श्रीमती पद्मावती 'पदम' के काव्य-संग्रह का संस्कृति भवन में हुआ लोकार्पण,गणमान्य साहित्यकारों की मिली सराहना।



समसामयिक प्रसंगों पर सकारात्मक दृष्टिकोण की खूबसूरत अभिव्यक्ति है 'जीवन अपना एक समंदर'।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। प्रतिभा संपन्न कवयित्री श्रीमती पद्मावती 'पदम' के काव्य संग्रह 'जीवन अपना एक समंदर' का लोकार्पण रविवार शाम बाग फरजाना स्थित संस्कृति भवन में आगरा के गणमान्य साहित्यकारों द्वारा किया गया। 

  मुख्य अतिथि समाजसेवी श्रीमती मधु बघेल ने अपने पति केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल के लोकार्पित पुस्तक के आवरण पर प्रकाशित संदेश का उल्लेख करते हुए पद्मावती की रचना धर्मिता को मुक्त कंठ से सराहा।

  वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजेंद्र मिलन ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि कवयित्री ने समसामयिक विविध विषयक प्रसंगों पर भावभीनी काव्यात्मक ऊष्मा को अपनी लेखनी से बखूबी उकेरा है। ये कविताएं समसामयिक प्रसंगों पर रचनाकार के सकारात्मक दृष्टिकोण की खूबसूरत और मार्मिक अभिव्यक्ति हैं।

 विशिष्ट अतिथि व साहित्य भूषण से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार सुशील सरित,अशोक अश्रु 'विद्यासागर' व स्वागताध्यक्ष प्रो. लवकुश मिश्रा ने भी पद्मावती की रचनात्मक सक्रियता और संवेदनशीलता की सराहना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। 

पद्मावती 'पदम' के पिताश्री विजय सिंह बघेल इस अवसर पर भावुक हो गए। उन्होंने अपनी बेटी को साहित्य जगत में और ऊंचाइयां हासिल करने के लिए जी भर आशीर्वाद दिया।

 साहित्य सेवी संजय गुप्त ने उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए,कहा कि संग्रह में पीड़ित जन की पीड़ा की अभिव्यक्ति है तो अध्यात्म और विज्ञान को भी समाज से जोड़ने का प्रयास किया गया है।

  रचनाकार श्रीमती पद्मावती 'पदम' ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कृति के द्वारा मैंने अपने अंतर्मन के चिंतन-मनन और पीड़ा के एहसास को कविताओं की शक्ल में प्रस्तुत किया है।

समारोह का संचालन करते हुए सुप्रसिद्ध गायिका व कवयित्री श्रीमती निशिराज ने कहा कि छंदों के बंध से परे उनकी उन्मुक्त कविताएं भाव प्रवण हैं,जिनकी आज के युग को महती आवश्यकता है।

  रीतेश निगोता, नितिन निगोता,डॉ.असीम आनंद, इंदल सिंह 'इंदु' ने भी पदमा की काव्य- प्रतिभा की सराहना की।

 इस दौरान परमानंद शर्मा, विजया तिवारी, विनय बंसल, हीरेंद्र नरवार, चंद्रशेखर शर्मा, शरद गुप्ता, प्रकाश गुप्ता बेबाक, मोहित सक्सेना, राकेश निर्मल, गया प्रसाद मौर्य रजत, पदम गौतम, रमेश आनंद, डॉ. यशोयश, चंद्रशेखर शर्मा, राजकुमार जैन, रजनी सिंह, दिग्विजय सिंह 'दुर्ग'',राहुल मिलन और कुमार ललित भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।