नागरिकों ने किया,एसीपी कोतवाली डॉ.सुकन्या शर्मा का सम्मान।


                            

                         

                      


हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा:डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की योजना शहर भर में प्रभावी कर,डलाव घरों की संख्या यथा संभव कम की जाए। कोतवाली के बराबर से हटवाये गए डलाव घरों से लोगों को भारी राहत।

 शहर कोतवाली के बराबर से बना पुराना दो तलीय डलाव घर हटेगा और वहां वेंडिंग जोन बनेगा। इसके लिए कोतवाली  एसीपी डा.सुकन्या शर्मा ने प्रयास शुरू कर दिया है। फिलहाल इसमें कूड़ा डालने को रोका गया है,जबकि आगे की योजना और व्यवस्था के लिये उनके द्वारा नगर निगम व महानगर में वैंडिंग जोन बनाने वाली नोडल एजेंसी से बात की जायेगी। 

एसीपी कोतवाली सुश्री डॉ.सुकन्या शर्मा  ने कहा है कि,पुलिस का मुख्य कार्य कानून व्यवस्था का ही है, किंतु कोतवाली क्षेत्र में पुलिस नागरिकों के सहयोग से यथा संभव बेहतरीन व्यवस्था तो देने का प्रयास कर ही रही है,किंतु इसके साथ ही पर्यावरणीय स्थितियों में भी सकारात्मक बदलाव में योगदान के लिये भी सक्रिय हैं। 

सुश्री शर्मा जो कि शहर के प्रबुद्ध नागरिकों से कोतवाली में ही संवाद कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि कोतवाली क्षेत्र अत्यंत घना बसा हुआ है,यहां पुरानी बसावट है, किंतु इसके बावजूद यहां मौजूदा स्थितियों में सुधार की काफी गुंजाइश है।नागरिक सहयोग से छोटे बड़े परिवर्तनों से ही, काफी बदलाव लाया जा सकता है। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा और खत्री सभा आगरा का प्रतिनिधि मंडल एसीपी कोतवाली डा.सुकन्या शर्मा से मिला और उनके द्वारा डलावघर को हटाये जाने के प्रयास को महत्वपूर्ण बताया।

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के अध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद डा.शिरोमणि सिंह ने कहा कि घनी बसावट वाले कोतवाली क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को संज्ञान में लेकर ,सुधार के लिए शुरू किए प्रयास को सामायिक एवं स्थानीय जरूरत हैं।  उन्होंने कहा कि कोतवाली एक नागरिक सेवा का स्थान है,चौबीसों घण्टे यहां कार्यालय चालू रहता है,ऐसे में उसके  ठीक बराबर डलाव घर होने का कोई औचित्य ही नहीं था। इसके कारण पुलिस स्टाफ ही नहीं क्षेत्र के नागरिक भी  परेशान थे।

सफाई न होने पर आये दिन अस्वास्थ्यकर स्थितियां बनी रहती थीं। नागरिकों के द्वारा इसे भी अन्यत्र शिफ्ट करने की लंबे समय से मांग की जाती रही थी। दो तलीय यह डलाव घर रोड लेवल के अलावा बेसमेंट वाला था। फलस्वरूप महानगर के अन्य डलावघरों से ज्यादा जटिल संरचना वाला माना जाता था।जिसके कारण इसकी सफाई भी सहजता के साथ नहीं हो पाती थी।

 खत्री सभा के अध्यक्ष अमित खत्री ने कहा कि एसीपी डा.शर्मा का कदम सराहनीय है।

कोतवाली क्षेत्र घनी बसावट वाला है,छोटे छोटे प्रयासों से यहां स्वास्थ्यकर स्थितियां और बेहतर बनायी जा सकती है। 

श्रीमती शीला बहल काउंसलर 1090 और खत्री सभा आगरा की मेम्बर ने कहा कि डलावघर को हटाया जाना यहां की जरूरत थी ,जो कि अब पूरी हो कसी है।सुश्री आसमा सलीमी एडवोकेट ने एसीपी की, उनकी सक्रियता एवं महिला शक्ति के प्रतीक के रूप में स्वागत किया।

 उन्होंने उम्मीद जताई कि महिलाओं संबंधित मामलों में एसीपी की अधिक प्रभावी भूमिका रहेगी। श्रीमती कांती नेगी शर्मा ,असलम सलीमी,राजीव सक्सेना, शाहीन,अजय कपूर,संतोष कपूर, रोहित कत्याल, सिद्धि कपूर, नेहा सहगल आरती मेहरा,बबली,ममता आदि सहित क्षेत्र के अनेक नागरिक भी कोतवाली परिसर में चले इस विमर्श के  

अवसर पर मौजूद थे।  

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के जनरल सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने कहा कि आगरा में कूड़ा निस्तारण नियमावली 2000 लागू है,जिसमें डलावघर में कूड़ा उंपद न करके कूडे का डोर टू डोर कलेक्शन होकर, उसका सीधे ट्रेंचिंग ग्राउंड पर निस्तारण होना है। 

नगर निगम के अलावा ताज ट्रिपेजियम जोन के समक्ष भी यह मामला लाया जाना चाहिए। पूर्व पार्षद डा.शिरोमणि  सिंह ने कहा कि आगरा में महानगर मास्टर प्लान लागू है और डोर टू डोर कूडा कलेक्शन की योजनाये प्रभावी है,किन्तु सही प्रकार से इनका क्रियान्वयन नहीं हो सका है,अगर पुलिस इसके लिए नागरिकों से सहयोग को आगे आ जाती है ,तो आशा से अधिक प्रभावी परिणाम सामने आयेंगे।

उन्होंने कहा कि अगर दरवाजे पर ही घर का कूड़ा एकत्र हो जाए तो डलावघरो के लिये की कोई  गुंजाइश ही नहीं है। डा. सिंह ने कहा कि समय के साथ क्षेत्र की जरूरतें बदली है,डलाबघरों का रिलोकेशन सामायिक जरूरत है। 

उन्हें ऐसी जगह बनाया जाना है,जहां से सहजता के साथ साफ किया जा सके तथा ट्रिपर लोडर के ऑपरेशन के वक्त ट्रैफिक जाम की स्थिति भी नहीं बने। कोतवाली के डलाव घर भी इसी प्रकार के हैं।पूर्व में कोतवाली इंचार्ज ने मीटिंग में सहभागी सिविल सोसायटी के सदस्यों  के क्षेत्र का निरीक्षण कर सफाई सहित अन्य स्थितियों का जायजा लिया। 

क्षेत्र की जनता ने डलाव घर हटाये जाने सहित कूडा प्रबंध की स्थिति में सुधार को बडा कदम बताया। नगर निगम एक्ट में मजिस्ट्रेट चेकिंग का अधिकार है, पूर्व में नगर निगम में वाकायदा पुलिस चौकी थी। जब से आगरा में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था प्रभावी हुई है,तब से पुलिस को नागरिक अवस्थापना और सेवाओं में दखल के व्यापक अधिकार स्वतःप्राप्त हो गये हैं। वह चाहेंगे कि मेयर इस संबध में नागरिकों से संवाद करें और घने बसे क्षेत्रों में भी कूडा निस्तारण योजना को प्रभावी बनायें।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।