धनवान,गुणवान बन जाना,भगवान बनने की कोशिश मत करनाः रा.संत श्री अरविंद जी महाराज।



बल्केश्वर महादेव मंदिर परिसर में रुक्मणी विवाह पर मनाई खुशियां।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगराः बल्केश्वर महादेव मंदिर परिसर में हो रही श्रीमद् भागवत सप्ताह में छठवे दिन श्री कृष्ण और रुक्मणि का विवाह का प्रसंग सुनाया गया। सभी ने खुशियां मनाई और बधाई गाईं। 

कथा व्यास संत श्री अरविंद जी महाराज ने कहा कि आज के युग में अनेक लोग भगवान बनने की कोशिश कर रहे हैं। धनवान, गुणवान, चरित्रवान तो बनना, लेकिन कभी भगवान बनने की कोशिश मत करना। उसका परिणाम बहुत बुरा होता है। उन्होंने कहा कि एकादशी व्रत करने से अनेक पापों का क्षय होता है, इसका व्रत अवश्य करना चाहिए। 

उन्होंने नई पीढ़ी को संस्कार देने की आवश्यकता बताई। कहा कि उसके लिए जरूरी है कि स्वयं संस्कारों का पालन करें। बच्चे जैसा देखते हैं, वैसे ही संस्कार उनमें आते हैं।

 उन्होंने सुनाया -

भवन बन रहे हैं, पतन हो रहा है।

अच्छी वह झोंपड़ी, जहां हवन हो रहा है। 

रुक्मणि विवाह का प्रसंग बहुत ही रोचकता के साथ उन्होंने सुनाया। 

बताया कि रुक्मणि ने मन ही मन यह निश्चित कर लिया था कि भगवान श्री कृष्ण ही उनके लिए योग्य पति हैं, लेकिन रुक्मणि का भाई रुकमी श्रीकृष्ण से द्वेष रखता था। इससे उसने उस विवाह को रोक कर, शिशुपाल को रुक्मणि का पति बनाने का निश्चय किया, इससे रुक्मणि को दुःख हुआ। उन्होंने अपने एक विश्वासपात्र को भगवान श्री कृष्ण के पास भेजा। साथ ही अपने आने का प्रयोजन बताया। इसके बाद श्री कृष्ण जी विदर्भ जा पहुंचे। उधर रुक्मणि का शिशुपाल के साथ विवाह की तैयारी हो रही थीं। परंतु उनकी प्रार्थना का असर हुआ और श्री कृष्ण का विवाह रुक्मणि के साथ हुआ। 

इस मौके पर महंत कपिल नागर एवम् हर्ष चंद, रेणु, मोहित ने पूजन किया।