पितृ पक्ष में भागवत कथा सुनना बनता है पितरों की मुक्ति का माध्यमः आचार्य सुशील महाराज।

 


− महाराजा अग्रसेन भवन, लोहामंडी में आरंभ हुई श्रीमद् भागवत की अमृत वर्षा 

− पहले दिन पीत परिधानों में श्रद्धालुओं ने निकाली बैंड बाजे के साथ कलश यात्रा 

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। पितृ पक्ष के अवसर पर लोहामंडी स्थित महाराजा अग्रसेन भवन में श्रीमद्भागवत कथा आरंभ की गई। शनिवार को कथा से पूर्व जयपुर हाउस स्थित हनुमान मंदिर से कलश यात्रा निकाली गई। 

मुख्य यजमान विकास गुप्ता एवं पूनम गुप्ता द्वारा श्रीमद्भागवत जी का विधिवत पूजन किया। बैंड बाजों के साथ यात्रा आरंभ हुई। 

पीत परिधानों में श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा में भाग ले पुण्य कमाया। 

कथा व्यास अन्तर्राष्ट्रीय युवा संत आचार्य सुशील महाराज (वृंदावन) ने कथा का आरंभ करते हुए कहा कि पितृ पक्ष में कथा का श्रवण करने से पितरों को शांति मिलती है। वहीं श्रद्धालुओं के परिवारों के लिए पुण्यदायी भी रहती है। 

उन्होंने कहा कि श्रद्धा भाव से पितरों के पूजन एवं तर्पण से मानव को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। मनुष्य देव, पितृ और ऋषि का ऋणि होता है। भागवत सुनने से उन्हें इन ऋणाें से मुक्ति मिल जाती है। कथा व्यास ने आगे कहा कि वर्तमान में लोग अपनी संस्कृति और सभ्यता को भूलते जा रहे हैं। लोगों को पितरों के तर्पण− श्राद्ध का विधि विधान से पालन करना चाहिए ताकि उनके पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होगी। आयोजन में रविवार को सुकदेव एवं परिक्षित जन्म कथा प्रसंग होगा। कार्यक्रम की व्यवस्था हिमांशु गुप्ता, पार्षद हेमंत प्रजापति, रिषभ गुप्ता,श्रेया,सुरभि, नीरज शिवहरे, अशोक गोला, संतोष अग्रवाल,अमित बंसल आदि ने संभाली।