सेवा प्रकल्प संस्थान के वार्षिक उत्सव में स्वतंत्रता संग्राम के जनजाति नायकों का किया,भावपूर्ण स्मरण।

 


देश की स्वाधीनता के लिए जनजातीय समाज का बलिदान अतुलनीय।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत स्वतंत्रता संग्राम के जनजाति नायकों का भावपूर्ण स्मरण करते हुए अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से संबद्ध सेवा प्रकल्प संस्थान (पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड) का वार्षिकोत्सव रविवार शाम सुरसदन में "तू-मैं एक रक्त" और "गिरि वनवासी-नगर निवासी-हम सब भारतवासी" के मनोभाव से मनाया गया। 

   समारोह-अध्यक्ष रोमसंस ग्रुप के एमडी किशोर खन्ना, मुख्य अतिथि पुष्पांजलि ग्रुप के चेयरमैन बीडी अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि न्यूरो फिजिशियन डॉ. विनय अग्रवाल, सेवा प्रकल्प संस्थान के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डालचंद जी, मुख्य वक्ता अखिल भारतीय युवा कार्य प्रमुख वैभव सुरंगे और भावना जी ने संयुक्त रूप से मां भारती की तस्वीर के समक्ष दीप जलाकर समारोह का विधिवत शुभारंभ किया।

    सेवा प्रकल्प संस्थान के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डालचंद जी ने वनवासी कल्याण आश्रम के कार्य, इसकी आवश्यकता और प्रभाव पर प्रकाश डाला।

जलियांवाला बाग हत्याकांड से भी भयानक था मानगढ़ नरसंहार।

  इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि ब्रिटिश समाज के विरुद्ध सबसे पहले संघर्ष और आंदोलन करने वाले जनजातीय समाज के बलिदान को स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में ठीक से रेखांकित ही नहीं किया गया। हम भूल जाते हैं कि जलियांवाला बाग हत्याकांड से कई गुना भयानक था मानगढ़ नरसंहार। आज की पीढ़ी के लिए जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास के साथ इनको प्रदत्त संवैधानिक प्रावधानों को भी जानना बेहद जरूरी है।

भारत की आत्मा है जनजाति- गिरवासी: डॉ. पंकज नगायच।

अतिथियों के परिचय के साथ स्वागत उद्बोधन देते हुए कार्यक्रम संयोजक डॉ. पंकज नगायच ने कहा कि भारत की आत्मा जनजाति-गिरिवासी हैं। जनजातीय समाज ने देश की स्वाधीनता के लिए जो बलिदान दिया है, वह अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि देश के लिए त्याग-बलिदान देने के साथ जनजातीय समाज से सस्टेनेबल डेवलपमेंट की सीख भी ली जा सकती है।

देशभक्ति पूर्ण कार्यक्रमों ने बांधा समां।

सेवा प्रकल्प संस्थान के आगरा और रुद्रपुर सेंटर की छात्राओं ने देशभक्ति पूर्ण गीतों और मनमोहक नृत्य प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। 

  सरस्वती शिशु मंदिर के बालकों ने वीर बलिदानी जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के स्वरूपों को मंच पर जीवंत कर सबकी वाहवाही लूटी। 

  काव्या शर्मा, पलक नैनानी, सिद्धि गर्ग, शांभवी नगायच, वाणी तंवर, आध्या कुशवाह और आहना सिंह द्वारा प्रस्तुत राम और शिव स्तुति ने भावविभोर कर दिया। मकर संक्रांति का आव्हान भी किया गया।

प्रदर्शनी और पत्रिका ने भी किया आकर्षित।

समारोह के दौरान मंचासीन अतिथियों द्वारा वनवासी गौरव पत्रिका का विमोचन भी किया गया। डॉ. पंकज भाटिया ने पत्रिका का परिचय दिया।

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की नवीन समिति का गठन भी किया गया। इस दौरान सेवा प्रकल्प संस्थान द्वारा सूरसदन गैलरी में लगाई गई जनजातीय समाज के स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रही।

इन्होंने संभालीं व्यवस्थाएं।

सेवा प्रकल्प संस्थान के अध्यक्ष संतोष गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक डॉ. पंकज नगायच, सह संयोजक डॉ. सुनीता पंजवानी और डॉ. ब्रह्मानंद गोयल ने किया। 

  सचिव महेश सिकरवार, सह संयोजक अमित शर्मा, स्वदेश विकल, आलोक वर्मा, आनंद शर्मा, मीडिया प्रभारी अविनाश राणा, अलंकार, विकास, जितेंद्र वर्मा, करुणा, शशिबाला, सिमरन, मीना गुप्ता, राजकुमार गुप्ता और मिथिलेश ने अतिथियों का स्वागत किया।