चैतन्य विहार मैदान में श्रीकृष्ण-रुक्मणी जी विवाहोत्सव की मंगल कथा और सुंदर झांकी ने किया भाव विभोर।

दूल्हा बने हैं नंदलाल कि जोड़ी का जवाब नहीं...।

जंगल में नहीं,संसार में रहकर काम-क्रोध पर विजय प्राप्त करना ही सच्ची साधना है: पूज्य संत चिन्मयानंद बापू।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

वृंदावन। विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा चैतन्य विहार मैदान में आयोजित दिव्य धार्मिक आयोजन में भागवत कथा के छठवें दिन महारास,गोपी उद्धव संवाद और रुक्मणी मंगल की कथा सुनने के साथ प्रभु के मंगल विवाहोत्सव की सुंदर झांकी का दर्शन कर बीस राज्यों से आए सैकड़ों श्रद्धालु भावविभोर हो गए। 

 कथा क्रम में पूज्य राष्ट्रीय संत चिन्मयानंद बापू ने समझाया कि जंगल में नहीं, संसार में रहकर काम-क्रोध पर विजय प्राप्त करना ही सच्ची साधना है। वह यौवन सुंदर है जिसके भीतर भक्ति की धारा बह रही है। हम लोग अगर अपनी जीवन यात्रा में प्रभु का नाम जपते हुए चलें तो हमारी यात्रा सफल हो जाए।

 उन्होंने कहा कि मैं और मेरा व्यर्थ का अभिमान है। यह दुख के कारण हैं। हम केवल माध्यम हैं। करने-कराने वाला कोई और है। 

 उन्होंने समझाया कि भगवान ने हमको कचरा या बुराई देखने को नहीं, अपितु अच्छाई देखने को ये आंखें प्रदान की हैं। हमें गंदगी पर बैठने वाली मक्खी नहीं, शहद बांटने वाली मधुमक्खी बनना चाहिए। 

  उन्होंने कहा कि हर वैष्णव को एकादशी व्रत जरुर रखना चाहिए। धार्मिक नहीं तो शारीरिक दृष्टि से ही सही लेकिन 15 दिन में एक दिन पेट को भी संडे की छुट्टी दो‌। आयुर्वेद कहता है कि स्वस्थ जीवन के लिए निराहार या फलाहार पर रहना आवश्यक है।

 इस दौरान ऐसौ रास रच्यो वृंदावन,है रही पायल की झंकार और दूल्हा बने हैं नंदलाल कि जोड़ी का जवाब नहीं भजनों पर सब झूम उठे। 

मुख्य यजमान श्रीमती जागृति द्विवेदी, सुधांशु द्विवेदी, श्रेतिमा द्विवेदी, विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी और आगरा के प्रमुख समाजसेवी पार्षद मुरारीलाल गोयल पेंट वाले, मुख्य ट्रस्टी इंद्रपाल सिंह भाटिया, अंबरीश शर्मा (गुड्डू भैया), अनुराग यादव, मयंक वैद्य, राजवीर सिंह, अर्चना शास्त्री, कृष्ण बिहारी द्विवेदी, कमलेश अग्रवाल, कुसुम शास्त्री, महेंद्र गुर्जर, विनीता सुगंधी, पप्पू भदौरिया, जयदत्त पांडे और मीडिया समन्वयक कुमार ललित प्रमुख रूप से मौजूद रहे।