आई फ़्लू यानि कंजेक्टिवाइटिस में होम्योपैथी दवाएं हैं कारगर:डॉ.श्रेय सारस्वत।एमबीबीएस(DNB)एम.एफ.(होम्योपैथी)Std.london.


हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा: सुप्रसिद्ध चिकित्सक, डॉ. श्रेय सरस्वत,जो एम.बी.बी.एस (DNB) हैं। जो एम्स,अपोलो आदि में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। डॉ.सारस्वत,एलोपैथी चिकित्सा छोड़कर,होम्योपैथी चिकित्सा में सक्रिय हैं। उन्होंने एम.एफ.(होम्योपैथी)Std London किया।

उन्होंने बताया कि संक्रामक एवं असाध्य रोग,नई- नई बीमारियों पर भी होम्योपैथी अधिक कारगर है। होम्योपैथी चिकित्सा जो नैनो टेक्नोलॉजी पर आधारित है,जो वर्तमान में अधिक कारगर साबित हो रही है।

 आज कल बरसात के मौसम में कंजेक्टिवाइटिस यानि आई फ्लू बहुत तेजी से फैल रहा है,वैसे तो बरसात के मौसम में कई तरह की बीमारियां पैदा हो जाती है लेकिन इस समय आई फ्लू काफी तेजी से फैल रहा है।

 स्वास्थ्य विभाग भी इसके लिए अपने दिशा निर्देश जारी कर चुका है और सभी तरह की व्यवस्थाएं स्वास्थ्य विभाग द्वारा कर ली गई हैं,जिससे यह रोग घातक ना बन सके। 

आई फ्लू में सबसे पहले आंखों में जलन, दर्द,आंखों से पानी निकलने के साथ साथ आंखों का सफेद वाला हिस्सा लाल हो जाता है। आई फ्लू से पीड़ित रोगी को दूसरे लोगों से मिलने से परहेज करना चाहिए।आँखों की सफाई का ध्यान रखें,आंखों को बार बार रगड़ने से बचें और अगर हो सके तो आंखों में गुलाब जल डालें।

 वैसे तो यह रोग,तीन से पांच दिन में ठीक हो जाता है अगर दिक्कत अधिक है तो किसी योग्य होमियोपैथी चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें। 

होम्योपैथी में यूफ्रेसिया,बैलाडोना दवाओं के साथ साथ और भी कई दवाएं हैं जो आई फ्लू को ठीक करती हैं।

इनकी तीन तीन बूंदे,तीन बार लें। इन्हें जल में डाल कर पी सकते हैं।

रोगी को अवश्य फायदा होगा।

इन दवाओं का इस्तेमाल किसी योग्य होम्योपैथी चिकित्सक से परामर्श करके ही करें।

- आई फ्लू के लक्षण।

1 आंखों में लाली आना।

2 लगातार खुजली जलन होना धुंधली दृष्टि एवं नम आंखें।

3 प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, सूजी हुई पलकें।

4 पलकों का पपडी दार होना,दृष्टि संबंधित समस्याएं।

- संक्रमण को फैलने से कैसे रोकें।

कंजक्टिवाइटिस को फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई रखना सबसे जरूरी है, इसके अलावा इन बातों का ध्यान भी रखें।

1 अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुए।

2 जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं।

3 अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया,आई कॉस्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।

4 अपने रूमाल,तकिये के कवर,तौलिये आदि चीजों को रोज धोएं।

5  जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं। अपने रूमाल,तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज धोएं।

6 विशेषज्ञ से संपर्क करके,इलाज कराएं।

7 घर से बाहर या धूल में निकलने से पहले चश्मा पहनें।

8 अपने तकिए के कवर को बार-बार बदलें।

- क्या ना करें।

1 अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं। आंखों को हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए।

2 अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया,तकिया,आई कॉस्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें ।

3 खुद से ही या ओवर द काउंटर दवाओं या आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल न करें।

4 आंखे ठीक होने तक आपको कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से बचें।