- राधाष्टमी के अगले दिन नंदोत्सव की भांति होगा दधिखाना उत्सव।
- श्री प्रेम निधि मंदिर में जुटेंगे सैंकड़ों युवा,देर रात तक होगा राधा नाम संकीर्तन।
− द डिवोशनल यूथ फेस्ट के माध्यम से जोड़े जाएंगे आगरा के युवा आध्यात्म से।
- मुख्य अतिथि कैलाश मंदिर के महंत श्री निर्मल गिरी,श्री मनः कामेश्वर मंदिर के महंत श्री योगेश पुरी और प्रमुख उद्यमी श्री पूरन डावर होंगे।
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा। सोशल मीडिया और यू ट्यूब की दुनिया में कैद होकर रहने वाले युवाओं को आध्यात्म और सनातन धर्म से जोड़ने का प्रयास करते हुए श्री बल्लभ यूथ आर्गेनाइजेशन अनूठी पहल करने जा रहा है।
24 सितंबर को आगरा में होने जा रहे द डिवोशनल यूथ फेस्ट में शहर के सैंकड़ों युवाओं को सनातन संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
शुक्रवार को कटरा हाथी शाह,नाई की मंडी स्थित श्री प्रेमनिधि मंदिर में द डिवोशनल यूथ फेस्ट के पोस्टर का विमोचन किया गया। मुख्य चरण सेवक शिवम कुमार शिवा ने कहा कि, कहते हैं देश हवा,मिट्टी और पानी से बना है, देश पुरखाें की कहानी से बना है, खून से हस्ताक्षर कर दे जो गगन पर देश वो पागल जवानी से बना है। युवा पीढ़ी को इसी जज्बे से जोड़ने के लिए आगरा में पहली बार द डिवोशनल यूथ फेस्ट आयोजित किया जा रहा है।
आशीष बल्लभ पचौरी ने बताया कि राधाष्टमी के अगले दिन 24 सितंबर को नंदोत्सव की भांति ही दधिखाना उत्सव मनाते हुए फेस्ट होगा, जिसकी शुरुआत बधाई और सोहर गायन के साथ होगी।
मुख्य अतिथि कैलाश मंदिर के महंत निर्मल गिरी,श्री मनः कामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी और प्रमुख उद्यमी पूरन डावर होंगे। सायं 6 बजे से देर रात तक राधानाम संकीर्तन होगा। मुख्य सेवायत हरिमोहन गोस्वामी ने बताया कि मंदिर प्रांगण में आधुनिक वाद्य यंत्रों पर करीब एक दर्जन युवा संकीर्तन करेंगे। दिनेश पचौरी ने जानकारी दी कि संकीर्तन में 200 से अधिक युवाओं की भागीदारी रहेगी, ताकि शहर के अन्य युवाओं के लिए ये प्रेरणास्त्रोत हो सके।
सुनीत गोस्वामी ने कहा कि वर्तमान में युवाओं की दुनिया मोबाइल में समेट कर रह गयी है। उन्हें उस नीली रोशनी की दुनिया से निकाल कर श्रीश्याम बिहारी के नीले प्रकाश में लाने का ये प्रयास होगा। आयोजन का समापन प्रसादी के साथ होगा। पोस्टर विमोचन के अवसर पर मनीष धाकड़, सचेंद्र शर्मा, राहुल, रानू पचौरी, राजेश धाकड़, लक्की शिवहरे, अंकित शर्मा, हिमालय प्रताप सिंह, हर्ष खंडेलवाल आदि उपस्थित रहे।
क्या है दधिखाना उत्सव।
दिनेश पचौरी ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्म के बाद गोकुल में नंदबाबा के घर नंदोत्सव की धूम रही थी। जिसमें उपहारों की वर्षा की गयी थी। उसी तरह श्रीराधा रानी के जन्म पर बरसाना में बृषभानु और माता कीर्ति जी ने उत्सव मनाया था, जिसे दधिखाना उत्सव कहा जाता है।
संकीर्तन की हो रही आधुनिक तरीके से तैयारी।
युवाओं को राधानाम संकीर्तन से जोड़ने के लिए आधुनिक तरीके से तैयारी शुरू हो चुकी है। सोशल मीडिया पर वीडियो और ईकार्ड के माध्यम से युवाओं को जोड़ा जा रहा है। फेस्ट में राधानाम संकीर्तन बैंड की धुन पर होगा, जिसमें आधुनिक वाद्य यंत्र शामिल होंगे। एक दर्जन युवाओं का बैंड ग्रुप अपनी प्रस्तुति देगा और विभिन्न धुन में राधा नाम गूंजेगा।