अक्टूबर में लगेगा साहित्य और संस्कृति का महाकुंभ,राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव का उद्घोषणा पत्र जारी।



− अक्षरा साहित्य एकेडमी लगाएगी तृतीय राष्ट्री पुस्तक मेला,बिखरेंगे साहित्य के विविध रंग। 

− कवि सम्मेलन संग, देश की विभिन्न भाषाओं के साहित्यकार, पुस्तकें होंगी शामिल

− दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार अमी आधार निडर की स्मृति में किया जाएगा सामाजिक प्रतिभाओं का सम्मान 

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। ताजमहल की नगरी से भी इतर प्राचीन पहचान है आगरा की। संस्कृति और साहित्य यहां का विश्वभर में अपनी पहचान रखता है। इस पहचान को राष्ट्रीय साहित्य उत्सव के रूप दुनिया के सामने रखने के ध्येय के साथ एक बार फिर से राष्ट्रिय साहित्य महोत्सव अक्टूबर माह में होगा। अक्षरा साहित्य अकेडमी द्वारा आयोजित महोत्सव में साहित्य और संस्कृति के विविध रंग समाहित होंगे और देश की विभिन्न भाषाओं का पुस्तक मेला भी इसमें होगा। 

 आयोजन के संदर्भ में 19 जून को दयालबाग स्थित होटल पूनम प्लाजा में उद्घाेषणा पत्र का विमोचन किया गया। अक्षरा साहित्य अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक सिंह सरीन ने कहा कि 2017 और 2019 में पुस्तक मेले ने आगरा में खूब सुर्खियां बटोरी थीं और किताबों के कागज की खुशबू को घर-घर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस वर्ष भी देशभर के पुस्तक प्रकाशन केंद्रों से संपर्क करके उन्हें इस राष्ट्रीय पुस्तक मेले में आमंत्रित किया जा रहा है। जल्द ही आगरा शहर के सामाजिक/साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्थाओ के प्रतिनिधियों से सम्पर्क कर एक राष्ट्रीय पुस्तक मेला आयोजन समिति बनाई जायेगी।   संस्था की राष्ट्रीय महासचिव डॉ हृदेश चौधरी ने कहा की टेलीविजन और मोबाइल की दुनिया से कुछ दिनों के लिए राहत मिलेगी और शहर की जनता और युवा पीढ़ी देशभर से आए साहित्यकारों और उनके साहित्य से रूबरू हो सकेगी। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्रुति सिन्हा ने बताया इस पुस्तक मेले में पुस्तकों के साथ कई सांस्कृतिक संस्थाओं को भी आमंत्रित किया जा रहा है ताकि शहर की जनता साहित्य के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद ले सके। संस्था के सरंक्षक मंडल से हर विजय सिंह बाहिया ने इस राष्ट्रीय पुस्तक मेले में देश भर से अधिक से अधिक प्रकाशकों को जोड़ने का संदेश देते हुए कहा जब एक ही छत के नीचे देश भर के प्रकाशक जुड़ेंगे तो शहर की जनता को विभिन्न विषय के साहित्य का ज्ञान प्राप्त हो सकेगा। 

 पुस्तकों के पठन-पाठन से जहां एक और ज्ञान बढ़ता है वहीं दूसरी ओर हम अपने समाज के अतीत,वर्तमान एवं भविष्य की परिकल्पनाओं के बारे में भी जान पाते हैं। सतीश अरोड़ा ने बताया कि इस पुस्तक मेले में स्कूली बच्चों के लिए विभिन्न तरीके की प्रतियोगिताएं और पुरस्कार भी रखे जा रहे हैं ताकि बच्चे भी पुस्तक मेले से स्वयं को जोड़ सकें और टेक्नोलॉजी के नए गैजेट के साथ-साथ किताबों को भी अपना दोस्त बना सकें। शिक्षाविद डॉ विनोद माहेश्वरी ने बताया कि इस बार के पुस्तक मेले में बाल लेखन की कार्यशाला पर विशेष ध्यान देते हुए बच्चों की लेखन क्षमता को कैसे बढ़ाया जाए कैसे लेखन किया जाए इस पर भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 

व्यंग अधिवेशन होगा आकर्षक।

देश के वरिष्ठ और जाने-माने व्यंग्यकार डॉ प्रेम जनमेजय ने साहित्य और उत्सव के महाकुंभ के लिये दिल्ली से बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रीय पुस्तक मेले में राष्ट्रीय व्यंग्य अधिवेशन भी रखा जाएगा जिसमें देश भर के व्यंगकारों को आमंत्रित किया जाएगा। 

किया जाएगा वरिष्ठ पत्रकार को याद।

कल्पना श्रीवास्तव (पत्नी वरिष्ठ पत्रकार स्व.अमी आधार निडर) ने बताया कि उनके दिवंगत पति की याद में पुस्तक मेले में सामाजिक प्रतिभाओं का सम्मान भी किया जाएगा, जिसके अंतर्गत सामाजिक, साहित्यिक व पत्रकार श्रेणी निर्धारित की गई है। एक शाम अमी के नाम पर रख उनकी रचना और साहित्य में योगदान पर भी चर्चा रखी जाएगी। 

विद्यार्थियों को मिलेगी विशेष छूट।

वत्सला प्रभाकर ने बताया कि पुस्तक मेले में विद्यार्थियों को आई कार्ड दिखाने पर पुस्तक खरीद पर छूट भी मिलेगी। इसी के साथ पर्यावरण पर भी कुछ विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही नृत्य की विविध कलाओं का प्रदर्शन भी इस पुस्तक मेले में किया जाएगा। शिक्षाविद और समाजसेवी मनीष रॉय ने पुस्तक मेले को शहर की बेहद आवश्यक जरूरत बताया। जहां पर बच्चों के साथ शहर की बुजुर्ग पीढ़ी भी किताबों के ज्ञान का आनंद प्राप्त कर सकती है, इस पुस्तक मेले में देश भर से धर्म, अध्यात्म, साहित्य, उपन्यास, कहानी, जीवनी, शायरी तथा ग़ज़ल के लेखक उनकी पुस्तकें तथा प्रकाशकों को आमंत्रित किया जा रहा है।

आयोजन समिति को देश के वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. फारुख अफरीदी, प्रो राजेश कुमार,  डॉ संजीव कुमार, मीना सडाना अरोरा, राजकुमार मालिक,  डॉ यास्मीन मूमल ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। उद्घाेषणा पत्र विमोचन के अवसर पर डॉ. वेदांत रॉय, सविता जैन, विकास कक्कड़, विकास मेहरा जयकुमार, प्रेम सिंह, अजय सिंह आदि उपस्थित रहे।