विश्व पर्यावरण के अवसर पर,चैम्बर ने जारी किए अनेक संदेश।



ताज हेरिटेज कॉरिडोर का हो विकास।

बने सांस्कृतिक गतिविधियों का केन्द्र।

आगरा के जंगल हो विलायती बबूलों से मुक्त।

पर्यावरण सम्बंधित पोस्टर्स का किया विमोचन। 

वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे - 5 जून। 

ताज हेरिटेज कॉरिडोर स्थल को बनाना होगा हरा-भरा और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र। 

फलदार वृक्ष लगाओ,पक्षी और जीवों को बचाओ।

वृक्ष लगाओ आगरा बचाओ।

एग्रोफोरेस्ट्री बढ़ाएगा आगरा का फारेस्ट कवर व ट्री कवर।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा: 3 जून,ताज हेरिटेज कॉरिडोर में आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर संदेश देने के लिए कई पोस्टरों का विमोचन किया और इन संदेशों के माध्यम से शासन प्रशासन के समक्ष अपनी कई मांगें रखीं।

चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि आगरा के जंगलों को विलायती बबूलों ने बर्वाद कर दिया है। वहां पर देसी और फलदार वृक्ष धीरे-धीरे समाप्त हो गये हैं। हमारी शासन प्रशासन से मांग है कि आगरा के जंगलों से विलायती बबूलों को क्रम से हटाया जाए और वहां पर देसी व फलदार वृक्ष लगाये जायें। जिससे जंगलों में पक्षियों और जंगली जानवरों को आश्रय मिल सके। किसी समय प्राकृतिक दृष्टि से हमारे जंगल बहुत ही समृद्ध थे। अब उनकी स्थिति जैव विविधता की दृष्टि शून्य हो गयी है। शहर के अन्दर भी पालीवाल पार्क, शाहजहां गार्डन व अन्य पार्कों में भी विलायती बबूल काफी हो गये हैं। उद्यान विभाग को उन्हें शीघ्र हटाना चाहिए और जंगलों को भी विलायती बबूल चरणबद्ध तरीके से हटाये जायें।

अधिवक्ता के. सी. जैन ने कहा कि ताज हेरिटेज कॉरिडोर में 20 हेक्टेयर भूमि उद्यान विभाग पर है और 20 हेक्टेयर भूमि पुरातत्व विभाग के पास है। उद्यान विभाग द्वारा उसका विकास कार्य किया गया है। किन्तु पुरातत्व विभाग द्वारा 20 में से केवल 6 हैक्टेयर में ही हरियाली की गई है जो कि माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश (मार्च 2006) के विपरीत है। पुरातत्व विभाग से समस्त भूमि पर हरियाली करनी चाहिए। हमारी मांग है कि उद्यान विभाग व पुरातत्व विभाग के पास जो भूमि है वहां पर्यटन सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम नियमित रुप से कराये जाये। क्योंकि यहां से आगरा किला व ताजमहल दोनों विश्वदाय स्मारक देखे जा सकते हैं। ऐसा नजारा विश्व में और कहीं भी नहीं है। इससे हरियाली और हमारी संस्कृति दोनों को बढ़ावा मिलेगा।

पोस्टर विमोचन के समय अन्य लोगों ने व्यक्त की कि हमको पौधारोपण नहीं बल्कि उनकी सुरक्षा भी करनी चाहिए। ताकि वे पेड़ बनकर पर्यावरणीय सेवा दे सकें। इस अवसर पर एग्रोफोरेस्ट्री को बढ़ावा देने की मांग की गई। क्योंकि निजी भूमि पर वृक्षारोपण नहीं होगा ता वनावरण नहीं बढ़ सकेगा।

इस अवसर पर अध्यक्ष राजेश गोयल,उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, कोषाध्यक्ष योगेश जिन्दल, पूर्वअध्यक्ष श्रीकिशन गोयल, के. सी. जैन, रीतेश गोयल मुख्य रुप से उपस्थित थे।