जिसके पास श्रीहरि रूपी सुन्दर धन हो..वे हैं सुदामा: व्यास पीठाचार्य डॉ.श्यामसुन्दर पाराशर।



राज देवम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में आज व्यास पीठाचार्य डॉ.श्यामसुन्दर पाराशर ने सुदामा चरित्र व भागवत कथा सार के साथ दिया कथा को विश्राम।

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। जो जीवन में असंतुष्ट और जिसकी तृष्णा बहुत बड़ी हो वह गरीब हैं,और सुदामा वे हैं जिनके पास श्रीहरि रूपी सुन्दर धन है। व्यासपीठाचार्य डॉ. श्याम सुन्दर पाराशर ने कथा के अंतिम दिन भावपूर्ण सुदाना चरित्र की व्याख्या करते हुए कहा कि राम नाम रुपी सिक्का सिर्फ विश्व में ही नहीं बल्कि समस्त लोकों में चलता है। रामनाम की मुद्रा से ही सुख सम्पत्ती आती है। असली धनवान वही है जिसके पास राम नाम की मुद्रा है। 

फतेहाबाद रोड स्थित राज देवम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में आज भगवताचार्य डॉ.श्यामसुन्दर पाराशर ने सुदामा चरित्र का ऐसा सचित्र वर्णन किया कि कथा पंडाल दीन बंधु भगवान व सुदाना महाराज के जयकारों से गूंज उठा। कहा कि भला सुदामा कैसे दरिद्र हो सकते हैं जिनके पैर जगतपिता दबा रहे हैं और माता लक्ष्मी पंखा झल रही है। धन के आने जाने का कष्ट मालिक को होता है, सेवक को नहीं। इसलिए कष्टों से मुक्ति चाहिए तो गोविन्द का सेवक बनकर रहिए। सब कन्हैया पर छोड़ दो। शुद्ध चित के लोगों का हृदय प्रभु की भक्ति में लगता है। कहा भगवान के समरण मात्र से ही तन और मन पवित्र हो जाते हैं। श्रीहरि के सभी अवतारों का भरत भूमि पर अवतरण के बारे में बताते हुए कहा कि भारत प्रभु का हृदय है। इसलिए यहां श्रीहरि की कृपा के बिना जन्म सम्भव नहीं। भारत से धर्म की हानि हुई तो विश्व छिन्न भिन्न हो जाएगा। भगवतासार में बताया कि 56 करोड़ यदुवंशी आपस में लड़कर ही समाप्त हो गए। सिर्फ कुछ ही बचे। बहेलिया का तीर लगने से श्रीहरि के शरीर से जो प्रकाश निकला वह आज भी श्रीमद्भागवत कथा के रूप में आज भी हमारे बीच है। कलियुग में हजारों बुराईयां हैं, परन्तु हरिनाम संकीर्तन करने वालों पर कलियुग का प्रभाव नहीं पड़ता। श्रीमद्भागवत कथा में डांडिया के आयोजन में सांसद एसपी सिंह बघेल व उनकी धर्मपत्नी ने भी डांडिया खेला। संतोष शर्मा व नकी धर्मपत्नी ललिता शर्मा ने आरती कर सभी श्रद्धालुओं को 23 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे से भण्डारे के लिए आमंत्रित किया। 

इस अवसर पर मुख्य रूप से कैबिनेट मंत्री सांसद एसपी सिंह बघेल, सांसद राजकुमार चाहर, सीमा उपाध्याय, रामसकल गुर्जर, श्रीमनःकामेश्वर के महन्त योगेश पुरी, संघ के प्रमोद शर्मा, दिनेश शर्मा, हरीश रौतेला, मधुसूदन शर्मा, आईपीएस केशव चौधरी, आनन्द शर्मा, प्रीति माहेश्वरी,   

ब्रह्म की एक ज्योति के दो प्रकाश हैं राधा और रुक्मणी।

 व्यासपीठाचार्य डॉ. श्याम सुन्दर पाराशर ने कहा कि श्रीराधा और रुक्मणी एक ब्रह्म के दो प्रकाश हैं। ब्रह्माण का अंतिम आधार राधा है। सबका आधार श्रीराधा ही हैं। चंदा को मामा कहने की व्याख्या करे हुए कहा कि माता लक्ष्मी व चंद्रमा दोनों समुन्द्र मंथन से प्रकट हुए। इसलिए दोनों समुन्द्र के पुत्र और पुत्री हैं। माता लक्ष्मी जगत माता है है और उनके भाई जगत के मामा हुए। इसलिए चंद्रमा को मामा कहा जाता है। आज श्रीमद्भागवत कथा सुनने सुल्तानगंज की पुलिया स्थित वनवासी कल्याण आश्रम छात्रावास में शिक्षा ग्रहण कर रही आदिवासी छात्राएं भी कथा श्रवण करने पहुंची। 

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर हो रही बकवास।

 श्रीकृष्ण द्वारा शिशुपाल के वध की कथा का प्रसंग सुनाते हुए डॉ. श्यामसुन्दर पाराशर ने कहा कि जिस तरह द्वापर युग में कुछ लोग शिशुपाल जैसे लोगों के साथ थे, वैसे ही आज भी भारत की धरती पर भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाने वालों का साथ राजनैतिक लाभ के लिए दे रहे हैं। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर बकवास हो रही है। यह उदारता सिर्फ भारत में है जहां कहा जाता है कि विश्व का कल्याण हो। भारतीय सहनशील हैं, कायर नहीं। हमारी सहिष्णुता का जो लोग फायदा उठाने का प्रयास करें तो उन्हें उन्हीं की भाषा में समझाना भी आता है हमें। विश्व समुदाय को भारत का संदेश देते हुए कहा कि जो शांति से समझे से शांति से और जो क्रांति से समझे उसे क्रांति से समझाते हैं। पहले हम शांति के कबूतर उड़ा रहे थे। जब से हमने आतंकवाद फैलाने वाले पड़ोसी के घर में घुसकर थप्पड़ मरा है शांत है। शांतिप्रिय बनो मगर इतने नहीं कि लोग तुम्हें कायर समझ लें।