ईश्वर और प्रकृति के मिलन का प्रतीक है शिव−पार्वती विवाहःश्याम सुंदर पाठक।



माथुर वैश्य केंद्रीय महिला मंडल द्वारा किया जा रहा है महाशिवपुराण कथा का आयोजन।

मुरैना से आए कलाकारों ने दी शिव− पार्वती विवाह झांकी की प्रस्तुति,भाव विभाेर हुए भक्त। 

 पर्यावरण का संरक्षण का संदेश देते हुए कथा स्थल पर प्लास्टिक का प्रयोग है निषेध।  

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। शिवजी बिहाने चले,पालकी सजाय के,भभूति रमाय के…डम− डम डमरू बज रहा था, देवताओं संग बारात में चल रहे थे भूत, प्रेत और गण भी, उधर हिमालय− मैना रानी की पुत्री पार्वती लजाती शर्माती बैठी थीं प्रतिक्षा में,

 अपने शिव की तपस्या में।

 हरिहर मास के अवसर पर माथुर वैश्य केंद्रीय महिला मंडल द्वारा आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के चौथे दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह प्रसंग कथा व्यास पंडित श्याम सुंदर पाठक द्वारा वर्णित किया गया। 

पचकुइयां स्थित माथुर वैश्य सभागार में चल रही श्री शिव महापुराण कथा प्रसंग से पूर्व भगवान शिव -माता पार्वती और शिव महापुराण की विधिवत पूजा-अर्चना की गयी। यजमान प्रतिष्ठा− डॉ. अजय गुप्ता, सुषमा− डॉ. पी के गुप्ता, पदमा− अरुण गुप्ता, ओमवती− श्री भगवान रैपुरिया, आशा− विनोद सर्राफ, नलिनी− अशोक गुप्ता, संगीता− अचल गुप्ता और मनोरमा−ओमप्रकाश गुप्ता थे। 

कथा व्यास श्याम सुंदर पाठक ने कहा कि शिव पार्वती विवाह प्रकृति और ईश्वर का मिलन है। मनुष्य प्रकृति के बंधन में है और प्रकृति परमात्मा का मिलन ही शिव पार्वती विवाह का प्रसंग है। उन्होंने कहा कि कहा कि वर्तमान दौर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जो दुखी न हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता है कि हम भगवान का स्मरण करना ही छोड़ दें। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे।

 भगवान का नाम स्मरण करने मात्र से हर एक विषम परिस्थिति को पार किया जा सकता है। इसलिए हम सभी को भगवान के नाम का स्मरण करना चाहिए। कथा व्यास ने शिव- माता पार्वती विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि माता पार्वती ने हिमालय राजा के यहां पर जन्म लिया था। पार्वती बचपन से ही भगवान भोलेनाथ को मानती थी। इसीलिए भोलेनाथ से माता पार्वती का विवाह हुआ। भोलेनाथ व माता पार्वती के विवाह के पहले से ही तारकासुर राक्षस का तीनों लोक में अत्याचार था और उसका वध भोलेनाथ व माता पार्वती के पुत्र से होना था। इसीलिए भोलेनाथ व माता पार्वती का विवाह पहले से ही होना तय था। यानी यह सब लीला भगवान की थी। इस दौरान मुरैना से आये कलाकारों ने शिव विवाह की विशेष प्रस्तुति दी, जिसे देखकर श्रद्धालु भाव विभाेर हो झूमने लगे। 

नारी शक्ति की मिसाल बना आयोजन।

केंद्रीय महिला मंडल अध्यक्ष दीपिका डॉ प्रवीन गुप्ता ने बताया कि शिव महापुराण कथा का आयोजन नारी शक्ति द्वारा किया जा रहा भव्य आयोजन समाज में मिसाल बन रहा है। देशभर से 165 महिला मंडल आयोजन में सहभागिता कर रहे हैं। वहीं पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखते हुए महिलाएं प्लास्टिक का प्रवेश कथा परिसर में नहीं होने दे रहीं। 

इन्होंने संभाली व्यवस्था। 

कार्यक्रम में माथुर वैश्य महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशाेक गुप्ता, केंद्रीय युवादल अध्यक्ष आकांश मैरोठिया, सुनील गुप्ता, डॉ मधुरिमा दिनेश, कमलेश अशोक, शशि, नीलम, शाेभा, शालिनी, कमलेश, रीता, गीता, अनीता, राधा, कंचन, अवनीश, रूपम, अनीता, कामना, नीरा,शालिनी, आगरा मंडल अध्यक्ष अशाेक कुमार, विनोद कुमार, अचल कुमार, श्रीभगवान रैपुरिया, बाबू रोशन लाल आदि व्यवस्था संभाल रहे हैं।