाइल/इंटरनेट जैसे डिस्ट्रैक्शन कम होता है। उनका बड़ा पुत्र राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी होते भी क्लट का एंट्रैन्स टेस्ट क्लियर कर गया।  

-सूचना मिलने पर कड़ी कार्यवाही:

उन्होंने कहा कि अगर समय रहते पुलिस को जानकारी मिल जाये तो वह पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि अप्रिय स्थिति बन ही नहीं सिकेगी। स्थितियों का दुरुपयोग कर बच्चों को आपराधिक कृत्यों और अनैतिक आचरण अपनाने वालों से निपटने में पुलिस पूरी तरह से सक्षम है।     

ज्ञानवर्धन से भरपूर रहा विजिट:

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के जनरल सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने बताया कि बच्‍चो ने एडीजी ऑफिस की पुलिस प्रशासन में भूमिका के बारे पूछा तथा जिज्ञासा जाहिर कर जानना चाहा कि क्या वे भी पढ़ाई पूरी कर पुलिस बल में करियर तलाश सकते हैं। स्टूडेंट्स ने एडीजी कार्यालय के विभिन्न विभागों की भूमिका के बारे में जानने की जिज्ञासा भी पूरी की। पूर्व में स्टूडेंटों ने एडीजी कार्यालय की अवस्‍थापनाओं का निरीक्षण किया। साइबर सैल,इन्‍वैस्‍टिगेशन संबधी तकनीकियों की जानकारी लेने के अलावा उन्‍होंने उस व्‍यवस्‍था के बारे में भी समझा जो कि इंटरनेट का दुरेपयोग कर ढगी करने वालों को पकडने के लिये इस्‍तेमाल की जानकारी ली।  श्री सुलभ सरन- पीआरओ ने छात्रों और टीचर्स को एडीजी ऑफिस का भ्रमण करा अलग अलग सेल जैसे -सर्वेलांस जहां सेल फोन पर नज़र रखी जाती है , साइबर क्राइम -फ़ाइनेंष्यल और सोश्ल , चुनाव प्रकोष्ठ, आदि। । छात्रों के लिए यह एक नया अनुभव था, हर सेल के इंचार्ज से सवाल पूछ कर जिज्ञासा पूर्ण कि। 

  स्टूडेंट्स के इस स्‍टैडी विजिट का आयोजन सिविल सोसायटी ऑफ,आगरा के द्वारा स्‍कूल प्रशासनों के सहयोग से  'युवाओं के ज्ञान बर्धन ' कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया था। आज के कार्यक्रम में हर स्कूल से 10 छात्र थे, साथ में सेंट मार्क्स पब्लिक स्कूल की टीचर मंजुला सेठ , सैंट पॉल्स इंटर कॉलेज की टीचर  विभा शर्मा सैंट विंसेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की टीचर वसुधा सिंह, शिरोमणि सिंह अध्यक्ष सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा,वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना, अनिल शर्मा- सेक्रेटरी सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा और सीनियर फ़ोटो जर्नलिस्ट असलम सलीमी ने भाग लिया। 

सैंट विंसेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल ने राजीव कृष्ण जी को मेमोंटो और थैंक यू कार्ड भेंट किया।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।