आगरा:भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति,2020:दृष्टि का क्रिया में रूपांतरण।संत रामकृष्ण कन्या महाविद्यालय,बल्केश्वर में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार।



                                                                                                        


-राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य प्रमुख भारत को विश्व गुरु बनाने के साथ नालंदा और तक्षशिला जैसा गौरव हासिल करना है।

- संत रामकृष्ण कन्या महाविद्यालय बल्केश्वर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दो सप्ताह राष्ट्रीय सेमिनार शुरू।

-आठ राज्य की शिक्षा- शोधार्थियों और छात्रों का हुआ समागम, दिन भर चला शोध पत्रों का वचन, सोवियत संघ जारी।

-विश्वविद्यालयों और विवरणों को केवल डिग्री विवरण केंद्र न बनाएं: प्राध्यापक कुमार शुक्ला।

हिन्दुस्तानी वार्ता।

आगरा। संत रामकृष्ण अल्पसंख्यक बल्केश्वर में प्रथम को "भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020: दृष्टि का क्रिया में रूपांतरण" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुरू हुआ। 

       सेमिनार में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर सहित 8 राज्यों से 450 से अधिक शिक्षा प्राप्त करने वाले शोधार्थियों और छात्रों का समागम हो रहा है। ताजनगरी के भी एक से अधिक विद्यालयों के शिक्षक देख रहे हैं। 

    सेमिनार के तकनीकी मामलों में जहां दिन भर विभिन्न राज्यों से प्राप्त वीडियो ने अपना शोध पत्र लिखा, वहीं इन शोध लेखों को प्रकाशित कर सोविएर भी कार्यक्रम के दौरान जारी किया गया। 

स्वरोजगार और उद्यमिता का विकास मुख्य लक्ष्य है:-

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य मंत्री और विद्या भारती के तहत सरस्वती शिक्षा परिषद की आगरा इकाई के अध्यक्ष राकेश गर्ग ने मां शारदे और मां भारती की तस्वीर के तौर पर उद्घाटन किया। 

  इस उद्देश्य पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य युवा पीढ़ी में स्वरोजगार और उद्यमिता का विकास कर भारत की मूल आत्मा को नवजीवन प्रदान करना है।    

माध्यमिक शिक्षा की शिक्षा के लिए उच्च शिक्षा का अच्छा होना जरूरी:-

ओपनिंग में की नोट स्पीकर जेनयू नई दिल्ली केंदेंद्र कुमार प्रोफेसर ने कहा कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रमुख उद्देश्य भारत को विश्व गुरु बनाने के साथ नालंदा और तक्षशिला के रूप में गौरव को पुनः प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि जब तक उच्च शिक्षा अच्छी नहीं होगी तब तक शिक्षा को भी बेहतर नहीं बनाया जा सकता। छात्रों को केवल डिग्रीधारी ही नहीं बल्कि उन्हें अलगाववादी और डायनेमिक मेकिंग करना पड़ता है।

रूपांतरण से नरेंद्र विवेकानंद:-

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति और सेमिनार के विशिष्ट अतिथि प्राध्यापक कुमार शुक्ला ने कहा कि योग और प्राप्तियों को केवल डिग्री वितरण केंद्र के रूप में डवलप नहीं करें। ये छात्रों का रूपांतरण करने वाले केंद्र को होना चाहिए। रूपांतरित हुए तो नरेंद्र विवेकानंद हुए और एक महाआरा कलाम बना। 

  उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की दृष्टि का जब क्रिया में रूपांतरण होगा तो करोड़ों जीवंत मन देश-दुनिया को मिलेंगे। 

   उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सफलता के लिए जरूरी है कि हम छात्रों को जिज्ञासु, सेवाभावी और चरित्रवान बनाएं।

भारत सरकार को भेजेंगे सेमीनार के निष्कर्ष:-

संत रामकृष्ण कोलाज के निदेशक रविकांत चावला ने विद्यालय का परिचय देने के बाद बताया कि सेमिनार के उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की गहन जानकारी प्रदान की जाती है ताकि वे शिक्षा के क्रांतिकारी परिवर्तन और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वाह कर सकें।उन्होंने कहा कि सेमीनार के मंथन से निकली धारणा की जमीनी स्थिति इन धारणाओं को एक प्रतिवेदन के रूप में भारत सरकार को सक्रिय किया जाएगा।

 उन्हें मिले राष्ट्र सम्मान:

अध्ययन के पहले प्रोफेसर आप आनंद लें, डॉक्टर मुनीश्वर गुप्ता, डॉ. मनोज कुमार रावत, डॉ. निर्मल दीक्षित, डॉ. अमित कुमार अग्रवाल और डॉ. कविता रायजादा को उनकी विशिष्ट उपलब्धियों और उपलब्धियों के लिए स्वामी विवेकानंद पुरस्कार प्रदान किया गया। 

   संत रामकृष्ण संयोग के साथ मनुष्य चावला, प्राचार्य डॉ. मोहिनी तिवारी और गुप्तचर सचिव डॉ। एके अग्रवाल ने इन सभी को अभिनंदन पत्र, टीम और शॉल देकर सम्मानित किया।

  कार्यक्रम में डॉ. के सी वशिष्ठ, डॉ. जेसी शर्मा, डॉ. अनिल कुमार गुप्ता, डॉ अश्विनी हाउसा और डॉ। रमेश तनेजा का भी स्वागत-सम्मान किया गया। 

ये भी रहे प्रमुख रूप से शामिल:-

   इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार आनंद जी, गुरु घासी राम सेंट्रल यूनिवर्सिटी छत्तीसगढ़ के डॉ. संबित कुमार पाढ़ी, जेनयू नई दिल्ली के अर्थशास्त्र विभाग से डॉ. मनोज दिवाकर, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा (महाराष्ट्र) से डॉ. प्रमोद जोशी और रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली से डॉ. विमल कुमार भी एक पर्सन के रूप में नजर आए।

   शुरू में डॉ. निशा कपूर और छात्राओं का स्वागत-गीतों ने सबके साथ भाई-विभोर कर दिया। कॉलेज के डायरेक्टर रविकांत चावला और डॉ. पिंकी वर्मा ने सेनर का ऑपरेशन किया।