सरताज- ए-आगरा,हजरत सैय्यदना शाह अमीर अबुल उला का कुल शरीफ।



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा:सरताज- ए-आगरा,हजरत सैय्यदना शाह अमीर अबुल उला का कुल शरीफ,,आगरा गत वर्षों की तरह इस वर्ष भी चांद की तारीख 9-सफर हि.27 अगस्त,इतवार को सज्जादा नशीन व मुतावल्ली हज़रत सैय्यद मोहतशिम अली अबुल उलाई व नायब सज्जादगान हजरत सैय्यद विराशत अली अबुल, हज़रत सैय्यद इशाअत अली अबुल उलाई, हजरत सैय्यद कैफ अली अबुल उलाई व अपने परिवार जनो के साथ दरगाह में कुल शरीफ की रस्म अदा की गई । सबसे पहले दरगाह में कुरान शरीफ का पाठ किया गया, इसके बाद चारो और गुलाब जल की वर्षा की गई, मान्यता है कि कुल का छींटा पड़ने से मुराद पूरी होती है। इसके बाद सज्जादानशीन ने देश उन्नती, विकाश, आपसी भाईचार और शान्ति के लिये दुआ की। इस मोके पर सैय्याद असीम अली अबुल उलाई, सैय्यद इकबाल अली अबुल उलाई, सैय्यद अरीब अली अबुल उलाई,सैय्यद शहाब अली अबुल उलाई, सलमान मज़हर, सैय्यद अजहर अली आदि कुल शरीफ रस्म करने मे शामिल थे। 

हज़रत सैय्यद मोहतशिम अली अबुल उलाई के अनुसार आपके व्यक्तित्व को उभारने में आपके नाना ख्वाजा फैजी रह का हाथ था, उसी जमाने में हज ख्वाजा फैजी एक लड़ाई में शहीद हो गए राजा मानसिंह को अपने साथी अर्थात ख्वाजा फैजी रह के शहीद होने पर दुख हुआ,आपका जनाजा मुबारक आगरा लाने की तैयारी शुरू हुई तो राजा साहब ने कहा कि नकले (नाश को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना) मना है । 

मगर ख्वाजा अब्दुल्ला एहरारी रह के बेटे ख्वाजा अब्दुल शहीद ने फरमाया (अगर जरूरी हो तो ठीक है ) चुन्नाचे आपको आगरा जमुना पार में दफनाया गया।हजरत ख्वाजा फैजी के कोई साहबजादे नहीं थे,इसीलिए राजा मानसिंह ने इनकी जगह उनके नवासे हजरत सैय्यादना रह को गवर्नर वरदवान नियुक्त करने के लिए अकबर के पास सिफारिश भेजी, जिसको अकबर ने खुशी के साथ मन्जूर की। निजामत वरदवानके अलावा अकबरे आजम ने हजरत सैय्यदना रह को सह हजारी के पद पर भी नियुक्ति कर दी । चुंकि राजा मानसिंह को हज़रत सैय्यद ना रह से दिली सम्बन्ध था, इसलिए वे इन पदों से बहुत खुश हुए । 

कल का प्रोग्राम।

 मीडिया प्रभारी मौ.आमिल के अनुसार दिनांक 28 अगस्त को समापन समारोह आयोजित होगा।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।