खुली किताब हूं मैं,कोई भी पढ़ सकता है:बब्बर। "राजबब्बर'-दिल में उतरता फंसना'पुस्तक का भव्य विमोचन।

 



हिन्दुस्तान वार्ता। आगरा

मैं खुली किताब हूं। मुझे कोई भी पढ़ सकता है। मेरी कोशिश रहती है कि पिछले किरदारों से लड़ता रहूं। अगला किरदार अलग से निभाऊं। "राज बब्बर"- 'दिल में उतरता फसाना'। 

खुद पर लिखी गई पहली किताब पर बोलते हुए मशहूब अभिनेता, नेता राजबब्बर ने यही कहा। वे शुक्रवार को होटल क्लार्क शीराज में किताब के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि वे हमेशा यह जानने की कोशिश में रहे हैं कि हमें उस दायरे में लोग कितना जानते हैं। क्या उतना ही, जितना वे समझते हैं या उससे भी ज्यादा। उन्होंने जोड़ा कि उन्होंने खुद को ढोया नहीं है। वे हमेशा खुली किताब रहे हैं,जिसे कोई भी पढ़ सकता है।

 उन्होंने आगरा में अपने राजनैतिक जीवन की शुरूआत के दौर को याद किया। 

 समारोह के मुख्य अतिथि हिन्दुस्तान समाचार पत्र के समूह संपादक शशि शेखर ने कहा कि उनके अभिनय ने साबित किया कि वे 'मैथर्ड एक्टिंग' करते हैं। उनके बाद मैथर्ड अभिनय करने वाले दूसरे कलाकार आमिर खान हैं। राजीव गांधी सरकार में बीपी सिंह का साथ देने से साबित हुआ कि वे सरकार के खिलाफ बोलने से डरते नहीं हैं। किसी भी परिस्थिति में विनम्रता, मुस्कराना,हिम्मत से डटे रहना, वादे निभाना उनकी खासियत है।

 किताब को लिखने और संपादन करने वाले वरिष्ठ पत्रकार हरीश पाठक ने बताया कि किताब के लिए राज ही क्यों चुने। अब जबकि वे सांसद भी नहीं हैं। फिल्मों में दिखना भी कम हो गया है। इसका कारण है कि वे निम्न और मध्यम वर्ग को जीते हैं। किताब में 35 लेख उन्हें जानने वालों ने लिखे है। इसमें अभिनेता, लेखक,पत्रकार, फिल्म समीक्षकों के अलावा उनके निजी मित्र भी शामिल हैं। इससे यह किताब ऐसी बन गई है जो राज बब्बर को नेता-अभिनेता से भी कहीं ज्यादा करीब से जानने-पहचानने का मौका देती है। इतना ही नहीं, उनकी जिंदगी के कुछ अनछुए राज भी किताब खोलती है। यह किताब 'अमेजन' पर उपलब्ध है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्धि कवि श्री सोम ठाकुर ने की। नेशनल चैंबर के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राजेश गोयल,विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समीर चतुर्वेदी ने भी अपने विचार वयक्त किए।संचालन अनिल वर्मा एडवोकेट सी.ए व धन्यवाद ज्ञापन सीताराम अग्रवाल ने किया । व्यवस्था सलभ शर्मा ने संभाली।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।