आगरा: इंडियन सोसाइटी ऑफ होम्योपैथी और हैनीमैंन एजुकेशन डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा 9वीं नेशनल होम्योपैथिक कॉन्फ्रेंस होमोकोन भव्य आयोजन।



हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा: इंडियन सोसाइटी ऑफ होम्योपैथी और हैनीमैंन एजुकेशन डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा 9वीं नेशनल होम्योपैथिक कॉन्फ्रेंस "होमोकोन" का भव्य आयोजन किया गया। 

उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल व अंतराष्ट्रीय होम्योपैथिक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आलोक पारीक ने किया।

मुख्य अतिथि प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि आगरा होमोपेथिक में डॉ. पारीक के नाम से भी जाना जाता है । एलोपेथी समाप्त होती है तो होम्योपैथी शुरू होती है। अब होम्योपैथी को लेकर भ्रांतियां भी कम हुई है। ये कारागार है पर हम जल्दी में है यहां रोग का स्थायी समाधान होता है।

इंडियन सोसाइटी ऑफ होम्योपैथी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.आदित्य पारीक ने बताया कि मनोचित्सा के पहले सत्र में अलग-अलग विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। इसमें मुख्यधारा के रूप में होम्योपैथी चिकित्सा के रूप में अवसाद के मामलों में पर डॉ. मोनिका श्रीवास्तव ने बताया। सामाजिक चिंता विकार और उपचार के रूप में होम्योपैथी और माइंडफुलनेस तकनीकों की भूमिका और अनुप्रयोग पर डॉ.जयिता चौधरी ने जानकारी दी। पर्सिविंग माइंड रूब्रिक्स और इसका नैदानिक ​​अनुप्रयोग पर डॉ. निशांत सारस्वत एवं बाझपन का इलाज सम्भव एवं सस्ता,पर प्रो.(डॉ.) कैलाश चन्द्र सरस्वत एवं और भारत में होम्योपैथिक शिक्षा पर डॉ. तारकेश्वर जैन ने अपने विचार रखे।

होम्योपैथी चिकित्सीय विज्ञान के दूसरे सत्र में थ्रोम्बोएन्जाइटिस ओब्लिटरन्स के उन्नत मामलों का साक्ष्य आधारित उपचार पर डॉ राजेंद्र गुप्ता और घुटने की विकलांगता और होमियो ऑर्थो हीलिंग पर डॉ. पंकज श्रीवास्तव ने अपने विचार रखे। तीसरे सत्र में रोगजनक कवक के खिलाफ होम्योपैथिक दवाओं की इन-विट्रो स्क्रीनिंग पर डॉ. गिरीश गुप्ता, बालों के माध्यम से दवा का संचरण, साक्ष्य आधारित मामलों के साथ एक नैदानिक ​​​​अध्ययन पर डॉ. रवि सिंह और कैंसर जीव विज्ञान पर डॉ एम एस चतुर्वेदी ने व्यख्यान दिया।

कांफ्रेंस में श्रीलंका, नेपाल सहित देशभर से लगभग 400 चिकित्सकों ने शिरकत की। कॉन्फ्रेंस में पोस्ट कोविड के बाद आई समस्याओ और उपचार पर भी मंथन किया। 

 मंच से वार्षिक स्मारिका का विमोचन भी किया गया। आयोजन में स्वागताध्यक्ष प्रो.(डॉ.) कैलाश चंद्र सारस्वत की भूमिका सराहनीय रही। मंच संचालन एडवोकेट रवि अरोरा ने किया। धन्यवाद डॉ.आदित्य पारीक ने दिया।

इन्हें मिला होम्योपैथी में योगदान पर अवार्ड।

लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से डॉ. जेडी. दरानी, होमोपेथी एक्सीलेंट अवार्ड से डॉ.आरके भाटिया, लाइफ टाइम होमोपेथिक रिसर्च अवार्ड से डॉ.पवन पारीक, डॉ. डीपी रस्त्तोगी मेमोरियल अवार्ड से डॉ.नीतिका पारीक, डॉ. अनुरुद्ध वर्मा मेमोरियल अवार्ड से प्रो. (डॉ.) कैलाश चन्द्र सारस्वत, डॉ. प्रफुल विजयकर अवार्ड से डॉ. अनिल गौतम, डॉ. शेखर टंडन मेमोरियल अवार्ड से डॉ. अजीत शर्मा, डॉ.एनडी सिन्धी मेमोरियल से डॉ राजेंद्र सिंह, डॉ. कान्त मेमोरियल अवार्ड से डॉ. विकास त्रिपाठी को नवाजा गया।

डॉ. बुरुनेत्त अवार्ड से डॉ.भक्त वत्सल, डॉ. अखिलेश श्रीवास्तव मेमोरियल अवार्ड से डॉ. ममता पंकज, डॉ. एस एम देसार्दा अवार्ड से डॉ. मिराज अहमद अंसारी, डॉ. हेमन बेनर्जी मेमोरियल अवार्ड से डॉ नरेन्द्र पाठक, डॉ. सोहन लाल मेमोरियल अवार्ड से डॉ एसएस गुप्ता, डॉ. सी एफ एस हैनीमैंन मेमोरियल अवार्ड से डॉ वीके जैन, डॉ सीपी गोयल मेमोरियल अवार्ड से डॉ शहीद खान, डॉ कृपाल सिंह बक्शी अवार्ड से डॉ मोहित सत्संगी और डॉ कुतुबुल हक मेमोरियल अवार्ड से डॉ.दानिश सम्मानित किया।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।