'सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा' के प्रतिनिधि मंडल ने की एयरपोर्ट डाइरेक्टर से मुलाक़ात।

 



- 'जी-20' के अवसर पर बड़ी संख्‍या में साल भर क्‍वालिटी टूरिस्‍ट आगरा आयेंगे।

- एयरपोर्ट शिफ्टिंग प्रोजेक्ट को पूरा करवाने में में तेजी लायें।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा: सिविल एयरपोर्ट आगरा की धनौली में शिफ्टिंग प्रोजेक्ट में तेजी लाये जाने को लेकर सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का प्रतिनिधि मंडल एयरपोर्ट डायरेक्टर श्री ए.ए.अंसारी से मिला और प्रोजेक्ट को तेजी के साथ पूरा करवाने की मांग की । सिविल सोसायटी ऑफ आगरा  के प्रतिनिधियों ने बताया कि भारत को ‘जी-20’ की वर्ष 2023 के लिये अध्‍यक्षता मिली है,जाहिर है कि इससे स्‍तरीय विदेशी मेहमानों और आधिकारिक शिष्‍ट मंडलों के नई दिल्ली आने का सिलसिला अपेक्षाकृत अधिक रहेगा। फलस्‍वरूप आगरा के टेरिजम ट्रेड और उत्‍पाद बाजार को भी ज्यादा अवसर मिलेंगे।

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा  के प्रतिनिधियों ने कहा कि सिविल एयरपोर्ट को अगर समय रहते नये स्थान पर शिफ्ट कर दिया जाये तो अवसर का उपयुक्‍त लाभ उठाया जा सकता है।

एयरपोर्ट डायरेक्टर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करने की पूरी तैयारी कर ली गयी है,जब भी वाद की सुनवाई की अगली तारीख पड़ेगी,एयरपोर्ट अथॉरिटी अपने से संबंधित तथ्‍य कोर्ट के समक्ष रख देगी।

श्री अंसारी ने एक जानकारी में बताया कि सिविल एन्‍कलेव की शिफ्टिंग के लिये जरूरी जगह पूरी तरह से अधिग्रहित कर बाउंड्री बंद की जा चुकी है। 

यही नहीं ग्रीनरी संबंधी शर्तों को पूरा करने के लिये प्लांटेशन प्लान भी बनकर तैयार हो चुका है। सिविल एन्‍कलेव का अपना सीवर ट्रीटमेंट प्लांट होगा। डाइरेक्टर ने बताया के अभी के टर्मिनल बिल्डिंग जिस का साइज़ 4870 एसक्यूएम के करीब है, कम पड़ने लगी है। नई बिल्डिंग को 4 स्टार ग्रीन रेटिंग के अनुरूप बनाये जाने की योजना है।इससे एनर्जी की खपत कम हो जाएगी।साथ ही डीजी सेट को सीएनजी से संचालित कर sulphur di oxide का उत्सर्जन नगण्य हो जाएगा।

इस्तेमाल किये जा चुके पानी का रियूज भी होगा। हरियाली आच्‍छादन के कार्य में रियूज पानी ही उपयोग में लाया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के अनुसार आगरा का मामला, ताज ट्रेपेजियम जोन क्षेत्र होने के कारण ही अब तक लटका रहा है। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का मानना है कि कानूनी बाध्‍यताओं के स्थान पर ‘एन्‍वायरमेंट एक्टिविस्टों के द्वारा उठाया जाती रही शंकाएं इसकी मुख्य वजह हैं। अब तक एक भी पर्यावरण विद हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाले एटीएफ जनित प्रदूषण के आंकड़े पेश नहीं कर सका है।सिविल सोसायटी आगरा के द्वारा केन्द्रीय पर्यावरण बोर्ड और उ. प्र. पर्यावरण प्रदूषण विभाग से भी उपरोक्त के संबंध में समय समय पर जानकारी मांगी है,किन्तु अब तक आधिकारिक रूप से उपलब्‍ध नहीं करवायी जा सकी।

 इस अवसर पर, सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधि मंडल में जर्नल सेक्रेटरी अनिल शर्मा ,राजीव सक्सेना और फोटो जर्नलिस्ट असलम सलीमी आदि प्रमुख थे।    

रिपोर्ट-असलम सलीमी।