नेशनल चैंबर आफ इंडस्ट्रीस एवं कॉमर्स ने आयोजित की,"वसीयत है जरूरी और साइबर अपराध" पर कार्यशाला।



साइबर अपराध से बचा सकता है नंबर 1930ः रक्षित टंडन।

 विधि विशेषज्ञ इंदर चंद जैन ने वसीयत से जुड़ी भ्रांतियां कीं दूर और सुझाए आवश्यक सुझाव।  

 राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रक्षित टंडन ने साइबर अपराध से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा। जैसे−जैसे हर हाथ में स्मार्ट फोन पहुंच चुका है,ठीक उसी तरह से हैकर्स के हाथ में आपका सारा डाटा भी लगातार पहुंच रहा है। 

एसएमएस,फोटो गैलरी और कॉन्टेक्ट लिस्ट तक हैकर्स आसानी से पहुंच रहे हैं, जिससे आपकी व्यक्तिगत, आर्थिक और व्यवसायिक हर जानकारी उनके हाथ में आ जाती है। इसलिए जरूरी है सावधानी और बस सावधानी। 

शहर के उद्योगपतियों को साइबर अपराध के प्रति सचेत करते हुए, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रक्षित टंडन ने आगाह किया । 

  23 अप्रैल, 2023, रविवार को माल रोड स्थित होटल क्लार्क शीराज में नेशनल चैंबर आफ इंडस्ट्रीस एवं कॉमर्स द्वारा “क्या आपने वसियत की अब तक” और वर्तमान साइबर क्राइम एवं सुरक्षा पर कार्यशाला आयोजित की गई। 

राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रक्षित टंडन ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर अपना फोन नंबर न दें। साथ ही किसी होटल में रुकने के लिए या अन्य कार्यों के लिए आधार या पैन कार्ड का प्रयोग न करें। पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर कार्ड का प्रयोग असुरक्षित नहीं है। यदि आपके साथ साइबर अपराध होता है तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर जाकर फार्म भरें। आनलाइन शॉपिंग फ्राड होने पर 1915 पर कॉल करें। वर्तमान में मेलवेयर सबसे बड़ा साइबर अपराध बनकर सामने आ रहा है। इसलिए साइबर स्वच्छता रखना जरूरी है। उन्होंने चेताया कि सोशल मीडिया पर कभी भी त्वरित फोटो शेयर न करें। फोटो शेयर करने से पहले सौ बार सोच लें। 

आनलाइन सामान यदि मंगवाते हैं ताे उसकी पैकिंग रैपर फेंकने से पहले , हर तरह के स्टीकर फाड़ दें। 

अंजान वीडियो कॉल उठाएं तो बरतें ये सावधानी:

रक्षित टंडन ने आगाह किया कि यदि अंजान नंबर से वीडियो कॉल आती है तो सदैव ही कैमरे पर अंगूठा लगाकर ही उठाएं ताकि आप किसी तरह से सेक्सटोरेशन के शिकार न बनें। 

जरूरी फोटो गैलरी में न रखें:

फोन गैलरी सर्वाधिक असुरक्षित स्थान है। इसलिए किसी भी तरह के आवश्यक कागज या फोटो गैलरी में सेव न करें। 

प्ले स्टोर से डीजी लॉकर एप डाउनलोड करके उसमें सेव रखें। 

वसीयत है जरूरी,वरना पड़ सकता है पछताना:

विधि विशेषज्ञ इंदर चंद जैन ने वसीयत से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करते हुए कहा कि यदि आप चाहते हैं आपकी मृत्यु के बाद आपकी विरासत सही हाथाें में जाए तो सही समय पर वसीयत अवश्य कर लें। 40 की उम्र में पहली वसीयत कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन काल में कितनी भी बार वसीयत की जा सकती है, लेकिन अंतिम बार की गयी वसीयत को ही मान्यता दी जाती है। 

परिस्थितियों के अनुसार वसीयत बनायी जा सकती है। यहां तक कि वसीयत को सादा कागज पर भी बनाया जा सकता है। यदि समय रहते रजिस्ट्रेशन करा लिया जाए तो वसीयत को किसी तरह की, काट नहीं हो सकती। वसीयत पर किसी तरह का शुल्क या टैक्स नहीं लगता।  

चला प्रश्न उत्तर का दौर:

दो सत्र में चली कार्यशाला में प्रश्न उत्तर का दौर भी चला। सदस्यों ने वसीयत और साइबर सुरक्षा से जुड़े सवालाें को विशेषज्ञों से पूछे। 

समापन पर अध्यक्ष राजेश गोयल, कार्यक्रम संयोजक अमर मित्तल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल और मनोज बंसल ने विशेषज्ञ अतिथियों का सम्मान स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। 

इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष सीता राम अग्रवाल, अशोक गोयल, भुवेश अग्रवाल, शलभ शर्मा, विष्णु गर्ग, मनोज बंसल, नरेंद्र सिंह, वीरेंद्र गुप्ता,शैलेंद्र बंसल, राजेंद्र गर्ग, रीतेश गोयल, प्रदीप वासन, अशाेक अरोड़ा, ललित अरोड़ा, अजय गुप्ता, गोपाल खंडेलवाल, मुकेश गर्ग, पंकज शर्मा, अजय, राहुल राना, अंशुल कौशल, अनूप गोयल, शिशिर भगत आदि उपस्थित रहे।