सांसद राजकुमार चाहर ने सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा से मुलाक़ात मे जगनेर की बंदियाँ,पानी संचय पर की चर्चा।



जगनेर की बंदियाँ - लगभग 4000 हेक्टेयर के जलभराव का क्षेत्र, पानी संचय की मुख्य जरूरत।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा-फ़तेहपुर सिकरी क्षेत्र के सांसद राजकुमार चाहर ने कहा कि आगरा के गिरते भूजल स्तर और भूजल की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रभावी कदम उठवाये जाने का प्रयास करेंगे। 

उन्होने कहा कि इसके लिए मौजूदा जल संगरक्षण व संचय से संबन्धित  संगरचनाओं को प्रभावी बनाए जाने के लिए कोशिश करेंगे। श्री चाहर ने कहा कि खेरागढ़ तहसील के जगनेर ब्लॉक की बंदियाँ आगरा के भूगर्भ जल की स्थिति में सुधार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। जनपद के बड़े भाग का अकुफ़र सिस्टम इन बंदियों के जल भराव से ही पोषित है। उन्होने कहा कि सिंचाई विभाग के रोस्टर व्यवस्था के अनुसार इन बंदियों के गैटओं को 15 जून को गिराए जाने तथा मॉनसून  समाप्ति पर 15 अक्तूबर को उठाए जाने का प्रविधान है,लेकिन यह व्यवस्था वर्तमान में प्रभावी नहीं रह सकी है। उनकी कोशिश है कि इसे तत्काल प्रभावी बनाए जाने का कार्य शुरू हो। श्री चाहर ने इन बंदियों के गेटेड स्ट्रक्चरओं के सुधरिकरण तथा जल नियंत्रण के लिए लगे सेल्लुसे गेटों / रेगुलटरों  की तकनीकी खामियों को दूर करवा कर  संचालन की स्थिति में लाने का प्रयास करेंगे। 

श्री चाहर ने कहा अगर कुछ रेग्युलेटर/सेल्लुस गेट निष्प्रयोज हो गए हैं तो उन्हें हटवा कर नए लगवाए जाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध करेंगे।

श्री चाहर ने कहा खेरगढ़ की बंदियाँ चम्बल और उटंगन के बीच के क्षेत्र में स्थित हैं। राजस्थान के टेल पर स्थित कोट बांध के डिस्चार्ज से इनकी श्रंखला शुरू होती है। 

किवाड़ नदी और क्षेत्र के रेगुलर वॉटर चनेलोन के माध्यम से इनमें भरपूर पानी पहुंचता है। इस पानी को चार महीने तक समेट कर रखने की जो व्यवस्था है उसी के लिए उनकी यह कोशिश है। 

करौली और सवाई माधोपुर के पहाड़ी क्षेत्र में मानसून काल में भरपूर पानी पड़ता है,जिसे राजस्थान में ही समेट कर रखना बसावट वा संसादन की द्रष्टि से ना पहले संभव था, ना ही अब संभव है।

इन सभी बंदियों का पानी 15 अक्तूबर को एक साथ डिस्चार्ज करने की योजना को अंजाम दिया जा सका तो उटंगन नदी में दो या तीन स्थानो पर बांधों के रूप में रोका जाना संभव होगा। इस पानी से फ़तेहाबाद,शमशाबाद क्षेत्र के लोग लाभान्वित होंगे। 

भूगर्ब जल की स्थितिओं मे सुधार के साथ नागरिक जल आपूर्ति के लिए मीठा जल भी उपलब्ध हो सकेगा। 

लगभग 4000 हेक्टेयर क्षेत्र के जलश्यों का डिस्चार्ज जब जगनेर से उटंगन नदी में पहुंचेगा तो इसे फ़तेहाबाद और शमशाबाद के जलाशयों के अलावा अरनेटा और रेहवाली के बीच के खदारी क्षेत्र में विशाल जल, बड़े जलाशय के रूप में संग्रहित किया जा सकेगा और इसके नियंत्रित डिस्चार्ज से बटेश्वर के घाटों को भरपूर जल उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी ।

 यह बात उन्होंने आज सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधि मण्डल से चर्चा करते हुए रखी। सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा अपने अभियान "पानी की खोज " के तहत आगरा जनपद का सर्वे कर -जल शक्ति मन्त्रालय की कमेटी के सदस्य श्री राजकुमार को ग्राउंड रिपोर्ट से अवगत करा रही है। 

  आज प्रतिनिधिमंडल ने सांसद को ग्राउंड रिपोर्ट और फोटो दिये, प्रतिनिधिमंडल  में अनिल शर्मा -सचिव, राजीव सक्सेना,असलम सलीमी और निहाल सिंह भोले मौजूद रहे। 

रिपोर्ट-असलम सलीमी।