विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट के धार्मिक आयोजन में भागवत कथा संग,संत दर्शन,उनके - आशीर्वचन से धन्य हो रहे देश भर के श्रद्धालु।

 


पूज्य राष्ट्रीय संत चिन्मयानंद बापू भागवत कथा के माध्यम से हर दिन भक्ति की प्रेरणा के साथ दे रहे सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकारों से जुड़े महत्वपूर्ण संदेश।

यह शरीर भजन के लिए मिला है, भोग के लिए नहीं: पूज्य राष्ट्रीय संत चिन्मयानंद बापू।

 हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

वृंदावन। विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा केशव धाम के सामने चैतन्य विहार के मैदान में चल रहे दिव्य धार्मिक आयोजन में भागवत कथा संग संत दर्शन और उनके आशीर्वचन से देश भर के सैकड़ों श्रद्धालु धन्य हो रहे हैं। 

  पूज्य राष्ट्रीय संत चिन्मयानंद बापू भागवत कथा के माध्यम से हर दिन भक्ति की प्रेरणा के साथ सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकारों से जुड़े महत्वपूर्ण संदेश दे रहे हैं। 

 शनिवार को दूसरे दिन श्रीमद् भागवत कथा में परम पूज्य राष्ट्रीय संत श्री चिन्मयानंद बापू जी ने कहा कि श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ है। इस ज्ञान-गंगा में गोते लगाते हुए सद्गुरु की शरणागत होकर सांसारिक कर्तव्यों का पालन करते हुए मोक्ष की ओर चलना ही जीवन का परम लक्ष्य है। 

उन्होंने समझाया कि अधिक मास में सब अधिक हो जाता है, पुण्य भी और पाप भी। परमात्मा ने हमें यह शरीर साधन के रूप में दिया है। यह मोक्ष का द्वार है। यह शरीर भजन के लिए मिला है, भोग के लिए नहीं। 

 इससे पूर्व हरिद्वार के संत रामदास जी महाराज ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि यह पतित पावनी कथा है। जो भागवत का आश्रय लेता है, भागवत कथा उसे संसार-सागर से पार कर देती है।

  घर-घर तुलसी ठाकुर सेवा का दिव्य संदेश भी कथा में दिया गया। ट्रस्ट की ओर से बापू जी द्वारा संतो को तुलसी का पौधा भेंट कर तुलसी माता की पूजा- सेवा और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

 मुख्य यजमान श्रीमती जागृति द्विवेदी,सुधांशु द्विवेदी, अंबरीश शर्मा (गुड्डू भैया) लहार , विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी व आगरा के प्रमुख समाजसेवी पार्षद मुरारी लाल गोयल पेंट वाले, ट्रस्टी श्रीमती सुमन गोयल, ट्रस्टी अनुराग यादव, श्रीमती विनीता सुगंधी, आशीष सुगंधी, राजवीर सिंह, महेश यादव, इंग्लैंड से कमल जी, श्रीमती कुसुम शास्त्री मेरठ, विमल भदौरिया ग्वालियर, शोभाराम जी छत्तीसगढ़, हरमेश कुमारी गंगानगर, ब्रज भूषण और मीडिया समन्वयक कुमार ललित प्रमुख रूप से मौजूद रहे। ट्रस्टी मयंक वैद्य ने संचालन किया।