टीम पापा चली गाँव की ओर..,निजी विद्यालयों की मनमानी,निरंकुशता,आर्थिक शोषण पर अंकुश लगाने के लिए, सरकारी विद्यालयों को सशक्त बनाना होगा:मनोज शर्मा।

 


टीम पापा ने परखी ग्रामीण उच्च प्राथमिक विद्यालय की गुणवत्ता।

बच्चों को बांटी कॉपी, पेन पेंसिल, अन्य शैक्षणिक स्टेशनरी और अध्यापकों का किया सम्मानित पट्टिका उड़ाकर सम्मान..

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा।  प्रोग्रेशिव एशोसिएशन ऑफ पेरेन्ट्स (टीम पापा) के संरक्षक/ संस्थापक मनोज शर्मा ने संस्था के आशीष खंडेलवाल के साथ आज ग्रामीण आँचल के ब्लाक-अकोला के ग्राम अभयपुरा के उच्च प्राथमिक विद्यालय का भ्रमण किया और विद्यालय के शैक्षणिक, भौतिक परिवेश, मध्यान्ह भोजन योजना, पुस्तकालय संचालन, स्मार्ट क्लास रूम, TLM कॉर्नर एवं विद्यालय के क्रीड़ा स्थल का अवलोकन किया व गांव के प्रतिष्ठित सम्भ्रांत गणों व अनेको अभिभावकों से शिक्षा व्यवस्था व सरकारी सुविधाओं पर चर्चा की,

मनोज शर्मा ने कहा है कि गाँव की प्राथिमिक शिक्षा अब पेड़ के नीचे से निकल कर स्मार्ट क्लास रूम का स्वरूप ले रही है, 

बदलते सुंदर विद्यालय भवन, प्रांगण, शिक्षण अधिगम सामग्री से सुसज्जित कक्षा कक्ष व बच्चों की विद्यालय यूनिफार्म और सबसे अच्छी बात बच्चों का  सवालों का त्वरित जवाब देना, निश्चित ही मन को लुभाता है।

मध्यान्ह भोजन वितरण के समय पहुँचने पर बच्चें पंक्तिबद्ध होकर भोजन करते नजर आये।

संस्था संरक्षक ने भोजन की गुणवत्ता देखने के लिये भोजन भी चखा जो साप्ताहिक सारणी के हिसाब से स्वादिष्ट व पौष्टिक था।

प्रत्येक कक्षा में जाकर, बच्चों से सवाल किये और उनके उत्तर देने वाले विद्यार्थियों को पुरुस्कृत भी किया, 

संस्था की ओर से सभी विद्यार्थियों को कॉपी, पेन/पेंसिल सहित अन्य स्टेशनरी सामग्री वितरित की गई व अध्यापकों को बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिये दुपट्टे उड़ा कर सम्मान किया।

टीम पापा संरक्षक का कहना है कि निजी विद्यालयों की मनमानी पर अंकुश व अभिभावकों के जबरन आर्थिक शोषण पर रोक लगाने के लिये सरकारी विद्यालयों  और अधिक सशक्त व आधुनिक बनाकर उन्हें शक्ति देना आवश्यक है।

 आज समय के साथ सरकारी शिक्षा व्यवस्था में आधारभूत सरंचनाओं में जरूर बृद्धि हुई है किन्तु नया फर्नीचर, कक्षा में कैमरे आदि से ही काम नही चलने वाला,सरकारी शिक्षक को जब तक गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्ति नही दी जायेगी तब तक मात्र दिखाबे वाली वस्तुओं से देश भविष्य बच्चों का पूर्ण भला नही हो सकता।

अन्य प्रशानिक कार्यो के लिए सरकार को और वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।

अन्य कार्यो का मानदेय अध्यापकों को न देकर सरकार किसी अन्य व्यक्ति को रोजगार देकर बेरोजगारी में बढ़ोतरी तो उस रोकनी चाहिए और कुछ शिक्षक को स्वतंत्र रूप से शिक्षण कार्य के लिये मुक्त रखना चाहिये, शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय किये जा रहे अव्यवहारिक प्रयोगों को तत्काल बंद किया जाए।

  संस्था ग्रामीण अंचल के अभिभावकों से अपील करती है कि वह अपने बच्चों को निरंतर विद्यालय भेजे व हमेशा विद्यालय शिक्षको से बच्चों के हित व प्रगति के बारे जानकारी करते रहे.

संस्था के आशीष खंडेलवाल के अनुसार संस्था अब ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावकों को भी जागरूक करने का कार्य करेगी।