नेशनल चैम्बर:चेक बाउंस में धारा 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट में आ रही परेशानियों के लिए चैम्बर भेजेगा सुझाव।

                                    


 राजस्व संहिता 2006 की धारा 80 को किया जाए शीघ्र उद्घोशित।

 आयकर अधिनियम में 43 बी की समस्याओं के लिए चैम्बर मिलेगा सीबीडीटी चेयरमैन से।

 लंबित फेसलेस अपील्स का शीघ्र किया जाये डिस्पोजल।

 एक्स पार्टी से पूर्व वर्चुअल एवं मैनुअल दोनों तरह के भेजे जाये नोटिस।

 सीपीसी  Centralised Processing Centre  पर हो रिड्रेसल सेल - सक्षम अधिकारी करे शिकायतों का निस्तारण।

 प्रस्तावित भारतीय औद्योगिक व्यापार सम्मेलन में आगरा में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना हेतु चैम्बर करेगा मांग।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा:15 जून, लीगल अफेयर्स, आयकर एवं जीएसटी प्रकोष्ठ की एक संयुक्त बैठक चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल ने बताया कि आज की इस बैठक को तीनों प्रकोष्ठों की संयुक्त रुप से आयोजित इसलिए किया गया है कि वर्तमान में कई ऐसे औद्योगिक एवं व्यवहारिक मुद्दे चल रहे हैं। जिनका सम्बन्ध तीनों प्रकोष्ठों से है।

इन्द्रचन्द जैन ने धारा 138 नेगोशिएबल एक्ट के बारे में माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के नवीनतम आदेश पर प्रकाश डाला एवं आ रही परेशानियों के लिए कई सुझाव दिये।

राहुल जैन ने राजस्व संहिता 2006 की धारा 80 में आ रही परेशानियों से अवगत कराया और मांग की कि धारा 80 को सुगम रुप से शीघ्रताशीघ्र उद्घोषित किया जाये। जिससे उद्योगों को ऋण आदि अति शीघ्रता से मिल सके।

आलोक फरसइया ने एनआई एक्ट की धारा 139 के अंतर्गत की जाने वाली कार्यवाहियों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की और बताया कि इसकी कार्यवाही व्यक्ति विशेष के प्रति की जाती हैं न कि कंपनी के प्रति। आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा ने बताया कि एनआई एक्ट की धारा 138 में बहुत से केस ऐसे होते हैं कि वहां नोटिस ही सर्व नहीं हो पाता है। 

आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा ने पुनः बताया कि आयकर अधिनियम की धारा 43 बी में 15 दिन के अन्दर भुगतान की व्यवहारिक समस्याओं से अवगत कराया और कहा कि शीघ्र ही सीबीडीटी चेयरमैन से व्यक्तिगत रुप से मिलकर इन व्यावहारिक कठिनाइयों से उन्हें अवगत करायेंगे। इस हेतु चैम्बर शीघ्र ही स्थानीय सांसद से मांग करेगा। फेसलेस अपील्स काफी समय से लंबित हो रही है। इन्हें समयबद्ध योजना के तहत निस्तारित किया जाये तथा एक पक्षीय निर्णय से पूर्व करदाता को वर्चुअली व मैनुअल दोनों प्रकार से नोटिस भेजे जायें।

सीए राकेश अग्रवाल ने एमएसएमई लॉ में कई व्यवहारिक परेशानियों से अवगत कराया और इसमें  परिवर्तन करते हुए विसंगतियों को दूर करने की मांग की।

सीए एस के वाजपेयी ने 43बी में संशोधन के लिए सुझाव दिया कि इस कठिनाई को पार्लियामेंट में प्रश्न के रुप में रखा जाये। क्योंकि सरकार की मंशा वर्किंग कैपिटल को रिलीज करने की थी। जिसका व्यावहारिक रूप से प्रभाव विपरीत हो रहा है।

सीए प्रार्थना जालान और सीए राकेश अग्रवाल ने मांग की कि सीपीसी (सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर) पर रिड्रेसल सेल होनी चाहिए। जिस पर शिकायत एवं सुझाव अपलोड किये जा सकें। इस रिड्रेसल सेल पर शिकायतों और सुझावों के निस्तारण हेतु कोई सक्षम अधिकारी नियुक्त होना चाहिए।

भारतीय औद्योगिक व्यापार सम्मेलन में हाईकोर्ट की बेंच आगरा में स्थापना हेतु मांग की जायेगी। जसवंत आयोग की रिपोर्ट में आगरा इस हेतु सर्वथा उपयुक्त बताया गया है । 

बैठक में अध्यक्ष राजेश गोयल, उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष मनोज बंसल, कोषाध्यक्ष योगेश जिंदल, जीएसटी प्रकोष्ठ चेयरमैन अमर मित्तल, आयकर प्रकोश्ठ चेयरमैन अनिल वर्मा, राजकिषोर खंडेलवाल, सीए प्रार्थना जालान, सीए एस. के. वाजपेयी, विवेक मित्तल, इन्द्रचन्द जैन,राहुल जैन, आलोक फरसइया, सीए राकेश अग्रवाल, विवेक मित्तल, राकेश अग्रवाल आदि मुख्य रुप से उपस्थित थे।