संत रामकृष्ण कन्या महाविद्यालय शिवपुरी,बल्केश्वर में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन।



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा: संत रामकृष्ण कन्या महाविद्यालय शिवपुरी,बल्केश्वर में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर,आजादी का अमृत महोत्सव (मेरी माटी मेरा देश) के अन्तर्गत कवि सम्मेलन काव्य रस का आयोजन किया गया।

 कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि माननीय श्री पुरुषोत्तम खंडेलवाल जी (विधायक उत्तरी विधानसभा क्षेत्र), विशिष्ट अतिथि कैप्टन डॉ. जयपाल सिंह चौहान जी ,महाविद्यालय सचिव श्री मनमोहन चावला द्वारा संयुक्त रूप से मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रचलित कर किया गया।

महाविद्यालय सचिव द्वारा मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि एवं नौ कवियों गौरव चौहान (हास्य ओज ), श्री राम बाबू सिकरवार (पैरोडी किंग), मनोज मधुबन(गीतकार), श्री मोहित सक्सेना(वीर रस), अलका अग्रवाल ( गीतकार दोहा छंद), श्री पदम गौतम (वीर रस ओज), कांची सिंघल ,(श्रृंगार), श्री अभिषेक शर्मा ( गीतकार श्रृंगार )कवियों को माला,पटका पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत एवं सम्मान किया गया।

 कार्यक्रम की शुरुआत श्रृंगार की कवित्री कांची सिंघल ने भारत माता की जय के साथ की जिसमें उन्होंने कभी सम्मेलन के बारे में बताया कि कवि सम्मेलन एक संस्कार सम्मेलन है कविता हमारे देश की दशा को बदलती है तथा भावी पीढ़ी का मार्गदर्शन करती है।

वीर रस के कवि पदम गौतम जी ने मां शारदे की वंदना की और उन्होंने सभी कवियों का परिचय करवाया।

 उन्होंने बताया कि प्रेम किरदार दोहरा नहीं हो सकता, कीमती से कीमती बिस्तर पर सो लेना मां के आंचल से अच्छा बिछोना नहीं हो सकता। मीठे फल देने वाले बीजों को बोना पड़ता है, मां जब भी संस्कारों को देना भूल जाती है तो बच्चों को चक्रव्यू का शिकार होना पड़ता है। 

गीतकार एवं श्रृंगार के कवि अभिषेक शर्मा ने मंच पर आसीन सभी को प्रणाम करते हुए नहीं बैर से इंसान का नाता ,यही में प्रभु से बार-बार प्रार्थना करता हूं इसके पश्चात उन्होंने कहा हिंदी मां सभी को साथ लाई है सदियों से दासता में जी रही मां भारती की स्वतंत्रता, तन तो क्या मन भी स्वतंत्र नहीं था।

 अंत में उन्होंने आजादी चाहने वालों के लिए भी दो पंक्तियां सुनाई। गीतकार दोहा एवं छंद की कवित्री अलका अग्रवाल जी ने कहा लौटा दो फिर मुझे वही हिंदुस्तान भजन जहां पर गाते थे श्याम के रसखान अंत में उन्होंने सुनाया खंड खंड बैठकर अखंड हो गई ज्योति से बन गई ज्वाला भर हुंकार।

 गीतकार मनोज मधुवन ने कहा आपसे मुलाकात करने चला आया हूं ,करने प्यारी बात चला आया हूं।आपका साथ मिले बस यही गुजारिश है मेरी लेकर गीतों की सौगात चला आया हूं। सरहदों पर हुए शहीदों के नाम सलाम करता हूं।

 कवि मोहित सक्सेना जी ने कविता पढ़ी यह धारा कितनी पूज्यनीय है,पहली बार में बोलत नहीं दूसरी बार में नहीं करते राय तीसरी बार में छोड़ते नहीं चौथी बार में चलती है तलवार।

 कार्यक्रम के अंत में आभार व्यक्त किया और इस सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद दिया।

 कार्यक्रम में अन्य सम्मानित अतिथियों में श्री विजेंद्र रायजादा (एडीओ पंचायत आगरा), गौरव सिकरवार, ठाकुर राजवीर सिंह, करनल जे एम खान, आदर्श नंदन गुप्ता (वरिष्ठ पत्रकार), श्री रविंद्र तिवारी जी (प्रधानाचार्य, सरस्वती शिशु मंदिर), सोनी त्रिपाठी मयंक दुआ जी एवं महाविद्यालय निदेशक रविकांत चावला, व्रजवानी के प्रमुख श्री संजीव शर्मा जी एवं राखी त्यागी जी व सभी प्रवक्तागण उपस्थित रहे।