प्रदेश सरकार द्वारा सभी प्रकार के वाहनों पर,5 वर्ष के चालान निरस्त किए जाने के निर्णय का चैम्बर ने किया स्वागत।



विभाग से मांग की जाती है कि जारी आदेश पर करें सकारात्मक कार्यवाही।

मामूली चूक पर नहीं किया जाए चालान। 

मानसिकता नियम के उल्लंघन की नहीं। 

वाहन चालान में सरकार का उद्देश्य राजस्व प्राप्ति नहीं,बल्कि सड़क सुरक्षा है। 

चौराहों पर वाहन के सुचारू रूप से पास होने की हो व्यवस्था। 

कई बार सुरक्षा सीमा का उल्लंघन होता है जाम की वजह से।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

 आगरा: नेशनल चैम्बरअध्यक्ष राजेश गोयल ने अपने बयान में कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 2017 से 2021 तक सभी प्रकार के वाहनों पर किये गए चालानों को निरस्त किये जाने के निर्णय का चैम्बर स्वागत करता है। इससे जनता को बहुत बड़ी राहत मिली है। इनमें अधिकांश चालान नियमों के प्रति जागरूक न होने के कारण हुए हैं। अब जनता में काफी जागरूकता आ चुकी है। हमारी मांग है कि परिवहन विभाग आदेश की मनसा को सकारात्मक लेते हुए समस्त लंबित ई -चालानों को पोर्टल से डिलीट करने की कार्यवाही करें ताकि प्रदेश सरकार द्वारा दी गयी राहत जनता को प्राप्त हो सके। पक्षकारों को न्यायालय आदि के चक्कर न लगाने पड़े।

आरटीओ कोर्डिनेशन एवं पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रकोष्ठ चेयरमैन वीरेंद्र गुप्ता ने अपने बयान में कहा है कि वाहनों के इ-चालान अनाप-शनाप संख्या में किए जा रहे हैं। यातायात विभाग द्वारा चालान में नियम की मानसिकता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।  

चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि कई बार वाहन चालक का इरादा सुरक्षा नियम का उल्लंघन नहीं होता है फिर भी विभिन्न कारणों से छोटी छोटी चूक हो जाती हैं। ऐसी मामूली चूक पर भी चालान किए जा रहे हैं,जबकि सरकार का उद्देश्य इ-चालान से राजस्व प्राप्ति का नहीं है बल्कि लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति उन्हें सजग/जागरूक करने का है।  अतः यातायात विभाग द्वारा छोटी-छोटी मामूली चूकों  पर ई -चालान नहीं किए जाएं। 

वीरेंद्र गुप्ता ने पुनः बताया कि प्रायः चौराहे पर जाम होने के कारण वाहन सुचारू रूप से पास नहीं हो पाता है जिससे थोड़ा-बहुत सुरक्षा सीमा के इधर उधर होने पर ई- चालान किया जाना सर्वथा उचित नहीं है। यातायात विभाग को चौराहों पर वाहनों को सुचारू रूप से पास होने की व्यवस्था बनानी चाहिए।समय समय पर सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए।